के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
लॉकजॉ जैसा की नाम से ही स्पष्ट है इसमें आपके जॉ यानी जबड़े लॉक हो जाते हैं या अकड़ जाते हैं जिसकी वजह से मुंह खोलने में दिक्कत होती है। लॉकजॉ होने पर आपके जबड़े किसी खास स्थिति में ही फ्रीज हो जाते हैं और आप मुंह ज्यादा नहीं खोल पाते हैं। लॉकजॉ कई कारणों से हो सकता है जिसमें कैंसर ट्रीटमेंट, टिटनेस या किसी दवा के साइड इफेक्ट की वजह से भी हो सकता है। लॉकजॉ दर्दनाक होता है और इससे चोकिंग जैसी जटिलताएं भी हो सकती हैं। टेटनस के कारण मांसपेशियों में ऐंठन होने लगती है यह कई बार पूरे शरीर में होता है, तो कभी-कभी गर्दन और जबड़े में जिससे लॉकजॉ की समस्या हो जाती है।
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लॉकजॉ पूरे जबड़े को प्रभावित करता है। यह अचानक हो सकता है और कुछ ही घंटों में स्थिति गंभीर हो जाती है। पूरी तरह से मुंह न खुल पाना लॉकजॉ का सबसे आम लक्षण है, लेकिन इसके अलावा और भी लक्षण दिख सकते हैः
लॉकजॉ के अगले दिन आपको ओरल हेल्थ से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं, क्योंकि आप थूक भी निगल नहीं पाते हैं। इससे ड्राई माउथ और मुंह में सूजन जैसी समस्याएं दिखने लगती है। यदि लॉकजॉ की समस्या कई दिनों तक बनी रहती है तो इससे आपको कई अन्य परेशानियां हो सकती है, जैसेः
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लॉकजॉ तब होता है जब मांसपेशियों की ऐंठन की वजह से आप जबड़े की गतिविधियों पर नियंत्रण नहीं रख पाते हैं। यानी जबड़े की मांसपेशियां आराम नहीं कर पाती और वह लागातर एक्टिव रहती है। ऐसे मांसपेशियों, नर्व, हड्डी या लिगामेंट में लगी चोट के कारण हो सकता है।
लॉकजॉ के संभावित कारण या जोखिमों में शामिल हैः
टेटनस के कारण लॉकजॉ का खतरा बहुत बढ़ जाता है, इसलिए जॉलॉक को टेटनसे भी कहा जाता है। हालांकि दुनिया के कई देशों में यह दुर्लभ है क्यंकि इसे टीकाकरण से खत्म कर दिया गया है। टेटनेस के कारण हमेशा लॉकजॉ होता है।
टेटनस जानलेवा न्यूरोटॉक्सिन के कारण होता है जो हवा में मौजूद एक जीवाणु क्लोस्ट्रीडियम टेटानी द्वारा रिलीज किया जाता है। टेटनस टॉक्सिन के कारण मांसपेशियों में ऐंठन आती है, यह आपके चेस्ट, हृदय और शरीर के किसी भी अन्य मसल्स जिसमें जबड़ा भी शामिल है, को प्रभावित करता है।
कई दवाएं नर्व की कार्यप्रणाली को प्रभावित करती है और लॉकजॉ का कारण बन सकती है। रीगलन (मेटोक्लोप्रमाइड) और कुछ एंटीसाइकोटिक दवाएं लॉकजॉ का सबसे आम कारण हैं।
कई बार नर्व और मसल्स डिजीज मांसपेशियों मे ऐंठन के लिए जिम्मेदार होते हैं। जैसे स्टिफ पर्सनल सिंड्रोम, जो एक दुलर्भ ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है, पूरे शरीर और जबड़े की मांसपेशियोंके ऐंठन का कारण बन सकती है।
कैंसर और कैंसर का उपचार कई बार जबड़े की गतिविधितों को नियंत्रित करने वाली सरंचना को चोट पहुंचा सकते हैं। यदि आपको सिर या गले का कैंसर हुआ है या सर्जरी या सिर/गले के कैंसर का रेडिएशन ट्रीटमेंट हुआ है तो लॉकजॉ होने की संभावना 30 प्रतिशत होती है।
आपके मुंह या इसके आसपास और जबड़े की मांसपेशियों में पेरिटॉन्सिलर एब्सेस जैसे संक्रमण जबड़ की गतिविदि को प्रभावित करते हैं। दुर्लभ मामलों में आपके नर्व और मसल्स संक्रमण के कारण हमेशा के लिए क्षतिग्रस्त हो सकते हैं।
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आमतौर पर डॉक्टर फिजिकल टेस्ट के आधार पर ही लॉकजॉ का पता लगता है। चूकि आप बोलकर अपनी स्थिति के बारे में नहीं बता पाते हैं इसलिए डॉक्टर फिजिकल एग्ज़ाम और इमेजिंग टेस्ट के आधार पर इसका निदान करता है। वह टेटनेस के लक्षणों और मांसपेशियों में अकड़न के लक्षणों की जांच के लिए फिजिकल टेस्ट करता है। चूकि जॉलॉक सबसे आम कारण टेटनेस ही है, तो डॉक्टर इसका निदान करता है, लेकिन अन्य बीमारियों की तरह टेटनेट का पता लैब टेस्ट से नहीं लगाया जा सकता। फिर भी डॉक्टर लैब टेस्ट करता है ताकि उसकी तरह ही अन्य बीमारियां यदि हैं तो उसका पता लगाया जा सके।
डॉक्टर आपके द्वारा टेटनेस के टीकाकरण के आधार पर भी इसका निदान करता है। यदि आने टेटनेस का टीका नहीं लगवाया है या इसका बूस्टर शॉट बकाया है तो आपको टेटनेस होने का खतरा बढ़ जाता है।
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लॉकजॉ का उपचार दवा थेरेपी के जरिए किया जाता है। डॉक्टर मांसपेशियों की ऐंठन कम करने के लिए दवा दे सकता है। इंट्रावेन्शनल प्रक्रिआ से इंजेक्शन लगाकर भी मसल्स की अकड़न कम की जाती है।
यदि लॉकजॉ किसी मेडिकल स्थिति के कारण हुआ है तो पहले उसका इलाज किया जाना चाहिए। आमतौर पर यह टेटनेस के संक्रमण के कारण होता है। ऐसे में टेटनेस इंफेक्शन का उपचार किया जाना जरूरी है। इसके लिए डॉक्टर निम्न तरीके का इस्तेमाल कर सकता हैः
यदि लॉकजॉ का कारण रेडिएशन थेरेपी या सर्जरी है तो इसे ठीक करने के लिए फिजिकल थेरेपी की मदद ली जाती है। इसके लिए डॉक्टर आपको घर पर करने वाली कुछ एक्सरसाइज बताएगा जिससे जबड़े की मांसपेशियों को नियंत्रित किया जा सकता है।
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हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है, अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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