परिचय
अपेंडिक्स (appendix) मनुष्य की आंत का एक छोटा-सा हिस्सा है। अपेंडिक्स में दर्द या सूजन की समस्या व्यक्ति के लिए काफी पीड़ादायक होती है। अगर इस बीमारी को सामान्य भाषा में समझें तो अपेंडिसाइटिस, अपेंडिक्स से जुड़ी शारीरिक परेशानी है।
अगर किसी भी कारण अपेंडिक्स में सूजन या इंफेक्शन होता है, तो व्यक्ति को दर्द महसूस होता है। अपेंडिक्स एक छोटे से बैग के आकार का होता है, जो बड़ी आंत से जुड़ा होता है। अगर किसी व्यक्ति को अपेंडिक्स की समस्या हो तो इसका इलाज अवश्य करवाना चाहिए।
अगर वक्त रहते इसका इलाज सही तरह से नहीं करवाया गया तो यह एक गंभीर शारीरिक परेशानी पैदा कर सकती है।
अपेंडिसाइटिस दो अलग-अलग तरह के होते हैं? (Types of Appendix)
एक्यूट अपेंडिसाइटिस – एक्यूट अपेंडिसाइटिस की समस्या होने पर व्यक्ति को अचानक से दर्द होने लगता है और दर्द काफी तेज होता है।
एक्यूट अपेंडिसाइटिस कम वक्त में ही ज्यादा पीड़ादायक होता है और तुरंत इलाज की आवश्यकता पड़ती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो अगर जल्द इलाज शुरू नहीं करवाया गया तो यह फट भी सकता है जिस वजह से यह छोटी सी परेशानी गंभीर रूप ले लेती है।
आज इस आर्टिकल में अपेंडिक्स का आयुर्वेदिक इलाज क्या है? आयुर्वेदिक इलाज कैसे किया जाता है? इसे समझने की कोशिश करेंगे।
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लक्षण
अपेंडिक्स की परेशानी होने पर इसके लक्षण क्या होते हैं? (Appendix Symptoms )
अपेंडिक्स के निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं, जैसे :
- पेट में दर्द की शिकायत रहना
- भूख न लगने की परेशानी
- मतली होना
- उल्टी आना
- कब्ज या दस्त की समस्या होना
- बुखार आना
- एसिडिटी की समस्या रहना
- पेट में सूजन होना
- पेट में ऐठन महसूस होना
- मल त्यागने में परेशानी होना
इन लक्षणों के साथ-साथ अन्य लक्षण भी दिख सकते हैं। इसलिए परेशानी महसूस होने पर नजरअंदाज न करें।
कहां होता है अपेंडिक्स (Appendix)
पेट के निचले हिस्से में दाईं ओर अपेंडिक्स होता है। अपेंडिक्स के दर्द के इलाज के लिए अमूमन सर्जरी ही की जाती है लेकिन कई मामलों और रिसर्च में भी सामने आया है कि आयुर्वेदिक उपचार से अपेंडिसाइटिस को ठीक किया जा सकता है।
किसे हो सकता है अपेंडिसाइटिस
किसी भी उम्र में व्यक्ति को अपेंडिक्स का दर्द हो सकता है। हालांकि, टीएनज और 20 की उम्र के बाद यह समस्या अधिक प्रभावित करती है। बच्चों में अपेंडिक्स का दर्द कम ही देखा जाता है।
अपेंडिक्स के दर्द का निदान (Appendix Diagnosis)
लक्षण दिखने पर आप डॉक्टर के पास जाते हैं। इंफेक्शन की जांच के लिए डॉक्टर ब्लड टेस्ट करवा सकते हैं। आपको इमेजिंग स्कैन भी करवाना पड़ सकता है। नीचे बताए गए किसी भी टेस्ट से ब्लॉकेज, सूजन या ऑर्गन रप्चर के संकेत मिल सकते हैं।
- सीटी स्कैन : कंप्यूटेड टोमोग्राफी स्कैन में शरीर के क्रॉस सेक्शन दिखते हैं। इसमें एक्स-रे और कंप्यूटर की मदद ली जाती है।
- एमआरआई : इसमें रेडियो तरंगों और मैगनेट का इस्तेमाल कर के पेट के अंगों की तस्वीर ली जाती है।
- अल्ट्रासाउंड : पेट के अल्ट्रासाउंड में हाई फ्रीक्वेंसी की साउंड वेव्स से अंगों की तस्वीरें ली जाती है।
अपेंडिक्स का इलाज न किया तो जटिलताएं (Appendix Treatments)
