परिचय
सोरायटिक अर्थराइटिस क्या है?
सोरायटिक अर्थराइटिस, गठिया का ही एक रुप है जो सोरायसिस से पीड़ित कुछ लोगों को प्रभावित करता है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें कोहनी, घुटनों, टखनों, पैरों, हाथों और शरीर के अन्य हिस्सों की त्वचा पर लाल चकत्ते पड़ जाते हैं जिसमें खुजली होती है। कुछ लोगों में पहले सोरायसिस विकसित होता है और बाद में सोरायटिक अर्थराइटिस के लक्षण नजर आते हैं लेकिन कई बार स्किन पर लाल चकत्ते आने से पहले ही जोड़ों में समस्या हो जाती है।
जोड़ों में दर्द, ऐंठन और सूजन सोरायटिक अर्थराइटिस के मुख्य लक्षण हैं। यह उंगली और रीढ़ की हड्डी सहित शरीर के किसी भी अंग को हल्के या गंभीर रुप से प्रभावित कर सकता है। Psoriatic arthritis in the spine, called spondylitis, causes stiffness in the back or neck, and difficulty bending. Psoriatic arthritis also can cause tender spots where tendons and ligaments join onto bones. (ADD) अगर समस्या बढ़ जाती है तो आपके लिए गंभीर स्थिति बन सकती है । इसलिए इसका समय रहते इलाज जरूरी है। इसके भी कुछ लक्षण होते हैं ,जिसे ध्यान देने पर आप इसकी शुरूआती स्थिति को समझ सकते हैं।
कितना सामान्य है सोरायटिक अर्थराइटिस होना?
सोरायटिक अर्थराइटिस एक क्रोनिक ऑटोइम्यून डिजीज है। ये महिला और पुरुष दोनों में सामान प्रभाव डालता है। पूरी दुनिया में सोरायसिस और इंफ्लेमेटरी अर्थराइटिस से पीड़ित 15 से 20 प्रतिशत लोग सोरायटिक अर्थराइटिस से प्रभावित होते हैं। लगभग 80 प्रतिशत लोगों में अर्थराइटिस से पहले त्वचा रोग जबकि लगभग 15 प्रतिशत लोगों में सोरायसिस से पहले अर्थराइटिस होता है। ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
लक्षण
सोरायटिक अर्थराइटिस के क्या लक्षण है?
सोरायटिक अर्थराइटिस शरीर के कई सिस्टम को प्रभावित करता है। सोरायटिक अर्थराइटिस से पीड़ित हर व्यक्ति में प्रायः अलग-अलग लक्षण नजर आते हैं जो हल्के या गंभीर हो सकते हैं। सोरायटिक अर्थराइटिस जोड़ों, शरीर के एक या दोनों हिस्सों को प्रभावित करता है जिसके कारण ये लक्षण सामने आने लगते हैं :
- सोरायटिक अर्थराइटिस
- आंखों में दर्द
- जोड़ो में सूजन
- मॉर्निंग सिकनेस
- हाथ और पैर की उंगलियों में सूजन
- मांसपेशियों और टेंडन में दर्द
- शरीर के कई अंगों पर लाल चकत्ते
- नाखून टूटना
- थकान
- आंखें लाल होना
कभी-कभी कुछ लोगों में इसमें से कोई भी लक्षण सामने नहीं आते हैं और अचानक से स्कैल्प पर धारियां आ जाती हैं।
सिमेट्री सोरायटिक अर्थराइटिस शरीर के दोनों तरफ पांच या इससे अधिक ज्वाइंट को प्रभावित करता है जबकि एसिमेट्री अर्थराइटिस शरीर के विपरीत हिस्से में पांच से कम ज्वाइंट को प्रभावित करता है।
सोरायटिक अर्थराइटिस म्यूटिलेंस जोड़ों को खराब कर देता है। यह हाथ और पैर की उंगलियों को छोटा कर देता है। जबकि डिस्टल सोरायटिक अर्थराइटिस के कारण जोड़ों और उंगलियों में दर्द होता है।
इसके अलावा स्पॉन्डिलाइटिस सोरायटिक अर्थराइटिस के निम्न लक्षण नजर आते हैं :
- रीढ़ की हड्डी में दर्द और अकड़न
- कूल्हों और घुटनों में दर्द
- टखनों और पैरों में सूजन
- कोहनी, हाथ और कलाई में दर्द और ऐंठन
मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
ऊपर बताएं गए लक्षणों में किसी भी लक्षण के सामने आने के बाद आप डॉक्टर से मिलें। हर किसी के शरीर पर सोरायटिक अर्थराइटिस अलग प्रभाव डाल सकता है। यदि आपके जोड़ों में असामान्य दर्द होता हो और कोहनी, उंगली, घुटने और रीढ़ की हड्डी में सूजन और अकड़न हो तो किसी भी परिस्थिति के लिए आप डॉक्टर से बात कर लें।
कारण
सोरायटिक अर्थराइटिस होने के कारण क्या है?
