backup og meta

खेल की अहमियत: यूं ही नहीं कहा गया है 'खेलोगे कूदोगे तो बनोगे लाजवाब'

खेल की अहमियत: यूं ही नहीं कहा गया है 'खेलोगे कूदोगे तो बनोगे लाजवाब'

अगर हम कहें कि ‘पढ़ोगे लिखोगे बनोगे नवाब खेलोगे कूदोगे बनोगे खराब’ जैसी सोच हमारे समाज से बिल्कुल खत्म हो चुकी है, तो ये गलत होगा। भले ही समय तेजी से बदल रहा है और लोगों की सोच में परिवर्तन हो रहा है लेकिन आज भी पेरेंट्स के लिए बच्चों की पढ़ाई बच्चों के खेल से अधिक अहमियत रखती है। एक बच्चे की जिंदगी में खेल की अहमियत बहुत ज्यादा होती है। जब बच्चों में समझ आती है, तो खेल ही ऐसा माध्यम होता है, जो उन्हें बहुत कुछ आसानी से सिखा देता है। अगर आप बच्चे को बातों के माध्यम से समझाएंगे, तो उन्हें या तो बात समझ नहीं आएगी या फिर वो उसे कुछ समय बाद भूल जाएंगे। खेल के माध्यम से बच्चे फिजिकल के साथ ही इमोशनल ग्रो भी करते हैं। आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से खेल की अहमियत के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं। जानिए बच्चों के लिए क्या है खेल की अहमियत और कैसे ये शरीर को फायदा पहुंचाता है।

और पढ़ें: बेबी हार्ट मर्मर के क्या लक्षण होते हैं? कैसे करें देखभाल

 बच्चों के लिए खेल की अहमियत (Play) क्या है?

खेलने से शरीर को एक नहीं बल्कि बहुत से लाभ होते हैं। खेल के माध्यम से बच्चों में शारीरिक रूप से, सामाजिक रूप से और भावनात्मक रूप से विकास होता है। खेल कई प्रकार के होते हैं जिनके माध्यम से अनगिनत बातें बच्चों को समझाई जा सकती हैं। आपको अपने बचपन के दिनों में खेले गए ज्यादातर खेल याद होंगे। खेल न खेलने पर कुछ नया सीखने की प्रेरणा नहीं मिल पाएगी।बच्चे खेलते समय समस्या का हल ढूढ़ने की कोशिश करते हैं और नई चीजों को तलाशते भी हैं। बच्चों को दुनियादारी की समझ नहीं होती है लेकिन खेल के माध्यम से उन्हें दुनिया को समझने में मदद जरूर मिलती है। बच्चे अक्सर टीचर का रोल प्ले करते हैं और टीचर की तरह की सिखाने की कोशिश भी करते हैं। अब आप खुद ही सोच सकते हैं कि बच्चे कैसे खेल-खेल के माध्यम से पढ़ाई को भी इंटरेंस्टिंग बना देते हैं। खेल के माध्यम से बच्चे एक्सपेरीमेंट करना सीखते हैं और साथ ही अन्य लोगों के साथ इंटरेक्ट करना भी शुरू कर देते हैं। बच्चों को खेल से अलग ही लगाव होता है। अगर ये कहा जाए कि खेल बच्चों की दुनिया है, तो ये बात गलत नहीं होगी। आप बच्चों को खेल के माध्यम से वो चीजें भी आसानी से सिखा सकती हैं, जो किताबे नहीं कर सकती हैं। जानिए खेल किस तरह से बच्चों को फायदा पहुंचाने का काम करता है।

खेल की अहमियत: खेल से होता है बच्चों का शारीरिक विकास (Physical benefits)

दौड़ना, कूदना, तैरना, डांस करना (Dance), साइकिल चलाना और पेड़ की टहनियों पर लटकना बच्चों के खेलों में शामिल हैं। ये सब बच्चों के मोटर स्किल्स (motor skills) को बढ़ाने का काम करता है। बच्चे खेल के माध्यम से बैलेंस करना सीखते हैं और बॉडी फ्लैक्सिबिलिटी भी बढ़ती है। खेल बच्चों के शारीरिक विकास के लिए बहुत जरूरी है।

और पढ़ें: टीनएजर्स के लिए लॉकडाउन टिप्स हैं बहुत फायदेमंद, जानिए क्या होना चाहिए पेरेंट्स का रोल?

