एज़ूस्पर्मिया की स्थिति तब होती है, जब किसी पुरुष के वीर्य में शुक्राणु नहीं होते। इसे सीधी भाषा में नपुंसकता भी कहा जा सकता है। वैसे तो यह इस बात पर निर्भर करता है कि एज़ूस्पर्मिया किस प्रकार का है। परन्तु ज्यादातर मामलों में इसका इलाज संभव है और नपुंसकता को ठीक किया जा सकता है।
सेक्स की समस्या : अस्थेनोस्पर्मिया या आस्थेनोजूस्पर्मिया (Asthenospermia or Asthenozoospermia)
स्पर्म यानि कि शुक्राणु की मोबिलिटी यानी चलने की गति जब धीमी होती है, तो ऐसी स्थिति को अस्थेनोस्पर्मिया या आस्थेनोजूस्पर्मिया के नाम से जाना जाता है। इसकी जांच के लिए लैब टेस्ट की जरूरत पड़ती है।
सेक्स की समस्या को दूर करने के लिए आयुर्वेदिक दवाएं
आयुर्वेद के अनुसार शरीर सृष्टि के पांच तत्वों से बना है – वायु, अग्नि, पानी, धरती और अंतरिक्ष। इन सारे तत्वों से 3 प्रकार की ऊर्जा प्रवाहित होती है – वात, पित्त, कफ। अगर कोई व्यक्ति किसी भी बीमारी से ग्रस्त होता है, तो इसका यही मतलब होता है कि इन तीन प्रकार की ऊर्जा में से कोई असंतुलित हुआ है। आयुर्वेद को यूं तो कॉम्प्लीमेंटरी एंड अल्टरनेटिव मेडिसिन (CAM) के रूप में ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। परन्तु आयुर्वेद की मदद से सेक्स संबंधित समस्याओं का समाधान दिया जा सकता है।
आइये कुछ आयुर्वेदिक तत्वों के बारे में जानते हैं, जो सेक्स क्षमता को बढ़ाने के लिए प्राचीनकाल से उपयोग किए जाते हैं।
अश्वगंधा
अश्वगंधा का जिक्र आयुर्वेद में 3000 साल से भी ज्यादा पुराना है। अश्वगंधा शरीर में स्फूर्ति बढ़ाने के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण मानी जाती है। ये काफी सारी स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं को ठीक करने में कारगर मानी गयी है। अगर व्यक्ति डायबिटीज या ब्लड प्रेशर की समस्या से पीड़ित है और इस कारण सेक्स जीवन का आनंद नहीं ले पा रहा है, तो अश्वगंधा काफी मददगार साबित हो सकता है। अश्वगंधा स्ट्रेस हॉर्मोन को भी कम करने में सहायक देखा गया है।
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शतावरी
शतावरी मुख्य रूप से भारत, नेपाल, श्रीलंका में पायी जाती है। शतावरी (Asparagus Racemosus) देखने में 1 से 2 मीटर लंबी होती है। सेक्स ड्राइव को बढ़ाने के लिए प्रचलित इस आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी का इतिहास 200 सालों से ज्यादा का है। प्राकृतिक रूप से शतावरी में कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो सेक्स के लिए उत्तेजना पैदा करते हैं। ये इरेक्टाइल डिसफंक्शन के लिए काफी लाभकारी मानी जाती है।
सेक्स समस्या का इलाज: सफेद मूसली
सफेद मूसली मूल रूप से भारत में मिलता है। आयुर्वेद के अलावा सफेद मूसली का इस्तेमाल यूनानी और होमियोपैथी में भी दवा बनाने के लिए होता है। सफेद मूसली को स्टैमिना बढ़ाने के लिए काफी अच्छा माना जाता है। इसके अलावा ये शुक्राणु से संबंधित समस्या में भी कारगर साबित हुआ है।