मल्टिपल स्क्लेरोसिस यानी एम एस की बीमारी हमारे शरीर के तंत्रिका तंत्र से जुड़ी हुई बीमारी है। मल्टिपल स्क्लेरोसिस के बारे में ये बात प्रचलित है कि ये बीमारी महिलाओं को पुरुषों की अपेक्षा अधिक होती है। रिचर्स में मल्टिपल स्क्लेरोसिस( multiple sclerosis)और सॉल्ट के साथ संबंध की बात सामने आई है।मल्टीपल स्क्लेरोसिस’ की बीमारी मुख्य रूप से स्पाइनल कॉर्ड और माइंड यानी दिमाग को प्रभावित करती है। मल्टीपल स्क्लेरोसिस की समस्या होने पर इम्यून सिस्टम भी प्रभावित होता है। इस बीमारी का कारण मुख्य रूप से अनुवांशिक माना जाता है, यानी पीढ़ी दर पीढ़ी ये बीमारी लोगों को प्रभावित करती है। कई बार ये बीमारी वातावरण के फैक्टर के कारण भी व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है। इस बीमारी के कारण शरीर में विकलांगता आ सकती है। मल्टिपल स्क्लेरोसिस डे के मौके पर जानिए कि आखिर क्या है ये बीमारी और नमक किस तरह से इस बीमारी को प्राभावित करता है।
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वर्ल्ड मल्टिपल स्क्लेरोसिस डे क्यों मनाया जाता है ?
मल्टिपल स्क्लेरोसिस डे को हर साल 30 मई के दिन पूरी दुनिया में अवेयरनेस के लिए सेलीब्रेट किया जाता है। साल 2020 में वर्ल्ड मल्टिपल स्क्लेरोसिस डे की थीम कनेक्शन (connections) है। मल्टिपल स्क्लेरोसिस कनेक्शन थीम से मतलब है कम्यूनिटी कनेक्शन से हैं। सेल्फ कनेक्शन की सहायता से इस बीमारी को हराना इस खास दिन का उद्देश्य है। मल्टिपल स्क्लेरोसिस से प्रभावित व्यक्ति खुद को अपने परिवार और समाज से अलग महसूस करने लगता है। इस दिन का उद्देश्य है कि ऐसे लोगों को सपोर्ट करने के लिए एक नेटवर्क बनाया जाए और उनकी केयर की जाए। मल्टिपल स्क्लेरोसिस अवेयरनेस ही लोगों को बीमार लोगों की मदद के लिए प्रेरित कर सकती है।
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मल्टिपल स्क्लेरोसिस की समस्या : सॉल्ट से टी सेल होती है प्रभावित
मल्टिपल स्क्लेरोसिस से पीड़ित व्यक्ति को कम नमक वाले खाने का सेवन करना चाहिए। सॉल्ट यानी नमक स्क्लेरोसिस से पीड़ित व्यक्ति के शरीर में सूजन का कारण बन सकता है।अधिक मात्रा में नमक मल्टिपल स्क्लेरोसिस की बीमारी को ट्रिगर करने का काम करता है। नेचर इम्यूनोलॉजी जर्नल में पब्लिश एक रिपोर्ट में इस बात की जानकारी मिली कि सॉल्ट की अधिक मात्रा लेने से टी सेल्स में समस्या उत्पन्न होती है। जिन लोगों में मल्टिपल स्क्लेरोसिस की समस्या होती है, अगर वो लोग फूड में ज्यादा सॉल्ट लेते हैं तो उनकी बीमारी अधिक बढ़ सकती है और शरीर में सूजन भी बढ़ सकती है।
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एम एस और नमक का संबंध क्या है ?