सोरायटिक अर्थराइटिस तब होता है जब व्यक्ति के शरीर का इम्यून सिस्टम स्वस्थ कोशिकाओं और ऊतकों पर हमला करना शुरु कर देती है। असामान्य प्रतिरक्षा प्रणाली जोड़ों में सूजन पैदा करने के साथ ही त्वचा कोशिकाओं का अधिक उत्पादन करती है। यह स्पष्ट नहीं है कि इम्यून सिस्टम स्वस्थ ऊतकों पर अटैक क्यों करता है लेकिन पर्यावरणीय और आनुवांशिक कारक भी इस बीमारी को बढ़ाते हैं। परिवार में किसी सदस्य को यदि सोरायसिस या अर्थराइटिस हो तो आपको सोरायटिक अर्थराइटिस होने का जोखिम बढ़ सकता है। इसके अलावा बैक्टीरियल और वायरल इंफेक्शन भी सोरायटिक अर्थराइटिस की समस्या को बढ़ा सकते हैं। उम्र बढ़ने पर भी सोरायटिक अर्थराइटिस के लक्षण नजर आ सकते हैं। आमतौर पर 30 से 50 साल की उम्र के लोगों में यह समस्या देखी जा सकती है।
जोखिम
सोरायटिक अर्थराइटिस के साथ मुझे क्या समस्याएं हो सकती हैं?
सोरायटिक अर्थराइटिस से पीड़ित कुछ लोगों में अर्थराइटिस म्यूटिलेंस की समस्या हो सकती है जो सोरायटिक अर्थराइटिस का गंभीर रुप है। समय के साथ अर्थराइटिस म्यूटिलेंस हाथ और उंगलियों की छोटी हड्डियों को नष्ट कर देता है जिसके कारण स्थायी रुप से विकलांगता हो सकती है। सोरायटिक अर्थराइटिस से पीड़ित व्यक्ति को आंखों की बीमारियां जैसे कंजंक्टिवाइटिस या यूवेइटिस हो सकती है जिसके कारण आंखों में दर्द और लालिमा के साथ ही आंखों की रोशनी धंधली पड़ सकती है।
इसके अलावा सोरायटिक अर्थराइटिस से पीड़ित व्यक्ति में कार्डियोवैस्कुलर बीमारी होने का भी जोखिम रहता है। मोटापा, स्ट्रेस, धूम्रपान और एल्कोहल के सेवन, ड्राई स्किन और लिथियम तथा एंटी मलेरियल ड्रग्स के कारण सोरायटिक अर्थराइटिस से काफी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
उपचार
यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
सोरायटिक अर्थराइटिस का निदान कैसे किया जाता है?
सोरायटिक अर्थराइटिस का पता लगाने के लिए डॉक्टर शरीर की जांच करते हैं और मरीज का पारिवारिक इतिहास भी देखते हैं। To diagnose psoriatic arthritis, rheumatologists look for swollen and painful joints, certain patterns of arthritis, and skin and nail changes typical of psoriasis.(ADD) इस बीमारी को जानने के लिए कुछ टेस्ट कराए जाते हैं :
- एक्सरे- यह जांच हड्डियों और ज्वाइंट में सूजन और डैमेज का पता लगाने के लिए की जाती है। सोरायटिक अर्थराइटिस का डैमजे अन्य अर्थराइटिस से अलग होता है जिसका एक्सरे में निदान किया जाता है।
- एमआरआई- इसमें चुंबकीय और रेडियो तरंगों की सहायता से शरीर के कठोर और नरम ऊतकों का स्पष्ट चित्र लिया जाता है। यह टेस्ट पैर और कमर एवं पीठ टेंडन और लिगामेंट में समस्याओं का पता लगाने के लिए किया जाता है।
- सीटी स्कैन और अल्ट्रासाउंड- यह टेस्ट डॉक्टर को यह जानने में मदद करता है कि सोरायटिक अर्थराइटिस कितनी एडवांस स्थिति में है या ज्वाइंट कितना ज्यादा प्रभावित है।
- ज्वाइंट फ्लुइड टेस्ट- घुटने या ज्वाइंट से फ्लुइड का सैंपल लेकर कल्चर टेस्ट किया जाता है। यदि फ्लुइड में यूरिक एसिड के क्रिस्टल पाये जाते हैं तो आपको सोरायटिक अर्थराइटिस है।
- रुमेटॉयड फैक्टर- आरएफ एक एंटीबॉडी है जो रुमेटॉड अर्थराइटिस से पीड़ित व्यक्ति के रक्त में पाया जाता है। लेकिन सोरायटिक अर्थराइटिस के मरीजों के रक्त में आमतौर पर यह नहीं पाया जाता है। इसलिए इस बीमारी के सटीक निदान के लिए यह टेस्ट किया जाता है।
कुछ मरीजों में सी क्रिएटिव प्रोटीन, एरिथ्रोसाइट सेडिमेंटेशन रेट और लाल रक्त कोशिकाओं में एनिमिया की जांच करके सोरायटिक अर्थराइटिस का निदान किया जाता है।
सोरायटिक अर्थराइटिस का इलाज कैसे होता है?