खेल से कॉग्निटिव बेनीफिट्स (Cognitive benefits)

इंटलेक्चुअल डेवलपमेंट और कॉग्नेटिव प्रोसेसिंग (intellectual development and cognitive processing) के लिए बच्चों का खुद से सेंस का इस्तेमाल करना और चीजों को जानने की उत्सुकता होना बहुत जरूरी है। खेल के माध्यम से बच्चे समझने लगते हैं कि चीजें कैसे फिट होती हैं और कैसे गलती से चीजें खराब हो सकती हैं। उदाहरण के तौर पर बच्चे ब्लॉक खेलते समय एक ब्लॉक को दूसरे से जोड़ते हुए कोई भी आकृति बना देते हैं। फिर धीरे-धीरे वो उससे उन आकृतियों को बनाना शुरू करते हैं, जो वो अपने पास देखते हैं। खेल बच्चों को कल्पना करना सिखाता है और क्रिएटिव बनाता है।

खेल की अहमियत: खेल के माध्यम से बच्चों का भावनात्मक विकास (Emotional benefits)

बच्चों को खेल में हार और जीत के बारे में सीखने को मिलता है। जब बच्चे आपस में खेलते हैं, तो उन्हें हारने पर दुख होता है। कई बार बच्चे रोने भी लगते हैं। बच्चे जीतने पर खुशियां भी मनाते हैं। बच्चों में खेल के माध्यम से भावनात्मक विकास होता है। खेल बच्चों को जीतने के लिए उत्साहित भी करता है। खेल के माध्यम से बच्चों में न्यू कॉन्सेप्ट का भी विकास होता है। बच्चे के जीवन में खेल की अहमियत को नकारा नहीं जा सकता है।

खेल की अहमियत: खेल के माध्यम से बच्चों का सामाजिक विकास (Social benefits)

बच्चा अकेले खेलकर उतनी खुशी कभी महसूस नहीं करता है, जितना उसे अन्य बच्चों के साथ खेलने में महसूस होती है। बच्चे स्कूल में जब अन्य बच्चों के साथ खेलते हैं, तो उन्हें एक-दूसरे से इंटरेक्ट करने में मदद मिलती है। बच्चों के स्वभाव में लोगों से बातें करना या तुरंत घुल मिल जाना आम बात है लेकिन खेल के माध्यम से बच्चे अपने मन की बातें दूसरे बच्चों से आसानी से कह देते हैं। बच्चे अपने विचारों को दूसरों से बांटटे हैं और दूसरों की बातें भी बहुत ध्यान से सुनते हैं। इस तरह से खेल-खेल में बच्चों का सामाजिक विकास होता है।

और पढ़ें: सवालों से हैं परेशान तो कुछ इस अंदाज में दे सकते हैं बच्चों को कोरोना वायरस की जानकारी

खेल की अहमियत: इन खेलों की ली जा सकती है मदद

बच्चे सभी उम्र में एक जैसे खेल नहीं खेलते हैं। उम्र बढ़ने के साथ ही बच्चों के खेल भी बदल जाते हैं। बेबी, टॉडलर्स, प्रीस्कूलर्स और स्कूल-एज किड्स के खेल अलग होते हैं। आपको बच्चों के साथ जरूर खेलना चाहिए ताकि वो खेल को एंजॉय कर सके और नई चीजों को सीख सकें।

बच्चों (Babies) के लिए खेल

बेबी के लिए हर चीज नई होती है। उन्हें नए रंग, नए शेप देखना बहुत अच्छा लगता है। बेबी स्माइल के माध्यम से खेल शुरू करते हैं। अगर आप बच्चे को देखकर हंसते हैं या फिर उन्हें हंसकर बुलाते हैं, तो वो भी रिस्पॉन्स देते हैं। यानी स्माइल उनके लिए खेल का काम करती है। आप बच्चे के साथ खेलते वक्त डिफरेंट फेस पोज बना सकते हैं। आप बेबी को कलरफुल ब्लॉक या फिर कलरफुल पेपर दे सकते हैं। आप चाहें तो पॉट या पेन के माध्यम से आवाज निकाल सकते हैं। बच्चों को अलग-अलग आवजें सुनना भी अच्छा लगता है।

