बच्चे के पैदा होने के बाद मां की सबसे बड़ी जिम्मेदारी होती है बच्चों को भूख लगने पर उन्हें खाना खिलाना और उनकी ग्रोथ पर ध्यान देना। धीरे-धीरे जब बच्चा बड़ा हो जाता है, तो वह एक स्थान से दूसरे स्थान में जाने लगता है। वह अपने आसपास की चीजों को पकड़ने की कोशिश भी करता है। जब बच्चा घुटनों के बल चलना शुरू कर देता है, तो पेरेंट्स की चिंता बहुत बढ़ जाती है। चिंता का विषय होता है बच्चों द्वारा किसी ऐसी चीज को छूना जो उन्हें चोट पहुंचा सकता हैं। ऐसे में घर की नुकीली और खतरनाक चीजों को बच्चों की पहुंच से दूर रखने की जरूरत पड़ जाती है। घर में ऐसे बहुत से कोने या कॉर्नर होते हैं, जो बच्चों के लिए मुसीबत का कारण बन सकते हैं। ऐसे में घर की बेबीप्रूफिंग बहुत जरूरी हो जाती है। घर में कांच की चीजों से लगाकर लकड़ी से बनी चीजें आदि बच्चों को चोट पहुंचा सकती हैं। आपको घर के ऐसे कोनों को बच्चों की पहुंच से दूर रखना होगा, ताकि उन्हें नुकसान ना पहुंचे।
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घर की बेबीप्रूफिंग (Babyproof)
जब बच्चे चलना शुरू कर देते हैं, तो उनकी पहुंच घर के सभी हिस्सों में हो जाती है। ऐसे में आपको घर की बेबीप्रूफिंग करने के लिए घर के सभी हिस्सों को शामिल करना जरूरी हो जाता है। बच्चे जब शरारत करते हैं तो शायद उन्हें भी नहीं पता होता है कि उसके कारण उन्हें कितनी चोट लगने वाली है। ऐसे में माता-पिता की है जिम्मेदारी होती है कि घर को इस तरह से प्रूफ किया जाए कि बच्चे को चोट ना पहुंचे। एक बात का ध्यान रखें कि बच्चे ऊंचाई तक नहीं पहुंच सकते हैं, इसलिए आपको घर में जितनी भी चीजें नीचे रखी हैं, उन पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। आइए जानते हैं किस तरह से घर की बेबी प्रूफिंग की जा सकती है।
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घर की बेबीप्रूफिंग (Babyproof) : इलेक्ट्रिसिटी पॉइंट एंड आउटलेट कवर (Outlet covers)
घर की बेबीप्रूफिंग कराने के दौरान आपको सबसे पहले आपको घर के सभी इलेक्ट्रिकल पॉइंट कवर करने होंगे। आउटलेट कवर बहुत जरूरी है। इलेक्ट्रिकल आउटलेट कवर के माध्यम से बच्चों को इलेक्ट्रिकल पॉइंट से होने वाले किसी भी प्रकार के खतरे से बचाया जा सकता है। बच्चे अक्सर अपनी छोटी उंगलियों को इनमें डालने की कोशिश करते हैं। अगर आप आउटलेट कवर का इस्तेमाल करते हैं, तो बच्चे पॉइंट के अंदर उंगली नहीं डाल पाते हैं।
अक्सर लोग आयरन जाने की कपड़ों में प्रेस करने के बाद आयरन को बाहर ही रख देते हैं ऐसे में गर्म आयरन बच्चे हो सकते हैं आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि जब भी कपड़ों में आयरन करें उसके बाद आयरन को ऐसे स्थान पर रखें जहां बच्चों की पहुंच ना हो।
जब भी आप किसी प्रकार के तार का इस्तेमाल कर रहे हो, तो ध्यान रखें कि वह स्थान पूरी तरह से कवर हो। छोटी-छोटी बातों को ध्यान रखकर आप बच्चों को करंट या फिर अन्य खतरे से बचा सकते हैं।
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घर की बेबीप्रूफिंग (Babyproof) : फर्नीचर माउंट (Furniture mounts)