यदि अपेंडिक्स का इलाज न किया जाए तो पेट में मौजूद अंग अपेंडिक्स रप्चर हो सकता है। अपेंडिक्स के फटने पर संक्रमण फैल सकता है जिसकी वजह से गंभीर बीमारी और यहां तक कि मौत भी हो सकती है। अपेंडिक्स का इलाज न करने पर निम्न जटिलताएं हो सकती हैं :
- फोड़ा : अपेंडिक्स में फोड़ा हो सकता है जिसमें पस पड़ सकती है। सर्जरी से पहले पेट में ड्रेनेज ट्यूब लगाकर इस पस को निकाला जाता है। इसमें हफ्ते या इससे ज्यादा का समय लग सकता है। संक्रमण से लड़ने के लिए एंटीबायोटिक दी जा सकती है।
- पेट में इंफेक्शन : अगर पूरे पेट में इंफेक्शन फैल जाए जाए स्थिति घातक साबित हो सकती है। पेट की सर्जरी यानि लैप्रोटोमी से रप्चर अपेंडिक्स को निकाला और संक्रमण का इलाज किया जाता है।
- सेप्सिस : रप्चर अपेंडिक्स से बैक्टीरिया रक्त वाहिकाओं में घुस सकता है। ऐसा होने पर सेप्सिस की स्थिति पैदा हो सकती है। कई अंगों में सेप्सिस के कारण सूजन हो जाती है जोकि जानलेवा साबित हो सकती है। इसमें अस्पताल में भर्ती कर के तेज एंटीबायोटिक दी जाती हैं।
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कारण
अपेंडिक्स के कारण क्या हैं? (Appendix Causes)
अपेंडिक्स के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं, जैसे :
- पेट में इंफेक्शन की परेशानी होना
- पेट में सूजन होना
- डायजेशन ठीक न रहना
- बढ़ती उम्र
- अनहेल्दी फूड का सेवन करना
इन ऊपर बताए गए कारणों के अलावा अन्य कारण भी हो सकते हैं इसलिए हेल्दी डायट जरूर फॉलो करें।
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इलाज
अपेंडिक्स का आयुर्वेदिक इलाज क्या है? (Appendix Ayurvedic Treatments)
स्वास्थ्य से जुड़े जानकारों की मानें तो अपेंडिक्स की परेशानी होने पर सर्जरी के माध्यम से इसे निकलवा देना चाहिए। वैसे निम्नलिखित तरह से अपेंडिक्स का आयुर्वेदिक इलाज किया जा सकता है :
अपेंडिक्स का आयुर्वेदिक इलाज 1: लहसुन (Garlic)
लहसुन में एंटीवायरल, एंटीऑक्सीडेंट और एंटीफंगल गुण मौजूद होते हैं। इन गुणों के साथ-साथ इसमें विटामिन, मैंगनीज, कैल्शियम एवं आयरन जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। कच्चे लहसुन का सेवन सेहत के लिए लाभकारी होता है और इसके सेवन से अपेंडिक्स की परेशानी भी नहीं होती है।
अपेंडिक्स का आयुर्वेदिक इलाज 2: पुदीना (Mint)
पुदीने में फास्फोरस, विटामिन-सी, विटामिन-ए, आयरन, कैल्शियम एवं मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। पुदीने से अपेंडिक्स का आयुर्वेदिक इलाज किया जाता है। दरअसल, आयुर्वेदिक एक्सपर्ट पुदीने की चाय के सेवन की सलाह देते हैं। क्योंकि पुदीने के सेवन से दर्द में राहत मिलती है और अपेंडिक्स के कारण मतली, गैस और चक्कर आने की परेशानी भी दूर होती है।
अपेंडिक्स का आयुर्वेदिक इलाज 3: अदरक (Ginger)
अदरक में संतुलित मात्रा में कैल्शियम, कॉपर, विटामिन-सी, विटामिन-बी 6 एवं आयरन की मौजूदगी इसे औषधीय श्रेणी में लाती है। अदरक के एक नहीं बल्कि कई फायदे हैं, वहीं अपेंडिक्स का आयुर्वेदिक इलाज भी अदरक से किया जाता है।
इसलिए आयुर्वेदिक डॉक्टर अदरक को गर्म पानी में उबालकर चाय की तरह दिन में दो बार पीने की सलाह देते हैं। ऐसा करने से अपेंडिक्स की वजह से हुई सूजन और दर्द से बचा जा सकता है। अदरक के तेल से भी मालिश करने पर लाभ मिल सकता है।
अपेंडिक्स का आयुर्वेदिक इलाज 4: तुलसी (Basil)
