नवजात के लिए मां का दूध बहुत आवश्यक होता है। करीब 6 महीने से 1 साल तक बच्चे के सही विकास के लिए स्तनपान कराना जरूरी है, लेकिन कई बार स्थितियां ऐसी हो जाती है कि मां चाहकर भी बच्चों को स्तनपान नहीं करा पाती। इन्हीं कारणों में से एक कारण है ब्रेस्ट मिल्क में खून आना। जानिए आखिर ऐसा क्यों होता है और आपको क्या करना चाहिए?
ब्रेस्ट मिल्क में खून आना कितना गंभीर है?
ब्रेस्ट मिल्क से खून आना एक आम समस्या है। आमतौर पर महिलाओं को इसके बारे में पता भी नहीं चलता जब तक कि वह पंप से दूध न निकालें, क्योंकि ब्लड बहुत कम मात्रा में निकलता है। जब तक थोड़ा बहुत रक्त आता है तो कोई समस्या नहीं है, लेकिन यदि यह ज्यादा हो रहा है तो आपको लापरवाही बरतने की नहीं, बल्कि डॉक्टर से परामर्श लेने की जरूरत है। ब्रेस्ट मिल्क में खून आना आने की वजह से ब्रेस्ट मिल्क का रंग हल्का गुलाबी, लाल, ऑरेंज या ब्राउन दिख सकता है, लेकिन इससे पहले की ब्रेस्ट मिल्क के रंग को देखकर आप उसे खून समझें जरा याद करिए कि हाल में क्या आपने लाल रंग का कोई खाद्य खाया था या नहीं, जैसे की बीटरूट या फिर लाल फल को कोई पेय पीया था, क्योंकि उसकी वजह से भी खून का रंग बदल जाता है। वैसे आपको घबराने की जरूरत नहीं है, वजह चाहे जो भी हो जल्द ही आपका ब्रेस्ट मिल्क सामान्य वो जाएगा। चलिए आपको बताते हैं कि आखिर किन कारणों से ब्रेस्ट मिल्क में खून आना संभंव हो सकता है।
ब्रेस्ट मिल्क में खून आना इन स्थितियों से जुड़ा हो सकता है
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रस्टी पाइप सिंड्रोम
बच्चे के जन्म के पहले हफ्ते या उसके बाद ब्रेस्ट में रक्त का प्रवाह बढ़ जाता है, क्योंकि इस दौरान तेजी से स्तनों में दूध बनता है। इस दौरानब्रेस्ट मिल्क में खून आना संभंव हो सकता है जिससे आपके कोलोस्ट्रम या शुरुआती ब्रेस्ट मिल्क का रंग हल्का भूरा दिखाई देता है, ये कुछ वैसा ही होता है जैसा कि जंग लगे पाइप से पानी आने के बाद पानी का रंग हो जाता है। इसी वजह से इस सिंड्रोम को रस्टी पाइम सिंड्रोम कहा जाता है। इस दौरान ब्रेस्टफीड करवाने में कोई समस्या नहीं है। वैसे कुछ दिनों में ब्रेस्ट मिल्क का रंग अपने आप सामान्य हो जाता है।
ब्रोकन या डैमज सेल्स
स्तन में मौजूद छोटे-छोटे ब्लड सेल्स कभी-कभी टूट जाते हैं या क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। ऐसा आमतौर पर एक्सप्रेसिंग के दौरान होता है यानी जब पंप या हाथ की मदद से स्तन से दूध निकाला जाता है उस समय यह कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो सकती हैं। जिसकी वजह से ब्रेस्ट मिल्क का कलर चेंज होता है, इसलिए पंप या हाथ से ब्रेस्ट मिल्क निकालते समय एहतियात बरतें।
निप्पल में दरार
बच्चा जब ठीक तरह से निप्पल को मुंह में नहीं ले पाता या बहुत अधिक निप्पल को चूसता है तो इसकी वजह से निप्पल में दरारे पड़ जाती है या घाव हो जाता है। ऐसी स्थिति में यदि महिलाएं स्तनपान कराती है तो निप्पल में दर्द होन के साथ ही खून भी आने लगता है जिसकी वजह से उनके ब्रेस्ट मिल्क का रंग बदल जाता है। अगर आपके ब्रेस्ट मिल्क में खून आने की वजह निप्पल में दरारे हैं तो चिंता की कोई बात नहीं है कुछ ही दिनों में यह ठीक हो जाता है। कई बार ब्रेस्ट में संक्रमण की वजह से भी खून आ सकता है, इस स्थिति में डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