कुछ चूहों पर रिचर्स की गई और पाया गया कि सॉल्ट की शरीर में अधिक मात्रा पहुंचने पर चूहों के शरीर में सूजन आ गई। नेशनल मल्टीपल स्केलेरोसिस सोसाइटी में डिस्कवरी रिसर्च के निदेशक क्लॉड शोफिल्ड ने बताया कि चूहों पर किए गए शोध से नमक का संबंध साफ समझ आता है लेकिन फिर भी हमे कुछ और सुबूत की जरूरत है। शोध के दौरान पता चला है कि सोडियम के कारण टी सेल्स प्रभावित होती है और इसी कारण से शरीर में सूजन आ जाती है। सोडियम की अधिक मात्रा से हार्ट हेल्थ और ब्लड प्रेशर पर भी प्रभाव पड़ता है। स्टडी में ये बात सामने आई कि जो लोग सप्ताह में दो बार फास्ट फूड का सेवन करते हैं, उनके शरीर में अधिक सूजन की समस्या पाई गई।
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मल्टिपल स्क्लेरोसिस के क्या होते हैं लक्षण ?
मल्टिपल स्क्लेरोसिस (Multiple Sclerosis) की बीमारी हो जाने पर व्यक्ति को देखने में समस्या महसूस हो सकती है। ये बीमारी 20 साल से 50 साल के व्यक्ति में हो सकती है। ऐसे लोगों को कुछ भी सोचने पर समस्या महसूस हो सकती है। शरीर के कुछ भाग में झनझनाहट भी महसूस हो सकती है। इस बीमारी के कारण शरीर में कमजोरी महसूस होती है। खासतौर पर हाथ और पैरों में अधिक कमजोरी महसूस होती है। कई बार मरीज को यूरिन पास करने के दौरान भी समस्या महसूस हो सकती है। इस बीमारी के बारे में अधिकर लोगों को जानकारी नहीं है, इसलिए बीमारी के लक्षण के आधार पर जानकारी नहीं मिल पाती है।
बीमारी का पता लगाने के लिए एमआरआई किया जाता है। एमआरआई की सहायता से माइलिन नसों में सूजन के संकेत मिल जाते हैं। इस बीमारी को पूरी तरह से ठीक करना संभव नहीं होता है लेकिन बीमारी को नियंत्रित जरूर किया जा सकता है।
मल्टिपल स्क्लेरोसिस की समस्या : इन बातों का रखें ध्यान
अगर आपके घर में कोई व्यक्ति मल्टिपल स्क्लेरोसिस (Multiple Sclerosis) से पीड़ित है तो तुरंत उसका इलाज कराएं और साथ ही जीवनशैली में बदलाव भी बहुत जरूरी है। डॉक्टर बीमारी के लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए कुछ मेडिसिन देगें जिसे नियमित तौर पर लेना पड़ सकता है। बीमारी को नियंत्रित करने के लिए कॉर्टिकोस्टेरॉइड दवाएं मुख्य से दी जाती हैं। बीमार व्यक्ति को मेहनत वाला काम नहीं करना चाहिए। साथ ही हल्के व्यायाम भी करने चाहिए। इस बीमारी में शरीर का तापमान अधिक नहीं होना चाहिए, वरना बीमारी के लक्षण बढ़ जाते हैं। ऐसे में शरीर के तापमान को मेंटेन करना चाहिए। खाने में पत्तेदार सब्जियों को शामिल करना चाहिए। खाने में विटामिन डी को अवश्य शामिल करें।खाने में कम से कम वसा शामिल करना चाहिए। साथ ही खाने में 200 से 300 मिलीग्राम नमक लें, इससे अधिक मात्रा में नमक का सेवन बीमारी से पीड़ित व्यक्ति न करें। हेल्दी फूड के साथ ही स्मोकिंग से भी पूरी तरह से दूरी बना लेनी चाहिए।
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आपके घर में भी किसी व्यक्ति को उपरोक्त लक्षण दिखाई देते हैं तो लापरवाही न बरतें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। मल्टिपल स्क्लेरोसिस की समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है। अगर सही समय पर उपचार के साथ ही जीवनशैली में बदलाव किया जाए तो बीमारी से राहत मिल सकती है। हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
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