ओवरीज (ovaries) में एंट्रम की उपस्थिति
ओवरीज में फॉलिक्युलर एंट्रा पाए जाते हैं। प्रत्येक एंट्रल फॉलिकल में एक द्रव से भरा एंट्रम और एक अपरिपक्व एग सेल होती है।ओव्युलेशन के समय ये फॉलिकल मैच्योर हो जाती है। फॉलिकल एंट्रा को महिला के प्रेग्नेंट होने की एबिलिटी के रूप में पहचाना जा सकता है। फर्टिलिटी टेस्टिंग के दौरान डॉक्टर एंट्रा फॉलिकल टेस्टिंग की सलाह दे सकते हैं। जितना फॉलिकल एंट्रा का नंबर अधिक होगा, उतनी ही महिला की प्रेग्नेंट होने की क्षमता होगी।
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हेल्थ कंडीशन के कारण एंट्रम में प्रभाव
एंट्रम को शरीर की कई हेल्थ कंडीशन प्रभावित कर सकती हैं। वैसे तो बहुत सी हेल्थ कंडीशन होती हैं, जो एंट्रम के कार्य को बिगड़ने का काम कर सकती हैं लेकिन शरीर के विभिन्न भागों की हेल्थ कंडीशन मुख्य एंट्रम को प्रभावित करती है। जानिए ऐसी कुछ कंडीशन के बारे में।
गैस्ट्राइटिस (Gastritis) के कारण समस्या
पेट की सूजन को गैस्ट्राइटिस के नाम से जाना जाता है। इसमें पेट का गैस्ट्रिक एंट्रम शामिल हो सकता है। कुछ लोगों को गैस्ट्र्रिटिस के लक्षणों का अनुभव नहीं होता है। जब लक्षण विकसित होते हैं। जी मिचलाना, उल्टी करना, पेट में ऐंठन, खट्टी डकार (Indigestion) आदि लक्षण शामिल होते हैं।गैस्ट्राइटिस के एक नहीं बल्कि कई कारण हो सकते हैं। यह ज्यादा सिगरेट पीने के कारण, ज्यादा स्ट्रेस लेने के कारण,पेट में कभी किसी चोट के कारण या अन्य कारणों से हो सकता है।
पेप्टिक अल्सर भी हो सकती है वजह
पेप्टिक अल्सर (Peptic ulcers) गैस्ट्रिक एंट्रम को भी प्रभावित कर सकता है। जब ऐसा होता है, तो उन्हें अक्सर एंट्रल अल्सर कहा जाता है।एंट्रल अल्सर का सबसे आम लक्षण पेट में जलन या दर्द है जो आमतौर पर खाने के तुरंत बाद होता है। कभी-कभी भोजन करते समय कंडीशन अधिक खराब हो सकती है। इस कारण से व्यक्ति का वजन अचानक से घटने लगता है। जी मिचलाने की समस्या पैदा हो जाती है और साथ में ही वह वॉमिटिंग आना, स्टूल के साथ ब्लड का आना आदि लक्षण दिखने लगते हैं। ऐसी गंभीर स्थिति होने पर पेशेंट को तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए और साथ में ही ट्रीटमेंट भी कराना चाहिए।
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मैक्सिलरी साइनसिसिस (Maxillary sinusitis)
यह एक प्रकार की सूजन है, जो मैक्सिलरी साइनस के इंफेक्शन के कारण हो सकती है। यह सीधे इस एरिया को इफेक्ट कर सकता है और इसे अपना काम ठीक से करने से रोक सकता है। अगर बैक्टीरिया का संक्रमण का संदेह है, तो आपका डॉक्टर एंटीबायोटिक थेरिपी लिख सकते हैं। वे कुछ प्रकार के साइनसिसिटिस के इलाज या रोकथाम में मदद के लिए नाक के स्प्रे को इस्तेमाल करने की सलाह भी दे सकते हैं।
पॉलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (Polycystic ovarian syndrome)
पॉलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (Polycystic ovarian syndrome) फॉलिक्युलर एंट्रा (follicular antra) को प्रभावित करने का काम कर सकता है। ये ओवेरियन फॉलिकल को ग्रो और मैच्योर होने से रोक सकता है। इस कारण से इनफर्टिलिटी की समस्या हो सकती है। ये कम समय से लेकर लंबे समय तक हो सकती है।
एंट्रम शरीर के विभिन्न हिस्सों में उपस्थित होता है। यह प्रकार की कैविटी है, जो शरीर के विभिन्न अंगों को विभिन्न प्रकार के कामों को करने के लिए महत्वपूर्ण होता है। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो आप डॉक्टर से भी इस बारे में जानकारी ले सकते हैं। अगर आपको किसी प्रकार की हेल्थ कंडीशन है और बीमारी के लक्षण भी दिख रहे हैं, तो ऐसे में आपको समय बर्बाद किए बिना डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
इस आर्टिकल में हमने आपको एंट्रम (Antrum) के बारे में अहम जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की ओर से दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको डायजेस्टिव सिस्टम के संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हैलो हेल्थ की वेबसाइट में आपको अधिक जानकारी मिल जाएगी।