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बच्चे को इमरजेंसी के लिए कैसे तैयार करें?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr. Shruthi Shridhar


Shayali Rekha द्वारा लिखित · अपडेटेड 07/07/2022

    बच्चे को इमरजेंसी के लिए कैसे तैयार करें?

    हादसे कभी बता कर नहीं आते हैं। इसके लिए आप कितने तैयार हैं ये आप पर निर्भर करता है। आप पेरेंट्स  हैं आपको समझ होगी कि किस तरह से अचानक आए हादसे से निपटा जाए।  आज के समय में अधिकतर पेरेंट्स वर्किंग हैं। जिसकी वजह से कई बार बच्चे को घर पर अकेले ही रहना पड़ता है। लेकिन, जरा सोचिए कि अगर आपके बच्चे को बच्चों को इमरजेंसी की जानकारी नहीं हो तो वो ऐसी किसी भी परिस्थिति का सामना कैसे करेगा या करेगी ? इमरजेंसी में बच्चा किस तरह से बच सकता है और दूसरों की मदद कर सकता है। इमरजेंसी के लिए तैयार करना भी बच्चे की परवरिश का एक हिस्सा है। हैलो स्वास्थ्य आपको बताएगा कि आप अपने बच्चे को घर में होने वाली अप्रत्याशित घटनाओं से निपटने का गुर कैसे सीखा सकते हैं?

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    बच्चों को इमरजेंसी की जानकारी:  घर में कभी हो सकती है इमरजेंसी

    पेरेंट्स बच्चे के साथ हमेशा नहीं रह सकते हैं। कभी भी कोई भी हादसा हो सकता है। घर में हर तरह की घटनाओं और इमरजेंसी के लिए बच्चे को तैयार करें।

    • भूकंप 
    • बाढ़
    • आगजनी
    • चोरी होना
    • घर पर किसी की तबीयत खराब होना

    1-  बच्चों को इमरजेंसी की जानकारी: भूकंप महसूस होने पर

  • बच्चे को बताएं कि भूकंप आने पर घर से बाहर निकलकर खुले में चले जाना चाहिए।
  • भूकंप के दौरान किसी बिल्डिंग के आसपास न खड़े हों।
  • बच्चे को बताएं कि भूकंप आने पर लिफ्ट का इस्तेमाल बिल्कुल न करें। भूकंप के दौरान सीढ़ियों का इस्तेमाल करना ही उचित है।
  • भूकंप के दौरान घर की बिजली के सभी उपकरण बंद कर दें।
  • अगर घर से बाहर नहीं निकल पाए तो घर में मौजूद किसी मेज, ऊंची चौकी या बेड के नीचे तुरंत छिप जाएं। इसके अलावा, सिर पर तकिया या गद्दा रख लें।
  • बच्चे को समझाएं कि वह घबराए नहीं बल्कि हिम्मत और समझदारी से काम ले।
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    2- बच्चों को इमरजेंसी की जानकारी:  बाढ़

    1. अक्सर बाढ़ अचानक से नहीं बल्कि धीरे-धीरे आती है। ऐसी स्थिति में बच्चे को समझाएं कि वह हिम्मत से काम ले।
    2. जब घर में पानी भरने लगे तो ऊंची जगह पर जाना चाहिए। जब जल स्तर बढ़ने लगे तो बच्चे को सिखाएं कि छत पर चले जाए। ताकि, वह बाढ़ के गंदे पानी से बच सके।
    3. बाढ़ का पानी जब कम रहे तभी ऊंचे स्थानों पर खाने-पीने की चीजों को रख ले। ताकि, अगर बच्चे को भूख लगे तो वह कुछ खा सके।
    4. इसके साथ ही घर में बिजली के सभी स्विच और उपकरण को ऑफ कर दें।
    5. बच्चे को सिखाएं कि ऐसी स्थिति में रेडियो या फोन के माध्यम से बाढ़ की अपडेट लेते रहें।
    6. बाढ़ की पानी बहुत गंदा होता है, इससे बच्चे को बीमारी हो सकती है। इसलिए उसे साफ स्थान पर रहना सिखाएं।