टॉडलर्स (Toddlers) के लिए खेल

टॉडलर्स को डॉल के साथ खेलने में, ब्लॉक से आकार बनाने में बहुत मजा आता है। आप भी उनके खेल में शामिल हो सकते हैं। टॉडलर्स अक्सर घर की वस्तुओं को भी खेल में शामिल करते हैं। आपको ध्यान रखने की जरूरत है कि बच्चे की किसी वस्तु से चोट न लगे या फिर वो उसके लिए खतरनाक न हो। बच्चों की मोटर स्किल्स को डेवलप करने के लिए क्रिएटीविटी बहुत जरूरी है। आप उन्हें कलर करने या फिर ड्रॉ करने में भी हेल्प कर सकते हैं। बच्चे ऐसी एक्टिविटी को बहुत मन से करते हैं और इससे बहुत कुछ सीखते भी हैं। आप बच्चे के साथ साथ आउटडोर गेम भी एंजॉय कर सकते हैं।

और पढ़ें: लॉकडाउन में ऑनलाइन चाइल्ड एब्यूज के मामलों में हो रही है बढ़ोतरी, जानिए

खेल की अहमियत: प्रीस्कूलर्स (Preschoolers) के लिए खेल

प्रीस्कूलर्स की समझ बढ़ चुकी होती है। उन्हें दुनिया की समझ होती है और वो लोग खेल का अकेले भी आनंद ले सकते हैं। आप ऐसे प्रीस्कूलर्स को पजल्स (puzzles), मैग्नेटिक टाइटल्स और टावर बिल्डिंग आदि खेलों के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं।

स्कूल एज किड्स को आउटडोर गेम अधिक पसंद आते हैं। बच्चों में वीडियो गेम भी प्रचलित है लेकिन आपको बच्चों को आउटडोर गेम के लिए भी इनकरेज करना चाहिए।खेल के माध्यम से बच्चों में स्ट्रेस कम होता है और वो कई नई बातों को सीखते हैं। अगर आप बच्चों को खेलने नहीं देंगे, तो उनको शारीरिक और मानसिक समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है। ऐसे बच्चों में अटेंशन और बिहेवियर प्रॉब्लम भी हो सकती है। खेल न खेलने से बच्चे की इमेजिनेशन पॉवर का विकास नहीं हो पाता है और बच्चा दब्बू बना रह जाता है।

इस आर्टिकल के माध्यम से आपको बच्चे के जीवन में खेल की अहमियत का महत्व समझ आ गया होगा। अगर आपको बच्चों का खेलना पसंद नहीं है, तो आपको इस बारे में जरूर सोचना चाहिए। बच्चा खेल के माध्यम से ही पढ़ना सीखता है। आप उसे सिर्फ पढ़ने के लिए कहेंगे, तो उसका मन पढ़ाई में बिल्कुल भी नहीं लगेगा। आप बच्चे के जीवन में खेल को कभी भी इग्नोर न करें। आप इस बारे में डॉक्टर से भी परामर्श कर सकते हैं। आप स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं और अन्य लोगों के साथ साझा कर सकते हैं।

[embed-health-tool-vaccination-tool]

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

The Power of Play: A Pediatric Role in Enhancing Development in Young Children https://pediatrics.aappublications.org/content/142/3/e20182058.short (Accessed on 17/2/2021)

The power of play — how fun and games help children thrive
healthychildren.org/English/ages-stages/toddler/fitness/Pages/Caution-Children-at-Play.aspx (Accessed on 17/2/2021)

 Play, stress, and the learning brain.
ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3574776/ (Accessed on 17/2/2021)

 Play  https://www.healthywa.wa.gov.au/Articles/A_E/baby-play-birth-to-18-months (Accessed on 17/2/2021)

The power of play: A pediatric role in enhancing development in young children.pediatrics.aappublications.org/content/142/3/e20182058.short (Accessed on 17/2/2021)

Current Version

05/11/2021

Bhawana Awasthi द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Bhawana Awasthi


संबंधित पोस्ट

स्कूल के बच्चों के लिए हेल्दी हेबिट्स क्यों है जरूरी? जानें किन-किन आदतों को बच्चों को बताना है बेहतर

नए माता-पिता के अच्छे मानसिक स्वास्थ्य के लिए टिप्स


के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

डॉ. प्रणाली पाटील

फार्मेसी · Hello Swasthya


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 05/11/2021

ad iconadvertisement

Was this article helpful?

ad iconadvertisement
ad iconadvertisement