जेस्टेशनल डायबिटीज (Gestational diabetes) यानी प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लड शुगर लेवल का हाय होना। यह कंडिशन प्रेग्नेंसी के दौरान ही होती है और इसके बाद अपने आप ठीक हो जाती है। हालांकि, कुछ महिलाओं को जेस्टेशनल डायबिटीज के चलते डिलिवरी के बाद भी कॉम्प्लिकेशन्स का सामना करना पड़ सकता है। जेस्टेशनल डायबिटीज डायट और एक्सरसाइज से इस कंडिशन को मैनेज किया जा सकता है। जेस्टेशनल डायबिटीज डायट (Gestational diabetes Diet) में बैलेंस्ड डायट को फॉलो करने की सलाह दी जाती है। जिसमें फल और सब्जियां, लीन प्रोटीन, हेल्दी फैटस, साबुत अनाज जैसे कि ब्रेड, सीरियल, पास्ता, ब्राउन राइस, स्टार्ची सब्जियां (जिसमें कॉर्न शामिल है) को डायट में शामिल किया जाता है। वहीं शुगरी फूड्स, सॉफ्ट ड्रिंक्स, फलों का जूस और पेस्ट्रीज को कम मात्रा में खाने की सिफारिश की जाती है।
जेस्टेशनल डायबिटीज डायट (Gestational diabetes Diet)
जेस्टेशनल डायबिटीज डायट में ऐसी चीजों को शामिल किया जाता है जो ब्लड शुगर लेवल को सुरक्षित रेंज में रख सकें जिससे महिला अपनी प्रेग्नेंसी को एंजॉय कर सके और हेल्दी बेबी को जन्म दे सके। अगर आपको जेस्टेशनल डायबिटीज डायग्नोस हुई है, तो जेस्टेशनल डायबिटीज डायट (Gestational diabetes Diet) में निम्न बातों का ध्यान रखें।
हेल्दी कार्बोहाइड्रेट का चुनाव करें (Choose Healthy Carbohydrates)
सभी कार्ब ब्लड शुगर लेवल को प्रभावित करते हैं। इसलिए आपको यह पता करना होगा कि किन फूड्स में कार्ब्स हैं। आप जिस टाइप के कार्ब का उपयोग ड्रिंक और फूड में करते हैं वह ब्लड शुगर लेवल में बदलाव लाता है। आधी से भी कम कैलोरी जो आप खाते हैं वह कार्बोहाइड्रेट से आनी चाहिए।
ज्यादातर कार्बोहाइड्रेट स्टार्ची और शुगरी फूड्स में पाया जाता है। जिसमें ब्रेड, राइस, पास्ता, कोर्न, फ्रूट जूस, मिल्क, योगर्ट, कुकीज, कैंडी, सोडा आदि। हाय फायबर, होल ग्रेन कार्बोहाइड्रेट हेल्दी ऑप्शन है। इसे कॉम्प्लैक्स कार्बोहाइड्रेट (Complex carbohydrates) कहा जाता है।
आलू, फ्रैंच फाइज, सफेद चावल, कैंडी, सोड़ा और दूसरे स्वीट्स को अवॉइड करें। क्योंकि इनको खाने के बाद ब्लड शुगर लेवल बहुत जल्दी बढ़ जाता है। सब्जियां हेल्थ के लिए अच्छी होती हैं। इन्हें खूब खाएं।
और पढ़ें : क्या हैं आंवला के फायदे? गर्भावस्था में इसका सेवन करना कितना सुरक्षित है?
