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बचपन का ट्रॉमा कैसे हो सकता है ठीक, जानिए इसके बारे में अहम जानकारी!

बचपन का ट्रॉमा कैसे हो सकता है ठीक, जानिए इसके बारे में अहम जानकारी!

बचपन के दिन हर कोई दोबारा जीना चाहता है! ऐसा हो भी क्यों ना, क्योंकि बचपन में जो खुशी, जो चिंता मुक्त जीवन हमें मिलता है, वह एक बार बड़े होने के बाद संभव नहीं हो पाता है। लेकिन हर किसी का बचपन सुहावना हो यह जरूरी तो नहीं। जी हां! कुछ बच्चे ऐसे भी होते हैं, जिन्हें बचपन में या कम उम्र में किसी ट्रॉमा से गुजरना पड़ता है। यह ट्रॉमा या आघात उनके लिए बुरी यादों की तरह होता है। इस कारण से उन्हें कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। चाइल्डहुड ट्रॉमा थेरिपी (Childhood Trauma Therapy) ऐसे में बच्चों के लिए फायदेमंद साबित होती है, ताकि बच्चे उस बुरे समय को भुला सके और एक नए जीवन की शुरुआत कर सकें। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको चाइल्डहुड ट्रॉमा थेरिपी (Childhood Trauma Therapy) के बारे में जानकारी देंगे और साथ ही इससे जुड़ी अहम जानकारी भी आपके साथ साझा करेंगे।

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चाइल्डहुड ट्रॉमा (Childhood Trauma) क्या होता है?

चाइल्डहुड ट्रॉमा थेरिपी

सब्सटेंस एब्यूज एंड मेंटल हेल्थ सर्विस एडमिनिस्ट्रेन (Substance Abuse and Mental Health Services Administration) की मानें, तो 16 साल तक की उम्र में करीब दो तिहाई बच्चे किसी न किसी ट्रॉमा से होकर गुजरे होते हैं। चाइल्डहुड ट्रॉमा (Childhood Trauma)  से मतलब बचपन में बच्चों के साथ हुए गलत व्यवहार, किसी खतरनाक स्थिति या फिर फिजिकल एब्यूज (Physical abuse), इमोशनल एब्यूज (Emotional abuse), अचानक से किसी घटना जैसे भूकंप आना या आग लगना आदि से संबंधित हो सकता है।

कई बार बच्चों की आंखों के सामने ऐसी घटनाएं घटती हैं, जो उनके लिए भूल पाना बहुत मुश्किल हो जाता है। किसी अपनों को खो देने का डर या फिर कोई सीरियस एक्सीडेंट, किसी को मरने या फिर किसी अपने को कोई बड़ी चोट लग जाने के कारण भी बच्चों को चाइल्डट्रॉमा का सामना करना पड़ता है। यह समस्या किसी भी बच्चे के साथ हो सकती है। बच्चों में चाइल्डहुड ट्रॉमा (Childhood Trauma) के अलग-अलग लक्षण देखने को मिल सकते हैं। चाइल्डहुड ट्रॉमा (Childhood Trauma) से गुजरने वाले बच्चों में विभिन्न प्रकार के लक्षण देखने को मिल सकते हैं। जानिए चाइल्डहुड ट्रॉमा (Childhood Trauma) के कारण बच्चों में क्या लक्षण देखने को मिलते हैं।

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चाइल्डहुड ट्रॉमा (Childhood Trauma) के लक्षण

प्री स्कूल और एलिमेंट्री एज चिंड्रन के लिए

चाइल्डहुड ट्रॉमा थेरिपी (Childhood Trauma Therapy)

अगर बच्चे को किसी कारण से बचपन में किसी प्रकार का आघात पहुंचा है, तो उसके लिए थेरिपी बेहतर उपाय साबित हो सकती है। बच्चों को कौन-सी थेरिपी दी जानी है, यह डॉक्टर बच्चों के लक्षणों को जाने के बाद ही तय करते हैं। आइए जानते हैं कि किन थेरिपी का इस्तेमाल किया जा सकता है।

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चाइल्डहुड ट्रॉमा थेरिपी: कॉग्निटिव प्रोसेसिंग थेरिपी (Cognitive processing therapy)

कॉग्निटिव प्रोसेसिंग थेरिपी, कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी का एक सबटाइप है। पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (Post-traumatic stress disorder) से राहत पाने के लिए डॉक्टर कॉग्निटिव प्रोसेसिंग थेरिपी (Cognitive processing therapy) का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस ट्रीटमेंट के दौरान करीब 12 सेशन होते हैं। ये एक फॉर्मल प्रोसेस होता है।

ट्रॉमा-फोकस्ड कॉग्नेटिव बिहेवियरल थेरिपी (TF-CBT)

ये थेरिपी कॉग्निटिव प्रोसेसिंग थेरिपी (Cognitive processing therapy) का ही सबटाइप है। ये एक एविडेंस बेस्ड मॉडल है, जो किसी खास प्रकार के ट्रॉमा को ठीक करने के लिए अपनाया जाता है। इसमें फैमिली का सपोर्ट भी पूरी तरह से रहता है। जिन बच्चों को किसी खास प्रकार की भावनात्मक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, उन्हें 12 से 15 सेशन दिए जाते हैं।

