ब्रेस्टफीडिंग के दौरान निप्पल पर ब्लिस्टर का होना (Blister on nipple during breastfeeding) ब्रेस्टफीडिंग के दाैरान एक गंभीर समस्या हो सकती है, जो बच्चे को भी अपने चपेट में ले सकती है। क्या आपको भी बच्चे को दूध पिलाते समय निप्पल में दर्द और असुविधा का अनुभव होता है? यदि ऐसा है, तो हो सकता है कि यह मिल्क ब्लिस्टर की चपेट में आ गई हैं। यह एक प्रकार के पानी वाले दाने और छालों की तरह होता है। स्तनों में दर्द और छाले इसका मुख्य लक्षण है। इसके शिकार होने पर मां को ब्रेस्टफीड के दाैरान कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। तो आइए जानें कि ब्रेस्टफीडिंग के दौरान निप्पल पर ब्लिस्टर का होना (Blister on nipple during breastfeeding) क्या है और इससे कैसे बचें।
मिल्क ब्लिस्टर्स क्या होते हैं (what are milk blisters)?
ब्रेस्टफीडिंग के दौरान निप्पल पर ब्लिस्टर का होना एक गंभीर समस्या हो सकती है। इसका उपचार जानने से पहले आप यह जानें कि मिल्क ब्लिस्टर है क्या? यह एक प्रकार का ब्रेस्ट के निप्पल में होने वाला पानी वाले छाले जैसा है और यह समस्या तब होती है, जब महिलाओं के निप्पल या एरोला में अतिरिक्त त्वचा बढ़ जाती है और यह निप्पल के छिद्रों को ब्लॉक कर देता है। जिसके कारण मां को स्तनपान के दर्द और दिक्कत का सामना करना पड़ता है। यह निप्पल पर डॉट, छाले या ब्लिस्टर की तरह ही दिखता है। यदि आप अपने ब्रेस्ट को दबाती हैं, तो इन ब्लिस्टर से पस आ सकता है। इसके अलावा, बच्चे को दूध पिलाने वाली महिलाओं को मिल्क ब्लिस्टर होने के कारण गंभीर दर्द का भी सामना करना पड़ सकता है। इसमें भी कई प्रकार पाए जाते हैं।
फ्रिक्शन ब्लिस्टर (Friction Blisters)
फ्रिक्शन ब्लिस्टर क्रेक निप्पल के कारण काफी बड़ा हो जाता है, आमतौर पर इससे गंभीर दर्द नहीं होता है। इस प्रकार का छाला आमतौर पर गलत ढंग से ब्रेस्टफीडिंग या ब्रेस्ट पंप के इस्तेमाल से होता है। यदि आप लगातार एक ही स्तन में पंप का उपयोग करते हैं, तो कई बार यह भी इसका कारण हो सकता है। फ्रिक्शन ब्लिस्टर, आमतौर पर कुछ दिनों के भीतर अपने आप ठीक हो जाता है।
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थ्रश (Thrush)
थ्रश कैंडिडा अल्बिकन्स के कारण होने वाला एक यीस्ट इंफेक्शन है। यह संक्रमण मुंह और योनि में होना वाला आम इंफेक्शन है, लेकिन यह ब्रेस्ट में भी हो सकता है। यह आपके स्तन में खुजली, जलन और दर्द की समस्या कोक पैदा कर सकता है, खासतौर पर ब्रेस्टफीड की जगह। थ्रश के कारण निपल्स पर रैडनेस आ जाती है। कई बार इसके कारण त्वचा पर छोटे सफेद पैच भी नजर आने लगते हैं। यह आपके बच्चे के लिए सही नहीं है, इससे ब्रेस्टफीड के दौरान बच्चे में भी इंफेक्शन बड़ सकता है। यह मास्टिटिस नामक दर्दनाक स्तन संक्रमण का कारण बन सकता है। इसका इलाज तुरंत जरूरी है। इसलिए ब्रेस्टफीडिंग के दौरान निप्पल पर ब्लिस्टर का होना एक गंभीर समस्या हो सकती है।
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ब्रेस्टफीडिंग के दौरान निप्पल पर ब्लिस्टर का होना कारण क्या हैं (What are the causes of milk blister during breastfeeding )?