सोरायटिक अर्थराइटिस का कोई सटीक इलाज नहीं है। लेकिन, कुछ थेरिपी और दवाओं से व्यक्ति में सोरायटिक अर्थराइटिस के असर को कम किया जाता है। सोरायटिक अर्थराइटिस के लिए कई तरह की मेडिकेशन की जाती है :
- जोड़ों में दर्द और सूजन को कम करने के लिए नॉन स्टीरॉयड एंटी इंफ्लेमेटरी ड्रग्स जैसे इबुप्रोफेन(Pronunciation-Ibuprofen), नेप्रोक्सेन सोडियम मरीज को दी जाती है।
- ज्वाइंट डैमेज से बताने और सोरायटिक अर्थराइटिस को बढ़ने से रोकने के लिए मेथोट्रेक्सेट, लेफ्लुनोमाइड और सल्फासेलाजिन दवाएं दी जाती हैं। एप्रेमिलास्ट एक नई दवा है जो सूजन पैदा करने वाले एंजाइम फोस्फोडाइस्टीरेज 4 को ब्लॉक कर देता है।
- इम्यूनोसप्रेंट्स मेडिकेशन एजेथियोप्रिन और साइक्लोस्पोरिन इम्यून सिस्टम पर कंट्रोल करके सोरायटिक अर्थराइटिस के लक्षणों को कम करने में मदद करती हैं।
- बायोलॉजिकल एजेंट्स जैसे एबेटासेप्ट, एडालिमैमेब, सर्टोलिजुमैब, एटेनेर्सेप्ट, गोलिमुमैब, इनफ्लिक्सिमैब, और टोफासिटिनिब भी सोरायटिक अर्थराइटिस के लक्षणों को कम करते हैं।
इसके अलावा स्टीरॉयड इंजेक्शन से भी सोरायटिक अर्थराइटिस के लक्षणों को कम किया जाता है। सोरायटिक अर्थराइटिस के कारण जोड़ों के गंभीर रुप से डैमेज होने की स्थिति में मेटल और प्लास्टिक के आर्टिफिशियल प्रोस्थेस से ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी की जाती है। साथ ही एनथ्रेलिन, कैल्सिट्रियॉल, सैलिसिलिक एसिड, स्टीरॉयड क्रीम, टेजारोटेन और लाइट थेरेपी से भी व्यक्ति में सोरायटिक अर्थराइटिस का इलाज किया जाता है।
घरेलू उपचार
जीवनशैली में होने वाले बदलाव क्या हैं, जो मुझे सोरायटिक अर्थराइटिस को ठीक करने में मदद कर सकते हैं?
अगर आपको सारोयटिक अर्थराइटिस है तो आपके डॉक्टर रोजाना कम से कम 30 मिनट तक टहलने, तैरने,बाइकिंग सहित अन्य वाटर एक्सरसाइज करने के लिए बताएंगे। साथ ही बॉडी को रेस्ट देने के लिए निकोटिन, धूम्रपान और एल्कोहल से पहरेज के लिए कहेंगे। इस बीमारी से बचने के लिए स्ट्रेस कम लेना चाहिए और नियमित रुप से मेडिटेशन, योग और शरीर एवं मस्तिष्क को शांत रखने वाली स्ट्रेस रिलीफ टेक्निक आजमाना चाहिए।
सिर्फ यही नहीं मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द को कम करने के लिए वार्म कंप्रेस या हॉट पैक का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके साथ ही उंगलियों से दरवाजा नहीं खोलना चाहिए और भारी सामान दोनों हाथों से उठाना चाहिए। इसके साथ ही डाइट और जीवन शैली में बदलाव करके भी सोरायटिक अर्थराइटिस से बचा जा सकता है। अपने आहार में ओमेगा 3 फैटी एसिड और अधिक मात्रा में पोषक तत्वों को शामिल करना चाहिए। दर्द और सूजन को दूर करने के लिए किसी भी आहार में हल्दी का सेवन करें। इसके साथ ही हर्बल टी और गोल्डेन मिल्क भी फायदेमंद है। सोरायटिक अर्थराइटिस से पीड़ित व्यक्ति को निम्न फूड्स का सेवन करना चाहिए:
- मछली
- बादाम
- अखरोट
- हरी पत्तेदार सब्जियां
- फल
- ओट्स
इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपको उपचार बता सकते हैं।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है, अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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