शिशु के जन्म के बाद महिला का शरीर शिशु के हिसाब से बदलता है। बच्चे की जरूरत को पूरा करने के लिए महिला के शरीर में अलग-अलग बदलाव होते हैं, जिसकी वजह से महिला ब्रेस्टफीड करवा सकती है। यह सभी बदलाव शरीर में बन रहे हॉर्मोन की वजह से होती है। इनमें से एक हॉर्मोन महिला के शरीर के लिए बेहद जरूरी माना जाता है, जिसका नाम है मेलाटोनिन। ब्रेस्टफीडिंग में मेलाटोनिन (Melatonin) बेहद जरूरी माना जाता है, क्योंकि यह महिला के शरीर को दुरुस्त रखने का काम करता है। ब्रेस्टफीडिंग (Breastfeeding) के दौरान महिला के शरीर में कई तरह की समस्याएं खड़ी हो सकती है, जिससे सामान्य बनाए रखने के लिए शरीर में ठीक ढंग से हॉर्मोन का स्त्राव होना जरूरी माना जाता है। इसलिए ब्रेस्टफीडिंग में मेलाटोनिन एक जरूरी हॉर्मोन के तौर पर देखा जाता है। लेकिन कुछ महिलाओं के शरीर में ठीक ढंग से मेलाटोनिन का निर्माण नहीं हो पाता, ऐसी स्थिति में ब्रेस्टफीडिंग के दौरान मेलाटोनिन के रूप में महिलाओं को सप्लिमेंट लेना पड़ता है। लेकिन ब्रेस्टफीडिंग में मेलाटोनिन (Melatonin While Breastfeeding) सप्लिमेंट लेना सही है या नहीं, इसके बारे में जानकारी होना बेहद जरूरी है। इसके बारे में अधिक जानकारी हासिल करने से पहले आइए जान लेते हैं मेलाटोनिन से जुड़ी यह जरूरी बातें।