ब्रेस्टफीडिंग के दौरान निप्पल पर ब्लिस्टर का होना एक गंभीर समस्या हो सकती है। ब्रेस्टफीडिंग के दौरान दर्दनाक मिल्क ब्लिस्टर होने के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन जो सबसे ज्याद देखे जाते हैं, उनमें शामिल हैं:
- ऐसा कई बार बच्चे के गलत ढंग से फीडिंग के कारण हो सकता है।
- ऐसा कई बार टाइट ब्रा पहनने के कारण होता है।
- किसी भी प्रकार का यीस्ट इन्फेक्शन होने पर यह समस्या हो सकती है।
- पर्याप्त मात्रा में पानी न पीने से भी हो सकता है।
- ब्रेस्ट हायजीन का पालन न करना।
- ब्रेस्ट में इंफेक्शन या किसी प्रकार की एलर्जी होना।
ब्रेस्टफीडिंग के दौरान निप्पल पर ब्लिस्टर का होना : मिल्क ब्लिस्टर होने के लक्षण (Symptoms of Milk Blister)
मिल्क ब्लिस्टर्स के अलग-अलग लक्षण हो सकते हैं, यह भी शरीर में अन्य जगाहों पर होने वाले छोटे छाले जैसे दिखायी देते हैं। मिल्क ब्लिस्टर की बात करें, तो ज्यादातर ब्लिस्टर्स में पस या द्रव भरे होते हैं। जिस कारण इसका आकार अस्थायी भी हो सकता है और समय के साथ यह बढ़ भी सकता है। इसमें दबाव पड़ने पर ब्लिस्टर का पस त्वचा के बाहर भी निकल सकता है। मिल्क ब्लिस्टर्स के कारण बच्चे को दूध पिलाते समय कई माओं को अधिक दर्द भी हो सकता है। आमतौर पर मिल्क ब्लिस्टर सफेद या पीले रंग के होते हैं। जैसा कि मिल्क ब्लिस्टर्स अनियमित आकार के होते हैं और दबाव डालने पर चपटे भी हो सकते हैं। कुछ मिल्क ब्लिस्टर्स दर्दनाक नहीं होते हैं। हालांकि, कुछ महिलाएं स्तनपान कराते समय कुछ असुविधा महसूस कर सकती हैं। ब्रेस्टफीडिंग के दौरान निप्पल पर ब्लिस्टर का होना बच्चे की हेल्थ के लिए भी सही नहीं है।
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मिल्क ब्लिस्टर्स का उपचार क्या है (What is the treatment for milk blisters)?
ब्रेस्टफीडिंग के दौरान निप्पल पर ब्लिस्टर का होना एक गंभीर समस्या हो सकती है। मिल्क ब्लिस्टर्स का उपचार करने के लिए आप चाहें तो मेडिकल ट्रीटमेंट की मदद ले सकती हैं या फिर आप घरलू उपचारों से भी इसे ठीक कर सकती हैं। मिल्क ब्लिस्टर्स ठीक करने के लिए निम्नलिखित उपचारों की सलाह दी जाती है, आइए जानते हैं;
मेडिकल ट्रीटमेंट या चिकित्सीय उपचार (Medical treatment or medical treatment)
कई गंभीर स्थितयों में घरेलू उपचार काम नहीं करते हैं। ऐसे में दर्द और अधिक बढ़ सकता है। कई बार स्थिति इतनी गंभीर हो जाती है कि मां स्तनपान नहीं करा सकती हैं, तो ऐसे में आप अपने डॉक्टर से तुरंत मिलें। एक डॉक्टर संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए ब्लिस्टर को मेडिसन से साफ कर के पस निकालने की कोशिश करेंगे। मिल्क डक्ट्स के उपचार के लिए डॉक्टर स्टरलाइज्ड सर्जिकल सुई का उपयोग कर सकते हैं। जब एक डक्ट्स से डैमेज त्वचा हट जाती है, तो स्तनों में दूध का प्रवाह शुरू हो जाता है। ब्लिस्टर के लिए डॉक्टर आपको कुछ टॉपिकल एंटीबायोटिक लेने की सलाह भी दे सकते हैं। यह आपका मेडिकेशन 5 से 6 दिनों के लिए चल सकता है। इसके अलावा, डॉक्टर आपको यह सलाह देंगे कि आपको फीडिंग करनाना कैसे है। ताकि यह जल्दी ठीक हो सके और बच्चे को भी इंफेक्शन न हो। इसके अलावा डॉक्टर आपको नर्सिंग ब्रा की सलाह देंगे।