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    3-  बच्चों को इमरजेंसी की जानकारी: आग लगने पर

    1. बच्चे को आगजनी से बचाव के उपाय बताएं। कभी आग लगे तो सबसे पहले 101 नंबर पर कॉल करें। आगजनी की जानकारी फायर ब्रिगेड को दें। 
    2. आग लगने पर घर से बाहर निकल जाएं। अगर आप बिल्डिंग में ऊपर रहते हैं तो उतरने के लिए सीढ़ियों का इस्तेमाल बच्चे को बताएं और लिफ्ट का प्रयोग करने से मना कर दें।
    3. बच्चे को बताएं कि जब हर तरफ धुआं हो तो धुएं से बचने के लिए रूमाल या अन्य किसी कपड़े को भीगा कर उससे अपना मुंह और नाक को ढ़क लें।
    4. अगर कभी कपड़ें में आग लग जाए तो घबरा कर न भागे। इससे आग की लपटे और तेज होंगी। बल्कि, ऐसे समय में जमीन पर लेट कर उलट पलट कर आग बुझाएं। कंबल की भी मदद से आग बुझा सकते हैं।

    4-  बच्चों को इमरजेंसी की जानकारी: चोरी होना

    1. अगर कभी घर में चोरी हो रही हो या हो जाए तो ऐसी स्थिति के लिए बच्चे को सतर्क करें। बच्चे को बताएं कि अगर वह घर में अकेला है और चोर घुस आए तो शोर न मचाए। बल्कि धीरे से 100 नंबर पर कॉल कर के पुलिस को सूचित करे। 
    2. इसके अलावा, बच्चे को कहें कि वह आपको मैसेज करे। 
    3. चोर बच्चे को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए बच्चे को किसी सुरक्षित स्थान पर छुपने की हिदायत दें। 
    4. पुलिस के आने के बाद बच्चे को निकल कर चोर के बारे में बताना चाहिए। अगर चोर किसी कमरे में है तो हिम्मत के साथ उस कमरे के दरवाजे को बाहर से बंद किया जा सकता है।

    5-  बच्चों को इमरजेंसी की जानकारी:  घर पर किसी की तबीयत खराब होना

    1. घर में अगर बड़े बुजुर्ग और छोटा बच्चा हो और आप घर पर नहीं हैं, इस बीच किसी की तबीयत खराब हो जाए तो उसके लिए बच्चे को तैयार करें। 
    2. बच्चे को बताएं कि सबसे पहले 108 नंबर पर कॉल कर के एम्बुलेंस को बुला ले।
    3. इसी के साथ ही आपको तुरंत कॉल करें।
    4. जब तक एम्बुलेंस आ रही है तब तक बच्चे को मरीज के पास ही रुकना चाहिए। 
    5. एम्बुलेंस आते ही बच्चे को मेडिकल कर्मियों से सारी समस्या बताने के लिए कहें। 

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    6- बच्चों को इमरजेंसी की जानकारी: बच्चों को बताएं महामारी के बारे में

