backup og meta

जानिए दांतों का कलर क्या कहता है स्वास्थ्य के बारे में

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Anu sharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 06/07/2020

    जानिए दांतों का कलर क्या कहता है स्वास्थ्य के बारे में

    जैसे चेहरे पर एक मुस्कुराहट हमारे व्यक्तित्व को निखार देती है, वैसे ही सुंदर दांत हमारी मुस्कुराहट में चार चांद लगा देते हैं। हम अपने शरीर के हर हिस्से पर ध्यान देते हैं, लेकिन अपने दांतों के बारे में हम तब सोचते हैं, जब इनमें कोई समस्या होती है जैसे दर्द, सूजन, पीलापन आदि। एक और चीज है जो दांतों को लेकर हमें परेशान करती है और वो है दांतों का कलर। पीले दांत देखने में अच्छे नहीं लगते, इसलिए हर कोई सफेद दांतों की चाह रखता है। यही कारण है कि हम अक्सर डेंटिस्ट से अपने दांतों को सफेद बनाने की राय लेते हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि दांतों का कलर भी हमारे स्वास्थ्य के बारे में बहुत कुछ कहता है? जानिए दांतों के रंग और स्वस्थ के बारे में विस्तार से।

    दांतों की परतें

    अगर आपसे कोई पूछे कि स्वस्थ और मजबूत दांतों का कलर कैसा होना चाहिए, तो अधिकतर लोगों का उत्तर होगा सफेद चमकते हुए दांत। हम पीले रंग को दांतों को बुरा मानते हैं। दांतों के रंग के बारे में समझने के लिए आपको दांतों की परतों के बारे में पता होना चाहिए। दांतों की बाहरी परत को इनेमल कहा जाता है। यह मजबूत परत का रंग नीले और सफेद का मिश्रण होता है। यह परत पारदर्शी होती है। इस परत के बाद जो इनेमल होता है उसे डेंटिन कहा जाता है। यह मजबूत टिश्यू होता है, जिसका प्रकृतिक रंग ही पीला होता है। इसलिए जब आप अपने दांतों को देखते हैं तो कभी-कभी यह पीले दिखाई देते हैं, क्योंकि इनेमल की पारदर्शी परत के नीचे डेंटिन का रंग दिखाई देता है।

    और पढ़ें : पूरी जिंदगी में आप इतना समय ब्रश करने में गुजारते हैं, जानिए दांतों से जुड़े ऐसे ही रोचक तथ्य

    क्या पीला दांतों का कलर स्वस्थ होने का प्रतीक नहीं?

    अगर आपके दांत सफेद नहीं है, बल्कि पीले हैं इसका अर्थ यह नहीं है कि आप या आपके दांत सेहतमंद नहीं हैं। यह उनका प्राकृतिक रंग भी हो सकता है। दांतों के रंग से उसके स्वस्थ होने का पता नहीं चल सकता। अगर किसी के दांत बहुत अधिक सफेद हैं तो इसका कारण ब्लीचिंग या अन्य तरीके हो सकते हैं। इसलिए ध्यान रखें कि अपने घरेलू नुस्खों की जगह डॉक्टर की सलाह के बाद ही अपने दांतों की सफेदी के बारे में सोचें। पीला या कोई और रंग होना दांतों के सफेद होने का प्रतीक बिल्कुल नहीं है।

    दांतों का प्रकृतिक रंग बनाम दाग-धब्बे या और रंग

    इस बात का भी ध्यान रखें कि हर पीले रंग का दांत हमेशा स्वस्थ हों ऐसा आवश्यक नहीं है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपके दांत पीले होने का कारण क्या है। अगर आपके दांत सफेद नहीं हैं या किसी और रंग के हैं तो इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। यही नहीं उम्र का बढ़ना भी इसका एक कारण है। यदि मुंह की साफ सफाई नहीं की जाती तो दांतों में कीटाणु पनपने लगते हैं। इस कारण भी कई लोगों के दांतों का कलर बदलकर हरा, भूरा या कोई अन्य रंग हो जाता है। अगर इन वजहों से आपके दांत काले, पीले या उन पर दाग हैं तो यह आपकी खराब सेहत का प्रतीक हो सकते हैं। यह वजहें इस प्रकार हैं:

    और पढ़ें : दांतों की समस्या को दूर करने के लिए करें ये योग

    आहार (Diet)

