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Dyspareunia: डिस्‍पेरुनिआ क्या है?

Dyspareunia: डिस्‍पेरुनिआ क्या है?

परिचय

डिस्‍पेरुनिआ क्या है?

सेक्सुअल इंटरकोर्स के दौरान दर्द होना एक आम समस्या है। ज्यादातर महिलाओं को अपने जीवन में कई बार सेक्स के दौरान हल्का या गंभीर दर्द महसूस होता है। यह शारीरिक, मानसिक एवं मनोवैज्ञानिक समस्याओं सहित कई अन्य कारणों से होता है।

सेक्स से जुड़ी समस्याएं शादीशुदा जीवन को प्रभावित करती हैं और रिश्तों पर भी असर डालती हैं। हालांकि सिर्फ महिलाओं को ही नहीं बल्कि पुरुषों को भी यौन समस्याएं होती हैं लेकिन डिस्पेरुनिया एक ऐसी समस्या है जो अक्सर महिलाओं में पायी जाती है।

इंटरकोर्स से ठीक पहले, सेक्स के दौरान या बाद में जननांगों में होने वाले दर्द को डिस्पेरुनिया कहते हैं। इसमें कई बार शारीरिक संबंध बनाने के दौरान तेज दर्द होता है तो कई बार संबंध बनाने के बाद। आमतौर पर सेक्सुअल इंटरकोर्स के दौरान महिला की योनि,क्लिटोरिस और लेबिया में तेज दर्द महसूस होता है जिससे यौन जीवन प्रभावित होता है।

हालांकि डिस्पेरुनिया को इलाज से ठीक किया जा सकता है और एक स्वस्थ यौन जीवन जिया जा सकता है। अगर समस्या सी जद बढ़ जाती है तो आपके लिए गंभीर स्थिति बन सकती है । इसलिए इसका समय रहते इलाज जरूरी है। इसके भी कुछ लक्षण होते हैं ,जिसे ध्यान देने पर आप इसकी शुरूआती स्थिति को समझ सकते हैं।

कितना सामान्य है डिस्‍पेरुनिआ होना?

डिस्पेरुनिया एक कॉमन डिसॉर्डर है। पूरी दुनिया में लाखों महिलाएं डिस्पेरुनिया से पीड़ित हैं। सेक्सुअली एक्टिव होने के बाद डिस्पेरुनिया किसी भी उम्र में प्रभावित कर सकता है। ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

लक्षण

डिस्‍पेरुनिआ के क्या लक्षण है?

डिस्पेरुनिया शरीर के कई सिस्टम को प्रभावित करता है। डिस्पेरुनिया से पीड़ित महिला में प्रायः वेजाइनल ओपनिंग, पेल्विस और योनि के अंदर दर्द होता है। डिस्पेरुनिया का दर्द हल्का, मध्यम या तेज हो सकता है। जिसके कारण ये लक्षण सामने आने लगते हैं :

  • पेनिट्रेशन के दौरान दर्द
  • योनि में टैम्पोन लगाने में दर्द
  • धक्का लगाने पर योनि में दर्द
  • जलन और बेचैनी
  • इंटरकोर्स के कई घंटों बाद तक दर्द रहना
  • मूत्राशय में दर्द
  • योनि में खुजली
  • पीरियड की तरह दर्द होना

कभी-कभी कुछ लोगों में इसमें से कोई भी लक्षण सामने नहीं आते हैं और अचानक से कुछ समय के लिए संभोग के दौरान योनि में तेज सनसनाहट होती है।

मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

ऊपर बताएं गए लक्षणों में किसी भी लक्षण के सामने आने के बाद आप डॉक्टर से मिलें। हर किसी के शरीर पर डिस्‍पेरुनिआ अलग प्रभाव डाल सकता है। इसलिए किसी भी परिस्थिति के लिए आप डॉक्टर से बात कर लें। यदि सेक्स के दौरान या सेक्स के बाद लगातार कई दिनों तक दर्द महसूस होता है जिससे यौन जीवन प्रभावित हो रहा हो या शारीरिक संबंध बनाने में डर लगता हो तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

यह भी पढ़ें: प्रेग्नेंसी में सेक्स के दौरान ब्लीडिंग क्यों होता है? जानें कुछ सुरक्षित सेक्स पोजिशन

कारण

डिस्‍पेरुनिआ होने के कारण क्या है?