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इंट्राडक्टल पेपिलोमा
इंट्राडक्टल पेपिलोमा एक छोटे ट्यूमर की तरह दिखाई देता है जो कुछ महिलाओं के ब्रेस्ट मिल्क सेल्स की लाइनिंग में होता है। इसकी वजह से भी कई बार खून आने लगता है और यह ब्रेस्ट मिल्क में मिल जाता है। इंट्राडक्टल पेपिलोमा निप्पल के पीछे या उसके बगल में एक छोटे से गांठ जैसा होता है। इस मामले में लापरवाही न बरतें और तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
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स्तन की सूजन
यह एक तरह का इंफेक्शन है जो ब्रेस्टफीडिंग के दौरान होता है। यह तब होता है जब बच्चा ठीक तरह से स्तन नहीं पकड़ता या बच्चा ब्रेस्टफीडिंग नहीं करता। इस स्थिति में स्तनपान के दौरान ब्रेस्ट मिल्क से खून आ सकता है।
ब्रेस्ट कैंसर
यदि ब्रेस्टफीडिंग के दौरान सामान्य से अधिक खून आता है तो इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है, क्योंकि ऐसा ब्रेस्ट कैंसर के कारण हो सकता है। यदि ब्रेस्ट से लगातार ब्लड आ रहा है तो स्तनपान न कराएं और तुरंत डॉक्टर से जांच करवाएं।
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ब्रेस्ट मिल्क में खून आने के दौरान क्या स्तनपान कराना सुरक्षित है?
आमतौर पर ब्रेस्ट मिल्क में खून आने के बावजूद ब्रेस्टफीडिंग की सलाह दी जाती है जब तक कि यह बहुत अधिक न हो। आपके ब्रेस्ट मिल्क में मिले खून की थोड़ी सी मात्रा से बच्चे को किसी तरह की हानि नहीं पहुंचती है। जब तक बच्चा ठीक से दूध पी रहा है उसे स्तनपान कराती रहें। समस्या कुछ दिनों में अपने आप ठीक हो जाएगी, लेकिन आपकी समस्या यदि एक हफ्ते बाद भी ठीक नहीं होती है तो डॉक्टर से जांच करवाएं।
यदि आपको इन्फेक्शन है जो आपके खून के माध्यम से बच्चे को हो सकता है तो अपने डॉक्टर से इस बारे में बात करें। हेपेटाइटिस बी और सी जैसे संक्रमण के दौरान जब मिल्क में खून नहीं आता है स्तनपान सुरक्षित माना जाता है, लेकिन जब संक्रमण के दौरान ब्रेस्ट मिल्क में खून आने लगे तो स्तनपान तुरंत बंद करवा दें।
ब्रेस्ट मिल्क में खून आने पर मुझे क्या करना चाहिए?
- आपको ब्रेस्टफीडिंग या पंपिंग रोकने की कोई जरूरत नहीं है। सामान्य रूप से बच्चे को स्तनपान कराती रहें। किसी तरह की शंका होने पर अपने या बच्चे के डॉक्टर से बात जरूर करें।
- यदि आपके निप्पल क्रैक या क्षतिग्रस्त हो गए हैं तो इस समस्या का इलाज करवाएं। यह सुनिश्चित करें कि बच्चा ठीक तरह से दूध खींच रहा है या नहीं। क्रैक निप्पल को ठीक करने के लिए सुरक्षित निप्पल क्रीम, अपना ब्रेस्ट मिल्क या कोई अन्य क्रीम डॉक्टर की सलाह पर लगाएं, इससे घाव जल्दी भर जाएगा।
- यदि स्तनपान के दौरान बहुत दर्द होता है तो कुछ देर के लिए ब्रेस्टफीडिंग न करवाएं और निप्पल को आराम दें। ब्रेस्ट में मिल्क जमा होने पर भी दर्द होता है ऐसे में आप पंप से मिल्क निकाल सकती हैं। बस पंप करते समय इस बात का ध्यान रखें कि आप दूध आराम से निकाले।
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