यह सभी लक्षण मां के लिए बेहद नुकसानदेह साबित हो सकते हैं, इसलिए इन लक्षणों को समझ कर इसका सही इलाज करने की जरूरत पड़ती है। आइए अब जानते हैं पोस्टपार्टम एंग्जायटी (Postpartum anxiety) और पोस्टपार्टम डिप्रेशन में क्या फर्क है।
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क्या फर्क है पोस्टपार्टम एंग्जायटी और पोस्टपार्टम डिप्रेशन (Postpartum depression) में?
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में छपी एक स्टडी के मुताबिक करीब 4000 महिलाओं पर एक रिसर्च की गई, जिसमें से 18% महिलाएं एंग्जायटी (Anxiety) की शिकार पाई गई। वहीं 35% महिलाएं पोस्टपार्टम डिप्रेशन की समस्या से जूझ रही थीं। इसका साफ मतलब है कि कई बार महिलाएं पोस्टपार्टम डिप्रेशन के साथ-साथ पोस्टपार्टम एंग्जायटी (Postpartum anxiety) की भी शिकार होती हैं। आपको यह दोनों समस्याएं एक साथ या अलग-अलग भी हो सकती है। तो किस तरह इन दोनों को अलग-अलग पहचाना जा सकता है? तो बता दें कि इन दोनों समस्याओं के फिजिकल लक्षण एक जैसे हो सकते हैं, वहीं इसके मानसिक लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। पोस्टपार्टम डिप्रेशन (Postpartum depression) के दौरान आपको असहनीय दुख और खुद को और बच्चे को चोट पहुंचाने जैसे विचार आ सकते हैं। ऐसे लक्षण दिखाई देने पर आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। समय पर पोस्टपार्टम डिप्रेशन या पोस्टपार्टम एंग्जायटी का इलाज न कराने पर यह आपके लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है। आइए अब जानते हैं पोस्टपार्टम एंग्जायटी के क्या कारण हो सकते हैं।
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पोस्टपार्टम एंग्जायटी के ये हो सकते हैं कारण! (Causes of Postpartum anxiety)
यह बात बिल्कुल सच है कि बच्चे की डिलीवरी किसी भी व्यक्ति के लिए चिंता का विषय बन सकती है। माएं अपने बच्चे को लेकर इसलिए चिंतित रहती हैं कि बच्चे को किसी भी तरह की तकलीफ ना हो। लेकिन पोस्टमार्टम एंग्जायटी (Anxiety) के कारण क्या है, यह भी जानना बेहद जरूरी है। दरअसल जब आप कंसीव करती हैं, तो प्रेग्नेंसी के दौरान आपके शरीर में हॉर्मोन का स्त्राव जीरो से 60% बढ़ जाता है। वहीं डिलीवरी के बाद यह 60 से दोबारा जीरो पर आ जाता है। यही हॉर्मोनल बदलाव एंग्जायटी का कारण बनते हैं।
लेकिन क्यों कुछ ही महिलाओं को पोस्टपार्टम एंग्जायटी (Postpartum anxiety) की समस्या होती है और अन्य महिलाओं को नहीं। यह सवाल भी लोगों के जहन में आता है। दरअसल जिन महिलाओं को प्रेग्नेंसी से पहले किसी तरह की एंग्जायटी की समस्या है या उनके परिवार में किसी को एंग्जायटी की समस्या होती है, तो महिला को पोस्टमार्टम एंग्जायटी होने के चांसेस बढ़ जाते हैं। वहीं कुछ महिलाओं को ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर (Obsessive compulsive disorder) की भी समस्या हो सकती है। यह कुछ अन्य फैक्टर हैं जो पोस्टपार्टम एंग्जायटी की वजह बनते हैं –
- ईटिंग डिसऑर्डर का होना
- पहली प्रेग्नेंसी में बच्चे की मौत होना
- प्रेग्नेंसी से पहले मूड स्विंग्स की समस्या होना