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लेक्टेशन मैस्टाइटिस के लिए एंटीबायोटिक लेने से पहले पढ़ें ये जरूरी खबर!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Sayali Chaudhari · फार्मेकोलॉजी · Hello Swasthya


Toshini Rathod द्वारा लिखित · अपडेटेड 06/11/2021

    लेक्टेशन मैस्टाइटिस के लिए एंटीबायोटिक लेने से पहले पढ़ें ये जरूरी खबर!

    शिशु के जन्म के बाद महिला के जीवन में ब्रेस्टफीडिंग का दौर शुरू होता है। इस स्थिति को लेक्टेशन की स्थिति माना जाता है। लेक्टेशन के दौरान महिला के शरीर में कई तरह के और हॉर्मोनल बदलाव होते हैं, जो महिला के शरीर में दूध के निर्माण के लिए जरूरी माने जाते हैं। महिला का शरीर शिशु के मुताबिक धीरे-धीरे कर के बदलता है, लेकिन इस बदलाव के साथ कई बार महिला को अलग-अलग तरह की समस्याएं घेर लेती हैं। आज हम बात करने जा रहे हैं एक ऐसी समस्या की, जो ब्रेस्ट फीडिंग के दौरान महिला के लिए मुसीबत लेकर आ सकती है। इस समस्या का नाम है लेक्टेशन मैस्टाइटिस। लेक्टेशन मैस्टाइटिस (Lactation Mastitis) आमतौर पर एक दर्दनाक समस्या मानी जाती है, जिसके लिए आमतौर पर डॉक्टर दवाई दे सकते हैं। आज हम बात करने जा रहे हैं लेक्टेशन मैस्टाइटिस के लिए एंटीबायोटिक के बारे में। लेक्टेशन मैस्टाइटिस के लिए एंटीबायोटिक (Antibiotics for Lactation Mastitis) का इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह के बाद किया जा सकता है, जिससे ब्रेस्टफडिंग के दौरान होने वाले दर्द में आराम मिलता है और साथ ही साथ इस समस्या से छुटकारा भी मिलता है। आइए जानते हैं लेक्टेशन मैस्टाइटिस के लिए एंटीबायोटिक (Antibiotics) से जुड़ी कुछ खास बातें। लेकिन इससे पहले जानते हैं लेक्टेशन मैस्टाइटिस की समस्या आखिर कैसे होती है।

    क्या है लेक्टेशन मैस्टाइटिस (Lactation Mastitis) की समस्या?

    जैसा कि आपने जाना लेक्टेशन मैस्टाइटिस के लिए एंटीबायोटिक (Antibiotics for Lactation Mastitis) का इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन इस समस्या को समझना भी आपके लिए बेहद जरूरी माना जाता है। लेक्टेशन मैस्टाइटिस एक ऐसी तकलीफ है, जिसमें महिलाओं के ब्रेस्ट के ऊतकों में असामान्य रूप से सूजन आ जाती है। यह ब्रेस्टडक्ट में मौजूद इंफेक्शन के कारण होता है। आमतौर पर यह समस्या ब्रेस्ट फीड कराने वाली महिलाओं देखी जाती है, जिसकी शुरुआत शिशु के जन्म के 6 से 12 सप्ताह के बीच हो सकती है। लेकिन इसके लक्षण लंबे समय के बाद दिखाई देते हैं। लेक्टेशन मैस्टाइटिस (Lactation Mastitis) की समस्या में महिला के स्तनों में दर्द और सूजन रहती है, जिससे उसे ब्रेस्टफीड कराने में समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यदि यह समस्या ज्यादा बढ़ जाए, तो महिला के लिए बेहद मुश्किल खड़ी कर सकता है। इसलिए इस समस्या को समझ कर इसका इलाज करना बेहद जरूरी माना जाता है। आमतौर पर लेक्टेशन मैस्टाइटिस के लिए एंटीबायोटिक (Antibiotics) का इस्तेमाल करके इलाज किया जाता है, लेकिन यह इलाज समस्या के निदान के बाद ही किया जा सकता है। आइए जानते हैं कि इस समस्या को किस तरह पहचाना जा सकता है।

