साल्मन एक प्रकार की मछली होती है, जो विटामिन-बी से भरपूर होती है। साथ ही साथ इसमें बड़ी मात्रा में ओमेगा-3 फैटी एसिड भी पाए जाते हैं। यदि आप ब्रेस्टफ़ीड करवा रही हैं, तो 100 ग्राम साल्मन में आपको थायमिन (बी 1), पैंटोथैनिक एसिड (बी 5), राइबोफ्लेविन (बी 2), नियासिन (बी 3), और कोबालामिन (बी 12) प्राप्त होता है। ये सभी पोषक तत्व आपकी सेहत में चार चांद लगा सकते हैं।
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एनिमल लिवर (Animal liver)
यदि आप वेजिटेरियन नहीं हैं, तो आप बीफ, पोर्क, लैम्ब या चिकन खाते हैं, तो आपको इनके लिवर का चुनाव करना चाहिए। एनीमल लिवर में भरपूर मात्रा में विटामिन-बी पाया जाता है। आपको बता दें कि 100 ग्राम एनिमल लिवर में थायमिन (बी 1), राइबोफ्लेविन (बी2), नियासिन (बी3), पैंटोथैनिक एसिड (बी5), पायरीडॉक्सिन (बी6), बायोटिन (बी7), फोलेट (बी9) और कोबालामिन (बी12) पाया जाता है। ये ब्रेस्टफीडिंग के दौरान आपके शरीर के लिए बेहद अच्छा माना जाता है।
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हरी फलियां (Green beans)
यदि आप मांस खाना पसंद नहीं करतीं, तो आप हरी फलियों का भी चुनाव कर सकती हैं। इन फलियों में फोलेट की भरपूर मात्रा होती है, साथ ही साथ इसमें बड़ी मात्रा में विटामिन बी भी पाया जाता है। इन फलियों में आप इनका इस्तेमाल कर सकती हैं –
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ये सभी खाद्य पदार्थ आपको ब्रेस्टफ़ीडिंग (Breastfeeding) के दौरान भरपूर मात्रा में पोशाक तत्व देते हैं। इसलिए आप इनका सेवन अपनी डायत में कर सकती हैं। अगर आप ब्रेस्टफीडिंग में विटामिन B12 सप्लिमेंट (Vitamin B-12 supplements) लेने जा रही हैं, तो इसे लेने से पहले आपको डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए। आपके शरीर की जरूरत के अनुसार एक तय मात्रा में डॉक्टर आपको विटामिन B12 सप्लिमेंट प्रिस्क्राइब कर सकते हैं। ब्रेस्टफीडिंग में विटामिन B12 सप्लिमेंट (Vitamin B-12 supplements in Breastfeeding) अपनी मर्जी से किसी भी मां को नहीं लेना चाहिए, यह न सिर्फ आपके लिए, बल्कि बच्चे की सेहत के लिए भी नुकसानदेह साबित हो सकते हैं।