जेस्टेशनल डायबिटीज डायट (Gestational diabetes Diet) से शुगर को कट करना है जरूरी
जेस्टेशनल डायबिटीज डायट (Gestational diabetes Diet) से शुगर को हटाना थोड़ा मुश्किल लग सकता है, लेकिन प्रेक्टिस से आप इसे रूटीन में ला सकते हैं। इसके लिए आप शुगरी ड्रिंक्स, एनर्जी ड्रिंक्स और फ्रूट जूस की जगह पानी, प्लेन स्किम्ड और सेमी स्किम्ड मिल्क या बिना कैफीन वाली कॉफी या चाय पी सकती हैं। इसके साथ ही शुगर की जगह लो कैलोरी या जीरो स्वीटनर्स का उपयोग करें। जिन्हें आर्टिफिशियल स्वीटनर्स भी कहते हैं। केक, चॉकलेट, आइसक्रीम और बिस्कुट का उपयोग कम से कम करें।
और पढ़ें : प्रेग्नेंसी से पहले फॉलो करें कुछ टिप्स और गर्भावस्था की परेशानियों से पाएं छुटकारा
स्नैक के लिए भी प्लानिंग करें (Gestational diabetes Diet Tips)
दोपहर के मील के बाद या लंच के पहले कई बार हल्की भूख लगती है और कुछ खाने का मन करता है। ऐसे में अक्सर हम अनहेल्दी ऑप्शन को चुन लेते हैं, लेकिन जेस्टेशनल डायबिटीज डायट (Gestational diabetes Diet) फॉलो कर रहे हैं तो ऐसा नहीं किया जा सकता। स्नैकिंग के लिए भी आपको तैयारी करनी होगी ताकि ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहे और ज्यादा वजन ना बढ़े। इसके लिए आप केक, बिस्कुट, चिप्स और चॉकलेट की जगह लो शुगर या प्लेन योगर्ट, अनसॉल्टेड नट्स, फल, सब्जियां और बीजों को शामिल कर सकते हैं।
ग्लाइसेमिक इंडेक्स को समझें (Understand the glycemic index)
ग्लाइसेमिक इंडेक्स (Glycemic index) (GI) इस बात का माप है कि कार्ब्स युक्त खाद्य पदार्थ आपके खाने के बाद आपके रक्त शर्करा के स्तर को कितनी जल्दी प्रभावित करते हैं। कुछ खाद्य पदार्थ शर्करा के स्तर को जल्दी प्रभावित करते हैं और इसलिए उच्च जीआई (GI) होता है, और अन्य रक्त शर्करा के स्तर को प्रभावित करने में अधिक समय लेते हैं और इसलिए जीआई (GI) कम होता है।
अपने रक्त शर्करा के स्तर को प्रबंधित करने में आपकी मदद करने के लिए, कम जीआई वाले कार्ब्स का सेवन करें। और सभी कम जीआई खाद्य पदार्थ स्वस्थ नहीं होते हैं, इसलिए सुनिश्चित करें कि आप खाद्य लेबल पढ़ें और स्वस्थ विकल्प चुनें।
लीन प्रोटीन को जेस्टेशनल डायबिटीज (Gestational diabetes) डायट में शामिल करें
प्रोटीन युक्त फूड्स बेबी के डेवलपमेंट के लिए जरूरी है। साथ ही ये ब्लड शुगर लेवल को बैलेंस करने में मदद करता है। इसके लिए आप ऐसे फूड्स का सेवन कर सकते हैं इसके लिए डायट में अंडा, फिश, टॉफू, बीन्स, क्विनोआ और दालों को शामिल करें।
क्या जेस्टेशनल डायबिटीज डायट (Gestational diabetes diet) में फ्रूट्स को शामिल किया जा सकता है?
जी हां, अगर आपको जेस्टेशनल डायबिटीज है, तो आप फ्रूट्स खा सकते हैं, लेकिन इनके कम मात्रा में खाना होगा। बैरीज अच्छा ऑप्शन हो सकती हैं क्योंकि इनमें शुगर कम मात्रा में पाई जाती है और फायबर अधिक मात्रा में। इनका उपयोग आप स्मूदीज में या योगर्ट के साथ कर सकते हैं। ओटमील के साथ भी इनका मजा लिया जा सकता है। अगर आप अपने कार्ब को कंट्रोल में रखना चाहते हैं और कौन सा फल आपके लिए सही होगा ये जानना चाहते हैं तो आपके लिए डायटीशियन से सलाह लेना सही होगा।
और पढ़ें : टाइप 2 डायबिटीज के लॉन्ग टर्म कॉम्प्लीकेशन में शामिल हो सकती हैं ये समस्याएं!
जेस्टेशनल डायबिटीज क्या है? जानें इसके लक्षण और उपचार विधि
जेस्टेशनल डायबिटीज डायट प्लान (Gestational diabetes diet plan)
ब्रेकफास्ट
- एक बाउल होलग्रेन सीरियल जैसे कि सेमी स्किम्ड मिल्क के साथ दलिया।
- दो स्लाइस होलग्रेन टोस्ट। इस पर अनसैचुरेटेड लो फैट स्प्रेड लगाया जा सकता है।
- लो फैट और लो शुगर योगर्ट और फल।
लंच
- एक अंडा, चीज, फिश और चिकन सलाद सेंडविच। इसमें उपयोग की जाने वाली ब्रेड साबुत अनाज से बनी होनी चाहिए या इसकी जगह आप चपाती या रोटी का उपयोग कर सकते हैं। रोटी भी होलमील के आटे से बननी चाहिए।
- पास्ता सलाद जिसमें बहुत सारी सब्जियां हों
- सूप जिसमें बहुत सारी सब्जियां और दालें हो। कई रेडीमेड सूप में बहुत सारा नमक और शुगर का उपयोग किया जाता है। इसलिए एक बार ये जरूर चेक कर लें।
इसके अलावा आप निम्न चीजें भी ट्राय कर सकते हैं।
- कॉलीफ्लॉवर पिज्जा
- चिकन और सोयाबीन सलाद
- चना और टूना सलाद
डिनर
- थाई चिकन स्टिर फ्राय
- चिकन बाल्टी
- मिक्सड बीन चिली
उम्मीद करते हैं कि आपको जेस्टेशनल डायबिटीज डायट (Gestational diabetes Diet) से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
[embed-health-tool-pregnancy-weight-gain]