घर की बेबीप्रूफिंग करते समय घर के फर्नीचर को कवर करना भी बहुत जरूरी होता है। टीवी, ड्रेसर और बुककेस जैसे भारी फर्नीचर को माउंटेड हार्डवेयर और सेफ्टी स्ट्रेप्स (safety straps) का इस्तेमाल करें। आप घर के फर्नीचर की बेबीप्रूफिंग करने के लिए ऑनलाइन सेफ्टी स्ट्रैप (safety straps) ले सकते हैं। आप इसे फर्नीचर के कोनो में लगा सकते हैं। ऐसा करने से बेबी जब भी फर्नीचर के पास जाएगा, उसे किसी तरह की चोट नहीं लगेगी और वह सुरक्षित रहेगा।
बाथरूम में बेबीप्रूफिंग
1 से 2 साल के बच्चे भले ही पेरेंट्स के साथ ही बाथरूम में जाते हैं लेकिन जो बच्चे चलना सीख जाते हैं तो कई बार अपने आप ही बाथरूम का दरवाजा खोल के अंदर पहुंच जाते हैं इसके बाद उनकी पहुंच में जो भी समान होता है वह उसे छूते हैं यहां तक कि उसे खा भी सकते हैं ऐसे भी बहुत जरूरी हो जाता है कि आप इस बात का ध्यान रखें कि बच्चे कभी भी बाथरुम में अकेले ना जा पाए।
सबसे पहले आपको बाथरूम के दरवाजे को लॉक रखने की आदत बना लेनी चाहिए। मान लीजिए गलती से बच्चा अंदर चला भी जाता है, तो आपको टॉयलेट सीट लॉक रखनी चाहिए। साथ ही बाथरूम में रखे जाने वाले क्लीनर्स, हेयर ड्रायर जैसे इंस्ट्रूमेंट को भी ऊपर रखना चाहिए या फिर लॉक अलमारी में रखना चाहिए ताकि बच्चे उन्हें ना छू पाएं। अगर आप वॉटर हीटर का इस्तेमाल करते हैं, तो ध्यान रखें कि बच्चे उसकी पहुंच से दूर रहें। साथ ही कॉस्मेटिक शैंपू, सोप, माउथवॉश आदि को भी बच्चों की पहुंच से दूर रखें। बच्चे अक्सर डस्टबिन या कचरे के डिब्बे को खोल कर उसके साथ खेलते हैं। ऐसे में बहुत जरूरी है कि डस्टबिन को भी बच्चों की पहुंच से दूर रखें। अगर आप ऐसा नहीं करेंगे, तो बच्चे को इंफेक्शन का खतरा रहेगा।
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घर की बेबीप्रूफिंग (Babyproof) : किचन में नुकीलों चीजों को रखें बच्चों की पहुंच से दूर
किचन में एक नहीं बल्कि कई खतरनाक चीजें मौजूद होती है, जो बच्चों को नुकसान पहुंचा सकती है। ऐसे में स्टोव नॉब्स के लिए सेफ्टी कवर बहुत जरूरी हो जाता है। कई बार गलती से बच्चे स्टोव नॉब को खोल भी सकते हैं। आपको शार्प या नुकीले अप्लायंसेज को बच्चों की पहुंच से दूर रखना चाहिए। आपको किचन में कैबिनेट और लॉक रखना चाहिए ताकि आप जरूरी चीजों को उसके अंदर लॉक कर सकें। ऐसा करने से क्लीनर, ब्लीच या अन्य खतरनाक लिक्विड बच्चों की पहुंच से दूर हो जाते हैं और साथ ही किचन में इस्तेमाल होने वाली नुकीली चीजें भी बच्चों की पहुंच से दूर रहती है। आपको माचिस भी बच्चों की पहुंच से दूर रखनी चाहिए वरना वो इसे मुंह में डाल सकते हैं, जो खतरनाक साबित हो सकता है।
घर की बेबीप्रूफिंग (Babyproof) : लिविंग रूम पर भी दें ध्यान
लिविंग रूम में शार्प फर्नीचर कॉर्नर, लैंप कॉर्ड, फायरप्लेस आदि खतरनाक स्पॉट हो सकते हैं। कॉफी टेबल का कॉर्नर पैडिंग की हेल्प से कवर करें। साथ ही लैंप और कम्प्यूटर कॉर्ड आदि को भी बच्चों की पहुंच से दूर रखें। अगर आपके घर में कांच की खिड़कियां है, तो उन्हें बंद करके ही रखें। कई बार बच्चे खिड़कियों को तेजी से हिलाते हैं या बंद करते हैं, ऐसे में कांच के टूटने का डर भी रहता है। साथ ही घर में अगर आपके गन या बंदूक है, तो उसे भी बच्चों की पहुंच से दूर ही रखें
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इस आर्टिकल में हमने आपको घर की बेबीप्रूफिंग (Babyproof) को लेकर जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की ओर से दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।
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