अधिकांश महिलाओं में वेजाइनल ल्यूब्रिकेशन की कमी के कारण सेक्स के दौरान दर्द या डिस्पेरुनिया की समस्या होती है। पर्याप्त फोरप्ले न करने से योनि ल्यूब्रिकेट नहीं हो पाती है जिससे इंटरकोर्स के दौरान दर्द होता है। मेनोपॉज या डिलीवरी के बाद और स्तनपान कराने वाली महिलाओं में एस्ट्रोजन का लेवल घट जाता है जिसके कारण सेक्सुअल इंटरकोर्स के दौरान दर्द होता है। सिर्फ इतना ही नहीं एंटीडिप्रेसेंट, हाई ब्लड प्रेशर की दवाएं,सेडेटिव एंटीहिस्टामिन और बर्थ कंट्रोल पिल्स के कारण भी डिस्पेरुनिया हो सकता है। इसके अलावा निम्न कारणों से भी सेक्स के दौरान योनि में दर्द होता है:

  • वेजाइनिस्मस- महिलाओं में यह एक आम समस्या है। सेक्स के डर के कारण योनि की मांसपेशियों में संकुचन होता है जिसके कारण सेक्सुअल इंटरकोर्स के दौरान तेज दर्द होता है।
  • योनि में संक्रमण- यीस्ट इंफेक्शन के कारण संभोग के दौरान योनि में दर्द होता है।
  • योनि में चोट या जलन– योनि में चोट लगना, पेल्विक सर्जरी और नसबंदी के कारण महिला की बर्थ कैनाल बड़ी हो जाती है जिसके कारण सेक्सुअल इंटरकोर्स के दौरान दर्द होता है।
  • सूजन-यूरिनरी ट्रैक्ट में और जननांगों के आसपास इंफेक्शन के साथ ही जननांगों में एक्जिमा एवं अन्य स्किन समस्याएं होने से डिस्पेरुनिया हो सकता है।
  • जन्मजात दोष– जन्म के समय योनि का पूर्ण रुप से निर्माण न होना, हाइमन झिल्ली का विकास न होने के कारण भी सेक्स के दौरान दर्द होता है।
  • गर्भाशय ग्रीवा में समस्या– गर्भाशय ग्रीवा में इंफेक्शन होने पर जब पेनिस गर्भाशय ग्रीवा में गहराई तक पहुंचता है तो शारीरिक संबंध बनाते समय दर्द होता है, जो कई घंटों तक वैसे ही बना रहता है।
  • गर्भाशय में समस्या- यूटेरस में फाइब्रॉइड के कारण डीप इंटरकोर्स के दौरान दर्द होता है।
  • एंडोमेट्रियॉसिस-यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें गर्भाशय के की परत के जैसे ऊतक गर्भाशय के बाहर भी बढ़ने लगते हैं।
  • ओवरी में समस्या– ओवरी में सिस्ट बनने के कारण इंटरकोर्स के दौरान दर्द होता है।
  • एक्टोपिक प्रेगनेंसी- यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें निषेचित अंडा गर्भाशय के बाहर विकसित होता है। इसके कारण सेक्सुअल इंटरकोर्स के दौरान या बाद में दर्द होता है।

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जोखिम

डिस्‍पेरुनिआ के साथ मुझे क्या समस्याएं हो सकती हैं?

जैसा कि पहले ही बताया गया कि डिस्पेरुनिया एक आम समस्या है जो अधिकांश महिलाओं को होती है। यह कई कारणों से होती है इसलिए समय पर इलाज न करने से भविष्य में गंभीर समस्या हो सकती है और सेक्स लाइफ पर इसका असर पड़ सकता है। योनि में ड्राइनेस और इंफेक्शन लगातार बने रहने से यौन इच्छा प्रभावित हो सकती है और प्रेगनेंसी पर भी इसका असर पड़ सकता है। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

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उपचार

यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

डिस्‍पेरुनिआ का निदान कैसे किया जाता है?

डिस्पेरुनिया का पता लगाने के लिए डॉक्टर शरीर की जांच करते हैं और मरीज का पारिवारिक इतिहास भी देखते हैं। इस बीमारी को जानने के लिए कुछ टेस्ट कराए जाते हैं :

  • पेल्विक टेस्ट- डॉक्टर मरीज के आंतरिक और बाहरी पेल्विक एरिया का परीक्षण करते हैं और योनि में ड्राईनेस,सूजन, इंफेक्शन, शारीरिक समस्याएं योनि में मस्सा, एंडोमेट्रियॉसिस आदि की जांच करते हैं।
  • अल्ट्रासाउंड- सेक्स के दौरान दर्द के निदान के लिए अल्ट्रासाउंड किया जाता है जिसमें जननांगों में आंतरिक समस्याओं जैसे फाइब्रॉयड और सिस्ट का पता लगाया जाता है।
  • यूरिन टेस्ट- यूरिनरी ट्रैक्ट में इंफेक्शन और पेशाब में जलन का परीक्षण किया जाता है।
  • कल्चर टेस्ट-बैक्टीरिया या यीस्ट इंफेक्शन की जांच की जाती है।

इसके अलावा डिस्पेरुनिया के निदान के लिए डॉक्टर मरीज से कुछ सवाल पूछते हैं।जैसे कि सेक्स के दौरान कब और कहां दर्द महसूस होता है, किस पोजीशन में दर्द होता है, सबसे अधिक दर्द जननांग के किस हिस्से में होता है, दर्द कितने समय तक रहता है इत्यादि। कई बार डिस्पेरुनिया के लक्षणों और इससे जुड़े सवालों के जवाब के आधार पर ही इसका बेहतर निदान हो जाता है।

डिस्‍पेरुनिआ का इलाज कैसे होता है?