तुलसी में कई तरह के प्रोटीन, विटामिन, फाइबर, खनिज, एंटीऑक्सीडेंट और अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्व मौजूद होते हैं। तुलसी में मौजूद ये सभी पोषक तत्व शरीर के लिए बेहद लाभकारी होते हैं।
अपेंडिक्स के मरीज को प्रायः बुखार और गैस की परेशानी होती है। इसलिए तुलसी की 4 से 5 पत्तियों का सेवन रोजाना अच्छा माना जाता है। यही नहीं तुलसी के सेवन गर्भवती महिलाओं के लिए भी लाभकारी होता है।
अपेंडिक्स का आयुर्वेदिक इलाज 5: जिनसेंग टी (Ginseng)
जिनसेंग औषधियों की श्रेणी के अंतर्गत आता है। अपेंडिक्स का आयुर्वेदिक इलाज जिनसेंग से भी किया जाता है।
इसके सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। आयुर्वेद से जुड़े जानकारों की मानें तो जिनसेंग टी पीने से लाभ मिलता है।
अपेंडिक्स का आयुर्वेदिक इलाज 6: अरंडी का तेल (Castor oil)
अरंडी का तेल चेहरे की खूबसरती बढ़ाने के लिए तो खूब मशहूर है लेकिन, क्या आप जानते हैं अपेंडिसाइटिस की परेशानी भी इससे दूर हो सकती है?
दरअसल, नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नॉलजी इंफॉर्मेशन (NCBI) की रिसर्च के अनुसार अरंडी के तेल में ट्री रिसिनोलिक एसिड मौजूद होता है, जिसमें एंटी-इंफ्लामेट्री और एनाल्जेसिक (दर्द निवारक) गुण अपेंडिक्स में होने वाले दर्द को दूर करने में सहायक होते हैं।
इस तेल को कपड़े या कॉटन में लगाकर अपेंडिसाइटिस वाले हिस्से में लगाएं और कुछ देर तक उसे वहीं लगा रहना दें। ऐसा करने से लाभ हो सकता है।
अपेंडिक्स का आयुर्वेदिक इलाज 7: ग्रीन टी (Green Tea)
ग्रीन टी का सेवन बेहद लाभकारी होता है। दरअसल, ग्रीन टी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट एवं एंटी-इन्फ्लामेट्री सेहत के लिए लाभकारी माना जाता है। इसके सेवन से अपेंडिसाइटिस की वजह से होने वाले दर्द और सूजन की परेशानी दूर होती है।
हालांकि, आयुर्वेद एक्सपर्ट का मानना है कि इससे जुड़े रिसर्च अभी भी जारी है। इसलिए अभी ग्रीन टी से अपेंडिक्स के मरीज को कितना लाभ मिल सकता है, यह अभी साफ नहीं है।
अपेंडिक्स का आयुर्वेदिक इलाज इन ऊपर बताये गए तरीकों से किया जाता है लेकिन, ज्यादातर रिसर्च यही बताती हैं कि अपेंडिक्स की परेशानी अगर हो तो सर्जरी बेहतर विकल्प है।
अपेंडिक्स का आयुर्वेदिक इलाज 8 : मेथीदाना (Fenugreek)
मेथीदाने से बनी चाय अपेंडिक्स से बचाने में मदद करती है। ये शरीर से म्यूकस और आंतों से विषाक्त पदार्थों को साफ करती है। एक लीटर ठंडे पानी में एक चम्मच मेथीदाना डालकर उसे धीमी आंच पर आधे घंटे तक उबालें और फिर छान लें। इसके हल्का ठंडा होने पर घूंट-घूंट कर पिएं।
अपेंडिक्स का आयुर्वेदिक इलाज 9 : सब्जियों का जूस (Vegitables juice)
कुछ सब्जियों का रस भी अपेंडिक्स के इलाज में कारगर साबित होता है। 100 मिली चुकंदर और खीरे के रस में लगभग 300 मिली गाजर का जूस का मिलाएं। इस जूस को दिन में दो बार ले सकते हैं।
अपेंडिक्स का आयुर्वेदिक इलाज 10 : बादाम का तेल (Almond Oil)
बादाम के तेल से पेट के निचले हिस्से की मालिश करना फायदेमंद रहता है। ये तेल अपेंडिक्स के दर्द और सूजन से राहत दिलाने में मदद करता है। आप गर्म पानी में तौलिए को भिगोकर उससे सिकाई भी कर सकते हैं। यह तरीका भी अपेंडिक्स के दर्द से राहत दिलाता है।
अपेंडिक्स का आयुर्वेदिक इलाज 11 : छाछ और मूंग दाल (Buttermilk)
