खेल की अहमियत: खेल के माध्यम से बच्चों का भावनात्मक विकास (Emotional benefits)
बच्चों को खेल में हार और जीत के बारे में सीखने को मिलता है। जब बच्चे आपस में खेलते हैं, तो उन्हें हारने पर दुख होता है। कई बार बच्चे रोने भी लगते हैं। बच्चे जीतने पर खुशियां भी मनाते हैं। बच्चों में खेल के माध्यम से भावनात्मक विकास होता है। खेल बच्चों को जीतने के लिए उत्साहित भी करता है। खेल के माध्यम से बच्चों में न्यू कॉन्सेप्ट का भी विकास होता है। बच्चे के जीवन में खेल की अहमियत को नकारा नहीं जा सकता है।
खेल की अहमियत: खेल के माध्यम से बच्चों का सामाजिक विकास (Social benefits)
बच्चा अकेले खेलकर उतनी खुशी कभी महसूस नहीं करता है, जितना उसे अन्य बच्चों के साथ खेलने में महसूस होती है। बच्चे स्कूल में जब अन्य बच्चों के साथ खेलते हैं, तो उन्हें एक-दूसरे से इंटरेक्ट करने में मदद मिलती है। बच्चों के स्वभाव में लोगों से बातें करना या तुरंत घुल मिल जाना आम बात है लेकिन खेल के माध्यम से बच्चे अपने मन की बातें दूसरे बच्चों से आसानी से कह देते हैं। बच्चे अपने विचारों को दूसरों से बांटटे हैं और दूसरों की बातें भी बहुत ध्यान से सुनते हैं। इस तरह से खेल-खेल में बच्चों का सामाजिक विकास होता है।
और पढ़ें: सवालों से हैं परेशान तो कुछ इस अंदाज में दे सकते हैं बच्चों को कोरोना वायरस की जानकारी
खेल की अहमियत: इन खेलों की ली जा सकती है मदद
बच्चे सभी उम्र में एक जैसे खेल नहीं खेलते हैं। उम्र बढ़ने के साथ ही बच्चों के खेल भी बदल जाते हैं। बेबी, टॉडलर्स, प्रीस्कूलर्स और स्कूल-एज किड्स के खेल अलग होते हैं। आपको बच्चों के साथ जरूर खेलना चाहिए ताकि वो खेल को एंजॉय कर सके और नई चीजों को सीख सकें।
बच्चों (Babies) के लिए खेल

बेबी के लिए हर चीज नई होती है। उन्हें नए रंग, नए शेप देखना बहुत अच्छा लगता है। बेबी स्माइल के माध्यम से खेल शुरू करते हैं। अगर आप बच्चे को देखकर हंसते हैं या फिर उन्हें हंसकर बुलाते हैं, तो वो भी रिस्पॉन्स देते हैं। यानी स्माइल उनके लिए खेल का काम करती है। आप बच्चे के साथ खेलते वक्त डिफरेंट फेस पोज बना सकते हैं। आप बेबी को कलरफुल ब्लॉक या फिर कलरफुल पेपर दे सकते हैं। आप चाहें तो पॉट या पेन के माध्यम से आवाज निकाल सकते हैं। बच्चों को अलग-अलग आवजें सुनना भी अच्छा लगता है।
टॉडलर्स (Toddlers) के लिए खेल
टॉडलर्स को डॉल के साथ खेलने में, ब्लॉक से आकार बनाने में बहुत मजा आता है। आप भी उनके खेल में शामिल हो सकते हैं। टॉडलर्स अक्सर घर की वस्तुओं को भी खेल में शामिल करते हैं। आपको ध्यान रखने की जरूरत है कि बच्चे की किसी वस्तु से चोट न लगे या फिर वो उसके लिए खतरनाक न हो। बच्चों की मोटर स्किल्स को डेवलप करने के लिए क्रिएटीविटी बहुत जरूरी है। आप उन्हें कलर करने या फिर ड्रॉ करने में भी हेल्प कर सकते हैं। बच्चे ऐसी एक्टिविटी को बहुत मन से करते हैं और इससे बहुत कुछ सीखते भी हैं। आप बच्चे के साथ साथ आउटडोर गेम भी एंजॉय कर सकते हैं।