सिजोफ्रेनिया एक क्रोनिक मानसिक बीमारी है जिसे एक तरह से हम पागलपन भी कह सकते हैं। सिजोफ्रेनिया के कारण रोगी सोचने-समझने की स्थिति में नहीं होता है। वो खुद के साथ-साथ अपने आप-पास के व्यक्ति को भी हानि पहुंचा सकता है। ऐसे मरीजों की सोचने की गति तेज या धीमी भी हो सकती है। अक्सर वो सुनी और देखी हुई बातों को भी एक भ्रम मानने लगते हैं। सिजोफ्रेनिया के कारण पीड़ित रोगियों को पूरे जीवन तक इसके उपचार की जरूरत हो सकती है। आपको जानकर हैरानी होगी कि उपचार के अभाव में लगभग 90 फीसदी रोगी सिजोफ्रेनिया के कारण आत्महत्या तक कर लेते हैं। दुनियां भीर में प्रति 1000 व्यक्ति में 1 व्यक्ति सिजोफ्रेनिया के कारण मानसिक रूप से बीमार होता है। इसके बारे में अधिक जानने के लिए आप ये क्विज खेल सकते हैं और अपना ज्ञान बढ़ा सकते हैं।
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