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    क्या हैं लेक्टेशन मैस्टाइटिस के लक्षण? (Symptoms of Lactation Mastitis)

    लेक्टेशन मैस्टाइटिस (Lactation Mastitis) बेहद दर्दनाक स्थिति साबित होती है, इसलिए आमतौर पर डॉक्टर लेक्टेशन मैस्टाइटिस के लिए एंटीबायोटिक (Antibiotics for Lactation Mastitis) के जरिए स्थिति का इलाज करते हैं। लेकिन इस समस्या को पहचानना भी अपने आप में एक चुनौतीपूर्ण स्थिति मानी जाती है। आमतौर पर लेक्टेशन मैस्टाइटिस की स्थिति में स्तनों में अलग तरह की गर्माहट महसूस होती है और निप्पल से पस आ सकता है। इस बीमारी के लक्षण बेहद सामान्य होते हैं, जो ब्रेस्टफीडिंग के दौरान दिखाई दे सकते हैं –

    • ब्रेस्टफडिंग के समय दर्द और जलन
    • ब्रेस्ट में सूजन
    • जरूरत से ज्यादा थकान
    • बुखार
    • स्तन के ऊतकों में खुजलाहट
    • स्तन में लालिमा

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    कुछ महिलाओं में इसके अन्य लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं, जैसे –

    ऐसी स्थिति दिखाई देने पर आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इस समस्या का जल्द से जल्द निदान करके इसका उपचार कराना बेहद जरूरी माना जाता है। लेक्टेशन मैस्टाइटिस के लिए एंटीबायोटिक (Antibiotics for Lactation Mastitis) की मदद से स्थिति को बेहतर बनाया जा सकता है, लेकिन इसके कारणों का पता होना भी बेहद जरूरी साबित होता है। आइए जानते हैं लेक्टेशन मैस्टाइटिस की समस्या किन कारणों से हो सकती है।

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    लेक्टेशन मैस्टाइटिस की समस्या के क्या हैं कारण? (Causes of Lactation Mastitis)

    जैसा कि हम पहले बता चुके हैं लेक्टेशन मैस्टाइटिस (Lactation Mastitis) स्तन के ऊतकों में होने वाला एक इंफेक्शन है, जो ब्रेस्टफीडिंग के दौरान होने की संभावना रहती है। जब बच्चे के मुंह में मौजूद बैक्टीरिया निप्पल में आए कट की वजह से मिल्क डक्ट में प्रवेश करते हैं, तो लेक्टेशन मैस्टाइटिस की समस्या हो सकती है। यह समस्या शिशु के जन्म के 1 से 3 महीने के बीच हो सकती है। लेकिन यह तकलीफ मेनोपॉज से गुजर रही महिला या कमजोर इम्यूनिटी और डायबिटीज से ग्रसित महिलाओं को भी हो सकती है। इसलिए इस समस्या का निदान कर के उपचार करना बेहद जरूरी माना जाता है। लेक्टेशन मैस्टाइटिस के लिए एंटीबायोटिक (Antibiotics for Lactation Mastitis) का इस्तेमाल करके इस समस्या का उपचार डॉक्टर कर सकते हैं। आइए अब जानते हैं लेक्टेशन मैस्टाइटिस के उपचार के तौर पर क्या-क्या इलाज मौजूद हैं।

    लेक्टेशन मैस्टाइटिस के लिए एंटीबायोटिक (Antibiotics for Lactation Mastitis)

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    लेक्टेशन मैस्टाइटिस के लिए एंटीबायोटिक क्या आ सकती हैं उपचार में काम? (Antibiotics for Lactation Mastitis)