    कॉफी, चाय, कोला, वाइन या कई फल और सब्जियां भी दांतों पर धब्बों या अन्य किसी रंग का कारण हो सकते हैं। टोमैटो सॉस खाने से भी दांतों में पीलापन आ जाता है। खाने की इन चीजों में क्रोमोजीन नामक केमिकल होता है जिस वजह से दांतों का कलर बदल जाता है। इसलिए आपको खाने पीने की चीजों को लेकर सावधानी बरतने की जरूरत है। यदि आप इसे लेकर कंफ्यूज है कि क्या खाएं और क्या न खाएं तो इसके लिए आप किसी डायटिशियन से सलाह ले सकते हैं।

    तंबाकू (Tobacco)

    तंबाकू और तंबाकू से बनी चीजें भी दांतों एक रंग को बदल देती हैं। इनसे दांत काले या पीले हो सकते हैं या दांतों पर दाग-धब्बे हो सकते हैं। तंबाकू हमारे दांतों के लिए ही नहीं सेहत के लिए भी काफी नुकसानदायक होता है। इसे माउथ कैंस होने का भी खतरा रहता है। बेहतर होगा कि आप इसका सेवन न ही करें।

    साफ-सफाई (Cleanliness)

    अगर आप रोजाना अपने दांतों में ब्रश, फ्लॉस या माउथवॉश का प्रयोग नहीं करते हैं, तो इससे भी दांतों का कलर बदल सकता है। दांतों की साफ सफाई का खास ध्यान रखना चाहिए। रोजाना सुबह और रात को सोते समय जरूर अच्छे से ब्रश करके सोएं।

    और पढ़ें : दांतों की बीमारियों का कारण कहीं सॉफ्ट ड्रिंक्स तो नहीं?

    बीमारी (Disease)

    कई बीमारियां दांतों के रंग को प्रभावित करती हैं। यही नहीं, दवाओं का प्रभाव भी इन दांतों के रंग पर पड़ता है। इसलिए दांतों के रंग के बदलने पर जांच कराएं। ऐसा भी हो सकता है आपके दांत स्वस्थ हो। इनका रंग किसी बीमारी के कारण बदल रहा है।

    डेंटल मैटीरियल (Dental Material)

    दांतों के उपचार के दौरान प्रयोग किए गए मैटीरियल से भी दांतों के प्राकृतिक रंग में परिवर्तन आ सकता है। यह भी दांतों के रंग के बदलने का एक कारण है।

    और पढ़ें : दांतों की परेशानियों से बचना है तो बंद करें ये 7 चीजें खाना

    उम्र (Age)

    उम्र के बढ़ने पर भी दांतों की प्राकृतिक चमक और इनेमल खत्म हो जाती है, जिससे दांतों का कलर बदल जाता है। जेनेटिक्स आनुवंशिक कारणों के कारण भी कई लोगों के दांतों का कलर अलग हो सकता है।

    दांतों की मजबूती और उनका स्वस्थ होना प्राकृतिक होता है और ऐसा जरूरी नहीं कि मजबूत या स्वस्थ दांत केवल सफेद ही हों। दांत चाहे चमचमाते मोतियों की तरह हों या पीले या किसी और रंग के वो स्वस्थ होने का संकेत नहीं हैं। स्वस्थ दांत किसी भी रंग के हो सकते हैं यानी वो पीले हो सकते हैं, हल्के ग्रे या हल्के पीले भी। अगर आपके दांतों का कलर इससे गहरा है, तो यह अधिक धूम्रपान या अन्य कारणों से हो सकते हैं। इसलिए अपने दांतों की सेहत या गुणवत्ता को उनके रंग से न परखिए, क्योंकि हर चमचमाने वाली चीज सोना नहीं होती।

    हम आशा करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में दांतों का कलर और उससे जुड़ी हर जानकारी देने की कोशिश की गई है। यदि आप इससे जुड़ी अन्य कोई जानकारी पाना चाहते हैं तो आप अपना सवाल कमेंट कर पूछ सकते हैं। आपको हमारा यह लेख कैसा लगा यह भी आप हमें कमेंट कर बता सकते हैं।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

    के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

    डॉ. प्रणाली पाटील

    फार्मेसी · Hello Swasthya


    Anu sharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 06/07/2020

    advertisement iconadvertisement

    Was this article helpful?

    advertisement iconadvertisement
    advertisement iconadvertisement