के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
मांसपेशियों में दर्द या ऐंठन होना टेटनी का एक आम लक्षण है। टेटनी होने का मुख्य कारण शरीर में कैल्शियम की कमी होना है, जिसे हाइपोकैल्शीमिया भी कहते हैं। टेटनी आपके शरीर की किसी भी मांसपेशी में हो सकती है। टेटनी होने पर मांसपेशियों में ऐंठन और दर्द लगातार बना रहता है।
टेटनी जब ज्यादा गंभीर हो जाता है तो आपको दस्त और गुर्दे की बीमारी हो सकती है। शरीर में कैल्शियम की कमी के कई कारण हो सकते हैं, जैसे गर्भावस्था, स्तनपान, कुपोषण, विटामिन डी की कमी और कुछ दवाएं भी हाइपोकैल्शीमिया का कारण बनते हैं। यह अक्सर हाथ-पैरों में होता है। इससे प्रभावित हिस्से में सूजन भी आ जाती है। इसके अलावा गले में टेटनी होने से सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।
टेटनी यानी हाइपोकैल्शीमिया होने की सबसे बड़ी वजह हाइपोथाइरॉयडिज्म है। इसके लिए हाइपोथाइरॉयडिज्म को समझना जरूरी है। आपकी गर्दन में मटर के दाने की तरह चार ग्रंथियां होती हैं, इन्हें पैराथाइरॉयड ग्रंथियां कहा जाता है। हाइपोथाइरॉयडिज्म तब होता है जब ये ग्रंथियां शरीर में पर्याप्त मात्रा में पैराथाइरॉयड हार्मोन (पीटीएच) नहीं बनाती हैं। पैराथाइरॉयड हार्मोन खून में विटामिन, मिनिरल्स और कैल्शियम के स्तर को नियंत्रित करते हैं। ये हार्मोन ना बनने पर इन सभी का बैलेंस बिगड़ जाता है।
नसों, मांसपेशियों और दिल के ठीक से काम करने के लिए कैल्शियम की जरूरत होती है। कैल्शियम कम होने से ही मांसपेशियों में दर्द, झुनझुनी और हार्ट से संबंधित समस्याएं शुरू हो जाती हैं। इस बीमारी का इलाज आसानी से किया जा सकता है। इलाज के समय डॉक्टर यह सुनिश्चित करते हैं कि आपके शरीर में पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम और विटामिन डी बने। कैल्शियम की मात्रा को ठीक रखने के लिए
अपने आहार को संतुलित करें। आहार लेने के साथ समय—समय पर खून की जांच भी जरूरी है। अगर आप डॉक्टर के कहे अनुसार चलते हैं तो जल्द ही आप एक स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।
शरीर में कैल्शियम की कमी होने से टेटनी जैसी समस्या हो जाती है। जिसे हाइपोकैल्शीमिया भी कहा जाता है। इसके अलावा शरीर में एसिड की मात्रा ज्यादा होने से भी टेटनी हो सकता है। टेटनी एक आम बीमारी है जो किसी को भी हो सकती है और इसका इलाज भी संभव है।
कभी—कभी ऐसे मामले भी देखे गए हैं जिसमें कैल्शियम की कमी होने से जान जाने का खतरा बढ़ जाता है। इसमें लिवर फेल होना या पेनक्रियाज का ठीक से काम ना करना शामिल है। शरीर के ये दो अंग कैल्शियम के स्तर को प्रभावित करते हैं। खून में प्रोटीन की कमी से भी कैल्शियम का स्तर तेजी से गिरता है। वहीं कुछ संक्रमण भी इसका कारण हो सकते हैं।
इसके अलावा खराब खाने में बोट्युलिनम टॉक्सिन होता है। यह टॉक्सिन शरीर के अंदर जाकर घाव कर सकता है। इसे टॉक्सिन टेटनी कहते हैं। यह शरीर के लिए बेहद खतरनाक होता है। इसी वजह से बासी खाना खाने के लिए मना किया जाता है।
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टेटनी के लक्षण निम्नलिखित हैं, जैसे कि
यदि आपको निम्न में से कुछ भी है तो आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए:
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टेटनी होने का मुख्य कारण शरीर में कैल्शियम की कमी होना है। इसी के साथ ही मैग्नीशियम या पोटैशियम की कमी के कारण भी यह बीमारी हो सकती है। शरीर में बहुत अधिक एसिड यानी क्षार होने से भी टेटनी होने का खतरा बढ़ जाता है।
टेटनी के गंभीर कारणों में दस्त और गुर्दे की बीमारी शामिल है। इसके अलावा कैल्शियम की कमी थायरॉइड की वजह से भी हो सकती है। कभी-कभी टेटनी जान के लिए खतरनाक हो सकते हैं। ऐसा निम्न कारणों से होता है—
अगर डॉक्टर ने आपकी इस बीमारी को पकड़ लिया तो वो तुरंत इलाज शुरू कर देगा। अगर ऐसा नहीं हुआ तो यह समस्या धीरे-धीरे ट्यूमर का रूप भी ले सकती है। फिर इसे सर्जरी करके ही निकालना पड़ेगा। अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से बात कर सकते हैं।
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टेटनी का परीक्षण डॉक्टर ही कर सकते हैं, जिससे आपको निम्नलिखित सवालों के जवाब मिल जाएंगे—
आमतौर पर, डॉक्टर द्वारा ही ये पता चल जाएगा कि टेटनी होने का क्या कारण है, जिससे वे इलाज कर सकते हैं। कम समय में, टेटनी के इलाज के लिए कैल्शियम के असंतुलन को ठीक करना जरूरी है। कैल्शियम को सीधे खून में इंजेक्ट करना सबसे आम तरीका है, हालांकि कैल्शियम को मुंह के द्वारा भी लिया जा सकता है।
डॉक्टर अपने लेवल पर हर संभव इलाज कर सकते हैं। अगर यह ट्यूमर बन जाता है तो इसे सर्जरी करके ही निकाला जा सकता है।
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