इस तरह की सभी स्थितियां लंबे समय तक आपको पोस्टपार्टम एंगर की गिरफ्त में रखने के लिए काफी मानी जाती हैं। हालांकि इसमें रिकवरी की कोई टाइमलाइन मौजूद नहीं है, लेकिन पोस्टमार्टम एंगर थोड़े समय के लिए ही आपको परेशान कर सकता है। जितना जल्दी आप ट्रीटमेंट और मदद लेंगे, उतना जल्दी ही आप बेहतर महसूस कर सकेंगे, इसीलिए जल्द से जल्द ट्रीटमेंट लेने की सलाह इस स्थिति में दी जाती है। जिससे आप जल्द से जल्द पोस्टमार्टम रेज से रिकवर हो सके।
किन बातों का रखें ध्यान?
पोस्टपार्टम रेज की स्थिति में आप को सबसे पहली बात समझने की कोशिश करनी चाहिए कि इस स्थिति को एक्सपीरियंस करने वाली आप अकेली महिला नहीं है। यह किसी भी तरह का मेंटल डिसऑर्डर नहीं है और इसका इलाज थेरेपी और अन्य तरह की मदद से किया जा सकता है। यह एक तरह का मूड डिसऑर्डर कहलाता है, जिसे बाहर निकलना आसान है।
पोस्टपार्टम रेज को महसूस करने वाली महिलाओं को पोस्टपार्टम डिप्रेशन और एंजाइटी भी हो सकती है, ऐसी स्थिति को परिपार्टम ऑन सेट के साथ मेजर डिप्रेसिव डिसऑर्डर का नाम दिया गया है, जिसे DSM 5 के नाम से जाना जाता है।
कई बार महिलाओं में पोस्टमार्टम रेज को नजरअंदाज किया जा सकता है, जिसकी वजह से महिला लंबे समय तक इस स्थिति से परेशान रह सकती हैं। कई बार महिला के गुस्से के कारण उसे अन्य परिवार जनों द्वारा हतोत्साहित किया जाता है, ऐसी स्थिति में पोस्टपार्टम रेज ठीक होने की बजाय बढ़ सकता हैं। इसीलिए प्रसव के बाद महिलाओं में आने वाले गुस्से को ध्यान में रखा जाना बेहद जरूरी है।उन्हें सुरक्षित महसूस करवाना बेहद जरूरी होता है और समय रहते उनका ट्रीटमेंट करवाना जरूरी हो जाता है।
लंबे समय तक गुस्से के कारण पोस्टपार्टम मूड डिसऑर्डर हो सकते हैं, इसीलिए मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल से इसके बारे में मदद लेना बेहद जरूरी माना जाता है। बच्चे की वजह से फ्रस्ट्रेशन महसूस करना एक आम बात है, लेकिन लंबे समय तक तेज गुस्सा आना आपके लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है।छोटी-छोटी बातों पर ज्यादा गुस्सा आने पर आपको इसे एक लक्षण की तरह मानना चाहिए और हेल्थ प्रोफेशनल से मदद लेनी चाहिए। जल्द इलाज के साथ इस स्थिति से बाहर निकलना आपके लिए आसान बन सकता है।