डिस्पेरुनिया को इलाज से ठीक किया जा सकता है। इस समस्या का इलाज बीमारी के कारणों और दर्द की गंभीरता पर निर्भर करता है। कुछ थेरिपी और दवाओं से व्यक्ति में डिस्पेरुनिया के असर को कम किया जाता है। डिस्पेरुनिया के लिए कई तरह की मेडिकेशन की जाती है :

  1. वेजाइनल ल्यूब्रिकेशन की समस्या को दूर करने के लिए ओस्पेमिफिन दवा दी जाती है। यह दवा वेजाइनल लाइनिंग में एस्ट्रोजन की तरह काम करती है, ऊतकों को मोटा और कम लचीला बनाती है और सेक्स के दौरान दर्द को कम करती है।
  2. मेनोपॉज से गुजर चुकी महिलाओं की योनि में एस्ट्रोजन को सीधे अप्लाई किया जाता है जो ल्यूब्रिकेशन को बढ़ाता है और सेक्सुअल इंटरकोर्स के दौरान दर्द को कम करता है।
  3. इंटरकोर्स के दौरान दर्द को कम करने के लिए प्रास्टेरोन दवा का इस्तेमाल किया जाता है। यह एक कैप्सूल है जिसे रोजाना योनि के अंदर रखा जाता है।
  4. वेजाइनल ड्राइनेस को कम करने के लिए ओटीसी ल्यूब्रिकेंट जैसे के-वाई जेली, रिप्लेंट या एस्ट्रोग्लाइड का उपयोग किया जाता है।
  5. डिसेंसिटाइजेशन थेरेपी- इसमें मरीज को वेजाइनल रिलैक्सेशन एक्सराइज सीखायी जाती है जो योनि की मांसपेशियों में संकुचन और दर्द को कम करने में मदद करता है।

इसके अलावा कुछ मरीजों को सेक्स थेरिपी भी दी जाती है जिसमें सेक्स के दौरान पर्याप्त फोरप्ले करना, पार्टनर के  साथ सेक्सुअल बातें करना, सेक्स पोजीशन पर बात करना और पार्टनर के साथ अच्छे तरह से कम्युनिकेट करना और बिहेवियर ठीक रखना आदि सीखाया जाता है। सिर्फ इतना ही नहीं वेजाइनल यीस्ट इंफेक्शन को कम करने के लिए एंटीफंगल दवाएं दी जाती है जबकि यूरिनरी ट्रैक्ट में संक्रमण और यौन संचारित रोगों को दूर करने के लिए एंटीबायोटिक दवा दी जाती है। योनि में सूजन को कम करने से सही पोजीशन में बैठकर गुनगुने पानी से नहाना भी फायदेमंद होता है।

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घरेलू उपचार

जीवनशैली में होने वाले बदलाव क्या हैं, जो मुझे डिस्‍पेरुनिआ को ठीक करने में मदद कर सकते हैं?

अगर आपको डिस्पेरुनिया है तो आपके डॉक्टर सेक्स के दौरान अच्छी क्वालिटी का ल्यूब्रिकेंट इस्तेमाल करने के लिए बताएंगे और जननांगों की साफ सफाई रखने की सलाह देंगे। इस समस्या से पीड़ित महिलाओं को टाइट अंडरगारमेंट्स नहीं पहनना चाहिए और यौन संचारित रोगों से बचने के लिए सुरक्षित सेक्स करना चाहिए। इसके साथ ही पर्याप्त मात्रा में पानी और ताजे फलों के जूस का सेवन करना चाहिए और पोषक तत्वों से भरपूर आहार लेना चाहिए। इस दौरान निम्न फूड्स का सेवन करना चाहिए:

  • लिवर
  • शेलफिश
  • मशरूम
  • ब्रोकली
  • हरी पत्तेदार सब्जियां
  • फल
  • ड्राई फ्रूट्स

इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपको उपचार बता सकते हैं।

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हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है, अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।

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डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

https://www.health.harvard.edu/a_to_z/painful-sexual-intercourse-dyspareunia-a-to-z 5 march Accessed 2020

https://www.mayoclinic.org/diseases-conditions/painful-intercourse/diagnosis-treatment/drc-20375973 5 march Accessed 2020

https://www.webmd.com/sexual-conditions/guide/female-pain-during-sex#1 5 march Accessed 2020

https://www.healthline.com/health/dyspareunia 5 march Accessed 2020

 

Current Version

28/05/2020

Anoop Singh द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: shalu


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के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

डॉ. प्रणाली पाटील

फार्मेसी · Hello Swasthya


Anoop Singh द्वारा लिखित · अपडेटेड 28/05/2020

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