    लेक्टेशन मैस्टाइटिस (Lactation Mastitis) की समस्या महिला के लिए बेहद तकलीफ दे साबित हो सकती है, इसलिए डॉक्टर को इस समस्या के उपचार के अलावा इससे जुड़े लक्षणों का भी उपचार करना पड़ता है। लेक्टेशन मैस्टाइटिस की समस्या में तीन अलग-अलग तरह की दवाएं दी जा सकती हैं, लेकिन आमतौर पर लेक्टेशन मैस्टाइटिस के लिए एंटीबायोटिक (Antibiotics for Lactation Mastitis) एक ऐसा उपचार माना जाता है, जो इस समस्या में कारगर साबित होता है। लेक्टेशन मैस्टाइटिस के लिए एंटीबायोटिक के तौर पर डॉक्टर महिला को कुछ खास दवाएं दे सकते हैं, जिसमें मुख्य रूप से 2 तरह की एंटीबायोटिक (Antibiotics) का चुनाव किया जाता है।  सेफेलेक्सीन (Cephalexin) और डिक्लोक्सेसिलिन (Dicloxacillin)। यह दोनों ही लेक्टेशन मैस्टाइटिस के लिए एंटीबायोटिक के तौर पर दी जा सकती है। लेक्टेशन मैस्टाइटिस में महिला की शारीरिक स्थिति को ध्यान में रखकर और ड्रग एलर्जी के बारे में जानकर ये दवाएं डॉक्टर द्वारा प्रिसक्राइब की जाती है। यह दवाइयां ब्रेस्टफीडिंग के दौरान सुरक्षित मानी जाती है और इससे शिशु को किसी तरह का नुकसान नहीं होता।

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    जब लेक्टेशन मैस्टाइटिस के लिए एंटीबायोटिक का असर ठीक ढंग से नहीं देखा जाता और यह इंफेक्शन बार-बर पलट कर आता है, तो ऐसी स्थिति में महिला के स्तनों में सर्जरी की जरूरत भी पड़ सकती है। जैसा कि हमने बताया लेक्टेशन मैस्टाइटिस के लिए एंटीबायोटिक (Antibiotics for Lactation Mastitis) के अलावा डॉक्टर महिला को हो रहे दर्द के लिए भी दवा दे सकते हैं। लेक्टेशन मैस्टाइटिस (Lactation Mastitis) में होने वाले दर्द को कम करने के लिए आमतौर पर पेनकिलर दी जाती है, जो लेक्टेशन मैस्टाइटिस में हो रहे दर्द को ठीक कर सकती हैं। इसके बाद महिला आराम से बच्चे को ब्रेस्टफीड करा सकती है।

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    लेक्टेशन मैस्टाइटिस (Lactation Mastitis)  की समस्या महिला के लिए बेहद तकलीफदेह साबित होती है, इसलिए जल्द से जल्द इसके लक्षणों को पहचान कर लेक्टेशन मैस्टाइटिस के लिए एंटीबायोटिक (Antibiotics for Lactation Mastitis) के जरिए इस समस्या का इलाज किया जा सकता है। साथ ही साथ इसकी वजह से हो रहे दर्द में भी आराम पाया जा सकता है। इसलिए यदि आपको लेक्टेशन मैस्टाइटिस से जुड़े लक्षण दिखाई दें, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करना आपके लिए जरूरी साबित हो सकता है। लेक्टेशन मैस्टाइटिस के लिए एंटीबायोटिक के तौर पर आपको अपनी मर्जी से किसी भी तरह की दवाइयां नहीं लेनी चाहिए। इन दवाइयों की वजह से आपके और आपके शिशु को नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए डॉक्टर की सलाह के बाद ही आपको लेक्टेशन मैस्टाइटिस के लिए एंटीबायोटिक (Antibiotics for Lactation Mastitis) का इस्तेमाल करना चाहिए, जिससे आप ब्रेस्टफीडिंग के दौरान बेहतर महसूस कर सकें।

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