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चाइल्डहुड ट्रॉमा थेरिपी: आई मूवमेंट डिसेन्सिटाइजेशन एंड रीप्रोसेसिंग (Eye movement desensitization and reprocessing)

आई मूवमेंट डिसेन्सिटाइजेशन एंड रीप्रोसेसिंग थेरिपी का अन्य प्रकार है। ईएमडीआर (EMDR) के अंतर्गत आंखों के मूवमेंट को शामिल किया जाता है, जिससे बच्चे चाइल्डहुड ट्रामा को धीरे-धीरे भूल जाएं। इस थेरिपी के दौरान करीब आठ चरण अपनाएं जाते हैं। इस थेरेपी को अपनाने से बच्चा धीरे-धीरे बचपन में हुए रोमा को भूलने लगता है और वापस उसका उन कामों में मन लगने लगता है जिनसे वो अब तक दूर भाग रहा था।

चाइल्डहुड ट्रॉमा थेरिपी: नैरेटिव एक्सपोजर थेरिपी (Narrative exposure therapy)

नैरेटिव एक्सपोजर थेरिपी (Narrative exposure therapy) को ट्रॉमा-फोकस्ड कॉग्नेटिव बिहेवियरल थेरिपी के विकल्प के रूप में अपनाया जा सकता है। पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (Post-traumatic stress disorder) से पीड़ित बच्चों में इसे अपनाया जाता है।

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चाइल्डहुड ट्रॉमा थेरिपी: प्ले थेरेपी (Play therapy)

जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है कि इस थेरिपी के दौरान कुछ खेलों की मदद ली जाती है, ताकि बच्चों को चाइल्डहुड ट्रॉमा से बाहर निकाला जा सके।करीब 3 से 12 साल के बच्चों में इस थेरिपी का इस्तेमाल किया जाता है। प्ले थेरिपी सेशन के दौरान थेरिपिस्ट खेल के दौरान बच्चों के व्यवहार का अध्ययन करते हैं। इस तरह से बच्चे की समस्याओं का पता लगाकर बच्चों का ट्रीटमेंट किया जाता है।

चाइल्डहुड ट्रॉमा थेरिपी: आर्ट थेरिपी (Art therapy)

आर्ट थेरिपी के दौरान क्रिएटिव एक्सप्रेशन (creative expression) का इस्तेमाल किया जाता है। जिससे कि बच्चा ट्रॉमेटिक इवेंट से बाहर निकल सके। आर्ट मीडियम जैसे की ड्राइंग (Drawing), कलरिंग (Coloring), पेंटिंग (Painting), कोलाज बनाना या फिर स्कल्पचर के माध्यम से बच्चों के अंदर क्रिएटिविटी को जगाया जाता है। ताकि वह बचपन के ट्रॉमा से बाहर आ सके। अमेरिकन आर्ट थेरिपी एसोसिएशन का कहना है कि थेरिपी के माध्यम से बच्चों को बिना शब्दों के एक प्लेटफॉर्म प्रदान किया जाता है, जो उन्हें खुद की क्रिएटीविटी के बारे में अवेयर कराता है और साथ ही स्ट्रेस भी कम करता है।

अगर बच्चा चाइल्डहुड ट्रॉमा से गुजर रहा है, तो इसे बिल्कुल भी इग्नोर ना करें क्योंकि ऐसे समय में बच्चों को आपके साथ की जरूरत है। आप बच्चे के व्यवहार पर ध्यान दें और आपको अगर किसी प्रकार का परिवर्तन नजर आ रहा है, तो आप मेंटल हेल्थ (mental health) एक्सपर्ट से बात करें। डॉक्टर को बताएं कि बच्चों में आपको कौन से लक्षण अलग नजर आ रहे हैं। डॉक्टर बच्चों के लक्षणों के आधार पर किसी थेरिपी का चयन करने की सलाह दे सकते हैं। ऐसा करने से बच्चे जहां बीती बातों को भुलाने की कोशिश करते हैं वहीं दूसरी ओर न्यू क्रिएटिविटी में उनका मन लग जाता है और धीरे-धीरे वो पुरानी बातों को भूल जाते हैं।

इस आर्टिकल में हमने आपको चाइल्डहुड ट्रॉमा थेरिपी (Childhood Trauma Therapy) के बारे में  बारे में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।

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डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

 

The relationship between childhood trauma and suicidal ideation: Role of maltreatment and potential mediators.
ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5240465/

Cognitive processing therapy
apa.org/ptsd-guideline/treatments/cognitive-processing-therapy

Five applications of narrative exposure therapy for children and adolescents presenting with post-traumatic stress disorder.
frontiersin.org/articles/10.3389/fpsyt.2020.00019/full

Preventing adverse childhood experiences.
cdc.gov/violenceprevention/aces/fastfact.html

Recognizing and treating child traumatic stress.
samhsa.gov/child-trauma/recognizing-and-treating-child-traumatic-stress

 

Current Version

30/11/2021

Bhawana Awasthi द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Sayali Chaudhari

Updated by: Bhawana Awasthi


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Sayali Chaudhari

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Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 30/11/2021

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