लंबे समय से अपेंडिक्स का दर्द हो रहा है तो आपके लिए छाछ लाभकारी साबित हो सकती है। आप अपेंडिक्स के दर्द को दूर करने के लिए रोज छाछ का सेवन कर सकते हैं। अपेंडिक्स को प्राकृतिक रूप से ठीक करने के लिए हरी मूंग दाल भी खाई जा सकती है।
ये दाल अपेंडिक्स के दर्द के दौरान हुए संक्रमण का इलाज भी करता है। मुट्ठीभर मूंग दाल को रातभर भीगने के लिए रख दें। रोज एक चम्मच मूंग दाल खाने से सूजन संबंधी स्थितियों और अपेंडिक्स की दर्दभरी स्थितियों को दूर करने में मदद मिलती है।
क्या कहती है रिसर्च
एक केस स्टडी में एक 15 वर्षीय लड़की को पेट के दाईं ओर तेज दर्द, लंबे समय से सिरदर्द, मतली, हाइपरएसिडिटी, भूख में कमी, नींद आने में दिक्कत और चलने में परेशानी हो रही थी।
लक्षण दिखने से 3 दिन पहले लड़की को पेट के दाईं ओर तेज दर्द उठा था। इसके लिए उसे डॉक्टर के पास ले जाया गया। पेट की सोनोग्राफी और कुछ ब्लड टेस्ट के बाद एक्यूट अपेंडिसाइटिस का पता चला। मरीज के परिवार ने सर्जरी की बजाय वैकल्पिक उपचार करवाने का निर्णय लिया।
अपेंडिक्स से ग्रस्त इस लड़की को आयुर्वेदिक उपचार के तहत रक्मोक्षण क्रिया दी गई। इसमें शरीर से कुछ मात्रा में खून निकाला जाता है। थेरेपी के 10 मिनट बाद ही लड़की को दर्द में आराम मिलना शुरू हो गया। मरीज को 1 घंटे के लिए मॉनिटर किया गया।
लगभग 60 से 70 फीसदी दर्द 1 घंटे के बाद चला गया। अब मरीज अपने आप बिना किसी सहारे के चल पा रही थी। इसके बाद मरीज को 7 दिनों तक खाने के लिए दवा दी गई।
5 दिन के बाद ही मरीज को पेट दर्द और अन्य लक्षणों से पूरी तरह से राहत मिल गई। 2 महीने तक हर सप्ताह मरीज को चेकअप के लिए बुलाया जाता था और इसके बाद मरीज को दोबारा कभी अपेंडिक्स का दर्द नहीं उठा।
इस रिसर्च के मुताबिक अधिकतर मामलों में बिना किसी सर्जरी के अपेंडिक्स के दर्द का इलाज किया जा सकता है। हालांकि, कुछ मामलों में सर्जरी ही एकमात्र विकल्प रह जाता है।
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घरेलू उपाय
अपेंडिक्स की परेशानी से बचने के क्या हैं घरेलू उपाय? (Home remedies for Appendix)
अपेंडिक्स की समस्या न हो इसलिए आयुर्वेद से जुड़े जानकार निम्नलिखित सलाह देते हैं –
- अपेंडिक्स के पेशेंट को सलाद, मशरूम, कद्दू, ब्रोकली, पालक, पत्तेदार सब्जी, आलू का सेवन नियमित करना चाहिए। अगर फलों की बात करें तो सेब, जामुन, केला एवं नाशपाती का सेवन लाभदायक होता है।
- गेंहूं की रोटी या गेंहू से खाद्य पदार्थ, दलिया, चावल जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन रोजाना करना चाहिए।
- दो से तीन लीटर पानी का सेवन रोजाना करें।
- खाद्य पदार्थों के सेवन से पहले हाथों की सफाई अच्छी तरह से करें।
- तेल-मसाले और जंक फूड का सेवन न करें।
- अचार न खाएं।
- आराम करें।
इन छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखकर अपेंडिक्स की परेशानी से बचा जा सकता है लेकिन, ज्यादातर केसेस में सर्जरी ही आखरी विकल्प देखी जाती है। इसलिए अगर आपको या आपके किसी करीबी को अपेंडिक्स की समस्या है, तो लापरवाही न बरतते हुए जल्द से जल्द इलाज शुरू करवाएं।
अगर आप अपेंडिक्स का आयुर्वेदिक इलाज या अपेंडिक्स से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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