क्या छोटे बच्चों के लिए मेलाटोनिन सप्लिमेंट प्रभावी है?
जर्नल ऑफ चाइल्ड और ऐडोलेसेंट साइकोफॉर्मेकोलॉजी (Journal of Child and Adolescent Psychopharmacology) में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक साल 2013 में पांच स्टडीज की गई। स्टडी में उन बच्चों को शामिल किया गया जिन्हें एडीएचडी (Attention deficit hyperactivity disorder) की समस्या थी। रिचर्स में ये बात सामने आई कि छोटे बच्चों के लिए मेलाटोनिन सप्लिमेंट का इस्तेमाल करने से बच्चों में अनिद्रा (Insomnia in children) के लक्षणों में सुधार देखने को मिला है। शोधकर्ताओं ने ये भी कहा कि इस विषय में अभी भी अधिक शोध की जरूरत है।
साल 2017 में किए गए अध्ययन में क्रॉनिक स्लीप ऑनसेट इस्नोमिया (Chronic sleep onset insomnia) से पीड़ित बच्चों को शामिल किया गया और उन्हें 3 मिलीग्राम मेलाटोनिन सप्लिमेंट दिया गया। स्टडी में ये बात सामने आई कि मेलाटोनिन प्लेसीबो (Placebo) की तुलना में अधिक प्रभावी थी और इसका असर लाइट थेरिपी से अधिक था। एपिलेप्सी से पीड़ित बच्चों (children with epilepsy) में भी मेलाटोनिन (Melatonin) का बेहतर प्रदर्शन देखने को मिला। शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन बच्चों ने 9 मिलीग्राम सस्टेंन रिलीज मेलाटोनिन लिया, वे प्लेसीबो लेने वाले बच्चों की तुलना में 11.4 मिनट जल्दी सो गए।
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बच्चों के लिए मेलाटोनिन सप्लिमेंट सुरक्षित है?
ये बात मन में आना लाजमी है कि इस दवा का सेवन करने से क्या बच्चों को किसी समस्या का सामना तो नहीं करना पड़ता है। स्टडी में ये बात सामने आई है कि मेलाटोनिन (Melatonin) सप्लिमेंट भले ही प्रभावी रूप से बच्चों में असर डालती है लेकिन इसका प्रॉपर ट्रीटमेंट और डोज अभी भी स्पष्ट नहीं है। मेलाटोनिन मार्केट में कई रूप में मिलती है। बच्चों के लिए खासतौर पर फॉर्मुलेशन उपलब्ध है। ये लिक्विड के रूप में भी उपलब्ध है। चूंकि एफ डी ए ने इसे ड्रग के बजाय डायटरी सप्लिमेंट की श्रेणी में रखा है इसलिए इस दवा को लेकर ऑफिसियल गाइडलाइंस नहीं है।
अगर आपके बच्चे को नींद नहीं आ रही है, तो आपको इस बारे में डॉक्टर को जानकारी देनी चाहिए। डॉक्टर से परामर्श के बाद छोटे बच्चों के लिए मेलाटोनिन सप्लिमेंट देने के बारे में सोचना चाहिए। डॉक्टर आपसे बच्चे की नींद के बारे में कुछ जानकारी ले सकते हैं और उसके बाद ही वो दवा की खुराक के बारे में आपको जानकारी देंगे। बेहतर होगा कि जब बच्चा सोने वाला हो, उसके आधे से एक घंटे पहले ही बच्चे को दवा की खुराक दें।