    आप बच्चे को जब किसी की तबीयत खराब होने के बारे में जानकारी देते हैं तो बच्चे के मन में ये बात तो आती ही है कि जो भी घर में पेशेंट है, उसकी देखभाल करनी चाहिए या फिर पेशेंट को जरूरत पड़ने पर जरूरी सामान भी देना चाहिए। आप सभी जानते हैं साल 2020 में दुनियाभर में कोरोना महामारी ने तबाही मचाई और लाखों जिंदगियों को तबाह किया। अगर आपके घर में छोटा बच्चा है तो ये बहुत जरूरी है कि आप बच्चे को महामारी के बारे में जानकारी दें। बच्चे को बताएं कि जिस तरह से कुछ जानवर बच्चों को हार्म पहुंचा सकते हैं। वैसे ही कुछ वायरस और बैक्टीरिया हमे दिखाई नहीं देते हैं लेकिन ये सभी लोगों को हार्म पहुंचा सकते हैं। बच्चे को महामारी के बारे में इसलिए बताना भी जरूरी है क्योंकि हो सकता है कि अगर घर में कोई व्यक्ति महामारी से संक्रमित हो जाए तो बच्चे को इस बात की जानकारी हो कि कैसे उसे पेशेंट से दूरी बनाकर रखनी है। आप बच्चों को बहुत ही आसानी से वायरस या फिर बैक्टीरिया के बारे में जानकारी दे सकती हैं।

    • बच्चे को बताएं कि अगर महामारी फैलती है तो बचाव ही उस बीमारी से बचा सकता है।
    • बच्चे को बताएं कि अगर किसी को इंफेक्शन हो जाता है तो उससे दूरी बनाकर रखनी चाहिए।
    • अगर घर में किसी व्यक्ति को संक्रमण है तो उसके पास नहीं जाना चाहिए और न ही उसकी किसी वस्तु को छूना चाहिए।
    • बच्चों के लिए ऐसे समय में मास्क लगाना कहीं न कहीं दुविधा का विषय हो सकता है, लेकिन बच्चों को समझाएं कि ऐसे समय में मास्क बहुत जरूरी है।
    • बच्चे को आप वायरस या फिर बैक्टीरिया का चित्र आप मोबाइल में भी दिखा सकती हैं, ताकि उसे समझ में आए कि कोई है जो सुरक्षा न रखने पर उसे हार्म पहुंचा
    • सकता है। अगर बच्चे महामारी के दौरान सुरक्षा का ध्यान रखने में लापवाही करेंगे तो ये उनके लिए घातक हो सकता है।
    • बच्चों को पेंडेमिक के बारे में बताते समय ये जरूर बताएं कि घर या बाहर कहीं भी बैक्टीरिया और वायरस हो सकता है, इसलिए सावधानी रखनी बहुत जरूरी है।

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    बच्चों को इमरजेंसी की जानकारी: इन बातों का रखें ध्यान

    पैनिक होने का मतलब समझाएं

    • जिस तरह से बड़े किसी हालात से घबरा सकते हैं, ठीक उसी तरह से बच्चे भी पैनिक हो सकते हैं। बच्चों को समझाएं कि जब कोई प्रॉब्लम आएं तो घबराना चाहिए बल्कि ये सोचना चाहिए कैसे उस हालात से निबटा जा सकता है।
    • बच्चे को बताएं कि जब भी पब्लिक प्लेस में जाए, उस दौरान उन्हें अपने आसपास की चीजों को ध्यान से देखना चाहिए और एलर्ट रहना चाहिए। किसी भी तरह की समस्या दिखने पर तुरंत अपने बड़ों को बताना चाहिए।
    • बच्चों के साथ इमरजेंसी प्लान के बारे में जरूर डिस्कस करें। आप चाहे तो बच्चे को समय-समय पर इमजेंसी प्लान के बारे में डिस्कस कर सकती हैं, ताकि बच्चे को याद रहे कि किस तरह के हालात में क्या एक्शन लिया जाए।

    बच्चे को हमेशा समझाएं कि किसी भी इमरजेंसी की स्थिति में धैर्य बनाएं रखे। बच्चों को इमरजेंसी की जानकारी देना बहुत जरूरी है ऐसी स्थिति में बिल्कुल भी न घबराए और हिम्मत से काम ले। उसकी जरा सी जागरूकता किसी की जिंदगी बचा सकती है। आप अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से भी राय ले सकते हैं। आप बच्चों की देखभाल संबंधी अन्य आर्टिकल पढ़ने के लिए आप हैलो हेल्थ की वेबसाइट पर जानकारी ले सकते हैं।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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