मिल्क ब्लिस्टर्स के लिए घरेलू उपचार (Home remedies for milk blisters)
दवाओं के साथ आप ब्लिस्टर के इलाज के लिए आप घरेलू उपचार भी अपना सकते हैं। सबसे पहले आप हायजीन यानि कि निप्पल की साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें। इसके लिए आप गर्म पानी से निप्पल को टॉवल की सहायता से साफ करें। ऐसे में हो सके, तो बच्चे को फॉमूर्ला मिल्क पर ही रखें। इसे ठीक करने के लिए आप नहाने के बाद ब्लिस्टर में धीरे-धीरे मालिश भी कर सकती हैं। लेकिन इसे ज्यादा जोर से दवाएं नहीं। बच्चे को दूध पिलाने की सही बेस्ट पोजिशन को रखें। यदि आपके लिए मसाज मुश्किल है, तो आप कॉटन में थोड़ा सा ऑलिव ऑयल लें और ब्रा पहनने से पहले उसे अपने निप्पल्स में लगाएं रखें। आपको इस समस्या में काफी आराम मिलेगा। इसके अलावा आप गुनगुने पानी में थोड़ा सा सेंधा नमक मिलाएं और दिनभर में 3-4 बार उससे अपने स्तनों को साफ करें। इन बाताें का ध्यान रखते हुए ब्लिस्टर की समस्या को जल्दी ठीक किया जा सकता है। यदि आपके स्तनों में किसी भी प्रकार की चोट है, तो उसे भी नजरअंदाज न करें। उसका इलाज तुरंत करें, नहीं तो इससे भी यीस्ट इंफेक्शन का खतरा बढ़ सकता है। हायजीन के लिए अपने स्तनों को मॉइस्ट वॉशक्लॉथ या कॉटन से साफ करें। इसी के साथ डॉक्टर द्वारा दी गई दवाइंयों का भी पूरा ध्यान रखें।
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डॉक्टर से कब मिलें (When to see a doctor)?
ब्रेस्टफीडिंग के दौरान निप्पल पर ब्लिस्टर के कारणों और लक्षणों को जाना आपने यहां। इसके लक्षण नजर आने पर आपको तुरंत डाॅक्टर से मिलने की आवश्यता है। इसके अलावा इसके कारण आपको अपने बच्चे को दूध पिलाने में भी दिक्कत आ सकती है। मिल्क ब्लिस्टर होने पर आपको बुखार, इन्फ्लेशन हो सकता है। सही समय पर उपचार से इसे बढ ठंड लग सकती है या पस भी निकल सकता है। मिल्क ब्लिस्टर्स होने के कारण यदि आप इन में से किसी भी समस्या का अनुभव करती हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। ब्लिस्टर को निकालने के लिए डॉक्टर एक छोटी सी सर्जरी भी कर सकते हैं। इसके अलावा मेडिकेशन में डॉक्टर आपको कुछ एंटीबायोटिक दवाएं भी दे सकते हैं। जल्द आराम के लिए लानौलिन ऑइंटमेंट लेने की सलाह भी देते हैं। यह ऑइंटमेंट मिल्क ब्लिस्टर को जल्दी ठीक करने में मदद करता है।
ब्रेस्टफीडिंग के दौरान निप्पल पर ब्लिस्टर के बारे में आपने जाना यहां। मेडिकेशन के अलावा आपको हायजीन का भी बहुत ध्यान रखना है, ताकि कोई भी इंफेक्शन आपके बच्चे तक न पहुंचें। इसके लक्षण नजर आने पर आपको तुरंत डाॅक्टर से मिलना चाहिए। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए आप डाॅक्टर से मिलें।
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