अगर किसी महिला ने शिशु को स्वयं जन्म नहीं दिया है लेकिन ब्रेस्टफीड कराना है, तो उनके लिए लैक्टेशन इंड्यूस करना जरूरी है। जब कोई महिला शिशु को जन्म देती हैं, तो उनमें एस्ट्रोजन (Estrogen) और प्रोजेस्टेरोन लेवल (Progesterone Level) कम हो जाते हैं। हालांकि, इस स्थिति में हॉर्मोन प्रोलैक्टिन (Hormone prolactin) लेवल भी तक तक बढ़ा हुआ रहता है जब तक मां ब्रेस्टफीडिंग कराती है। यह वो हॉर्मोनल बदलाव हैं, जिनसे मिल्क प्रोडक्शन ट्रिगर होती है। लेकिन, अगर किसी ने बच्चे को एडॉप्ट किया है या इसके लिए गर्भकालीन सरोगेट (Gestational surrogate) का प्रयोग किया है, तो मां के शरीर में मिल्क प्रोड्यूज (Milk Produce) करना मुमकिन है।
रिलैक्टेशन और इंड्यूस्ड लैक्टेशन (Relactation and induced lactation) में इंड्यूस्ड लैक्टेशन (Induced lactation) के बारे में यह जानना जरूरी है कि इसे हमेशा किसी एक्सपर्ट और मेडिसिन फिजिशियन के मार्गदर्शन में करना चाहिए। क्योंकि, इसके लिए दवाई की जरूरत भी हो सकती है। अगर मां के पास पर्याप्त समय है, तो आमतौर पर कुछ महीने पहले ही उसे नर्सिंग के बारे में प्लान करना शुरू कर देना चाहिए। इसके लिए डॉक्टर आपको मिमिक प्रेग्नेंसी (Mimic pregnancy) के लिए हॉर्मोन थेरेपी (Hormone Therapy) जैसे एस्ट्रोजन (Estrogen) या प्रोजेस्टेरोन (Progesterone) की सलाह भी दे सकते हैं। ब्रेस्टफीडिंग के बारे में प्लान शुरू करने से दो महीने पहले ही डॉक्टर आपकी हॉर्मोन थेरेपी को बंद कर सकते हैं और एक हॉस्पिटल-ग्रेड इलेक्ट्रिक पंप (Hospital-grade electric pump) के साथ पम्पिंग शुरू कर सकते हैं। इससे मां का शरीर प्रोलैक्टिन (Prolactin) को रिलीज़ और प्रोड्यूस करने के लिए एनकरेज करता है।
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जब शिशु का जन्म हो जाता है, तो आप लगातार नर्स कर सकती है जैसे सामान्य मामलों में होता है। यानी, आप दिन में कुछ घंटे और रात को दो से तीन बार। लेकिन, इसके साथ ही आपको अन्य सप्लीमेंट्स लेने की जरूरत भी हो सकती है, ताकि आपके बच्चे को पर्याप्त न्यूट्रिशन प्राप्त हो जाएं। उम्मीद है कि रिलैक्टेशन और इंड्यूस्ड लैक्टेशन (Relactation and induced lactation) क्या हैं आप जान गए होंगे। अब जानते हैं कि रिलैक्टेट कैसे किया जा सकता है?
आप कैसे रिलैक्टेट कर सकती हैं?
रिलैक्टेशन के लिए ब्रेस्ट का नर्सिंग से लगातार स्टिमुलेट होना आवश्यक है। इसके लिए आप शिशु को दिन में आठ से बारह बार ब्रेस्टफीड कराने की कोशिश करें और रात में कम से कम दो बार फीड कराएं। यह सेशन कम से कम पंद्रह से बीस मिनट्स का होना चाहिए। प्रत्येक नर्सिंग सेशन को पांच से 10 मिनट की पम्पिंग के साथ फिनिश करें। यह सुनिश्चित करेगा कि आपकी ब्रेस्ट अच्छी तरह से ड्रेन हो गए हैं। इससे बदले में मां में मिल्क प्रोडक्शन स्टिमुलेट होने में मदद मिलेगी। आप पावर पंपिंग के डेली सेशन में जोड़ने का प्रयास कर सकते हैं, जिससे मिल्क प्रोडक्शन बढ़ती है। इस बारे में पूरी जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें। अब जानते हैं कि रिलैक्टेशन और इंड्यूस्ड लैक्टेशन (Relactation and induced lactation) को आसान बनाने के टिप्स क्या हैं?
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रिलैक्टेशन और इंड्यूस्ड लैक्टेशन को आसान बनाने के टिप्स (Tips for Relactation and induced lactation)
अगर आप रिलैक्टेशन या इंड्यूस्ड लैक्टेशन (Induced lactation) में से किसी के बारे में सोच रहे हैं, तो आपको अपने डॉक्टर से सही सलाह लेनी चाहिए। अपने और शिशु के लिए ब्रेस्टफीडिंग स्मूद बनाने के लिए आपको कुछ खास कदम बढ़ाने चाहिए। यह खास टिप्स और तरीके इस प्रकार हैं: