
सेल्युलाइटिस क्या है?
सेल्युलाइटिस एक ऐसी बीमारी है जिसमें त्वचा में सूजन के साथ लालिमा आ जाती है जिसको छूने पर हल्का गर्म लगता है। यह शरीर के अन्य भागों में तेजी से फैलता है। सेल्युलाइटिस आमतौर पर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है।
आमतौर पर टांगों के निचले हिस्से की त्वचा इससे सबसे ज्यादा प्रभावित होती है, हालांकि यह चेहरे पर या शरीर के किसी भी हिस्से पर हो सकता है। सेल्युलाइटिस आपकी त्वचा की ऊपरी सतह को प्रभावित कर सकता है। कुछ गंभीर मामलों में यह आपकी त्वचा के अंदर के टिशूज को भी नुकसान पहुंचा सकता है और आपके लिम्फ नोड्स व ब्लड में भी फैल सकता है।
यदि इसका इलाज समय से नहीं किया जाए तो तेजी से फैला हुआ इंफेक्शन जीवन के लिए खतरा बन सकता है। यदि सेल्युलाइटिस के लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत ट्रीटमेंट लेना जरूरी है।
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क्या सेल्युलाइटिस एक आम बीमारी है?
सेल्युलाइटिस एक आम इंफेक्शन है जो किसी को भी प्रभावित कर सकता है। 45 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों में सेल्युलाइटिस की संभावना अधिक होती है। हालांकि, इसके कारणों को नियंत्रित करके इससे निपटा जा सकता है। अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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सेल्युलाइटिस के क्या लक्षण हैं?
- सूजन
- दर्द
- इंफेक्टेड त्वचा का गर्म होना
- बुखार
- लाल धब्बे
- फफोले
- त्वचा का पतला होना
मुझे अपने डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
प्रारंभिक निदान और उपचार इस स्थिति को बिगड़ने से रोक सकते हैं इसलिए जल्द से जल्द अपने डॉक्टर से बात करें। यदि आपको निम्न में से कोई भी लक्षण दिखाई दे रहा है तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। हर किसी का शरीर अलग तरीके से कार्य करता है। अपनी स्थिति के बारे में अपने डॉक्टर से परामर्श करना सबसे अच्छा होता है।
सेल्युलाइटिस का क्या कारण है?
सेल्युलाइटिस एक ऐसी स्थिति होती है जब बैक्टीरिया “स्ट्रेप्टोकोकस” और “स्टेफिलोकोकस” आपकी त्वचा में दरार या कटने की वजह से अंदर पहुंच जाते हैं। इन दिनों “मेथिसिलिन रेसिस्टेंट स्टेफिलोकोकस ऑरियस” (एमआरएसए) नामक एक गंभीर स्टेफिलोकोकस संक्रमण की घटना बढ़ रही है। आपके शरीर में कहीं भी सेल्युलाइटिस हो सकता है। सबसे ज्यादा पैर का निचला हिस्सा इससे प्रभावित होता है। बैक्टीरिया सबसे ज्यादा क्षतिग्रस्त क्षेत्र में प्रवेश करते हैं जैसे सर्जरी, कट, अल्सर, एथलीट फुट या डर्मेटाइटिस आदि। ये सूखी, परतदार त्वचा या सूजी हुई त्वचा के क्षेत्रों में भी प्रवेश कर सकते हैं। कुछ प्रकार के कीट व मकड़ी आदि के काटने से भी बैक्टीरिया शरीर के अंदर प्रवेश कर सकते हैं।
किन कारणों से सेल्युलाइटिस का खतरा बढ़ जाता है?
चोट
किसी भी तरह का कट, फ्रैक्चर, बर्न या रूखी त्वचा में बैक्टीरिया का प्रवेश आसान हो जाता है।
कमजोर इम्यून सिस्टम
ऐसी स्थितियां जो आपके इम्यून सिस्टम को कमजोर करती हैं जैसे मधुमेह, ल्यूकेमिया और एचआईवी / एड्स आदि की वजह से संक्रमण आसानी से होता है। कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स जैसी कुछ दवाएं भी आपके इम्यून सिस्टम को कमजोर कर सकती हैं।
त्वचा की स्थिति
त्वचा के विकार जैसे एक्जिमा, एथलीट फुट, चिकनपॉक्स, दाद, त्वचा में दरार आदि से बैक्टीरिया को प्रवेश आसानी से मिल जाता है।
आपके हाथ या पैर की पुरानी सूजन (लिम्फेडेमा)
टिशूज में सूजन आने से त्वचा में मामूली दरारें पड़ सकती हैं जिससे इंफेक्शन की चपेट में आना काफी आसान हो जाता है।
पहले कभी सेल्युलाइटिस हो चुका हो
जिन लोगों को पहले सेल्युलाइटिस था, खासकर टांगों के निचले हिस्से में उनमें यह इंफेक्शन फिर से होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
नशीली दवाओं के उपयोग
जो लोग अवैध दवाओं को इंजेक्ट करते हैं, उनमें सेल्युलाइटिस होने का खतरा अधिक होता है।
मोटापा
अधिक वजन बढ़ने से सेल्युलाइटिस होने की संभावना बढ़ जाती है। मोटापा बढ़ने से सेल्युलाइटिस के दोबारा होने के खतरे भी बढ़ जाते हैं।
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सेल्युलाइटिस का निदान कैसे किया जाता है?
डॉक्टर बीमारी की पुष्टि शारीरिक परीक्षण से करेंगे या कुछ और टेस्ट डॉक्टर द्वारा सुझाए जाएंगे। इन परीक्षणों में मुख्य हैं-
- एक ब्लड टेस्ट (यदि संक्रमण रक्त में फैलने की शंका है)
- एक्स-रे
- वाउंड कल्चर(घाव का परीक्षण) टेस्ट के लिए डॉक्टर प्रभावित क्षेत्र से एक सुई की सहायता से तरल पदार्थ निकलेगा।
सेल्युलाइटिस का इलाज कैसे किया जाता है?
सेल्युलाइटिस के उपचार में आमतौर पर डॉक्टर द्वारा लिखी गई एंटीबायोटिक टेबलेट लेना शामिल होता है। एंटीबायोटिक शुरू करने के तीन दिनों के अंदर डॉक्टर को बताएं कि संक्रमण ठीक हो रहा है कि नहीं। जब तक डॉक्टर एंटीबायोटिक लेने की सलाह दें तब तक दवाएं लें। आमतौर पर पांच से 10 दिन में समस्या से आराम मिलता है लेकिन, कुछ मामलों में 14 दिन भी लग जाते हैं।
ज्यादातर मामलों में सेल्युलाइटिस से पैदा होने वाले लक्षण आमतौर पर कुछ दिनों में गायब होने लगते हैं।
गंभीर स्थिति में आपको अस्पताल में भर्ती होने और नसों के द्वारा (intravenously) एंटीबायोटिक दवाएं लेने की आवश्यकता पड़ सकती है-
- जब सेल्युलाइटिस के लक्षण एंटीबायोटिक दवाओं से कम न हो रहे हों।
- लक्षण शरीर में काफी फैल गए हों।
- आपको तेज बुखार हो।
आमतौर पर डॉक्टर ऐसी दवाएं लिखते हैं जो स्ट्रेप्टोकोची (Streptococci) और स्टेफीलोकोची (Staphylococci) दोनों प्रकार के बैक्टीरिया पर प्रभावी होती हैं। यह बहुत जरूरी है कि मरीज दवाओं को डॉक्टर द्वारा दिए गए निर्देश के अनुसार ही लें और दवाओं का पूरा कोर्स खत्म करें। भले ही आप ठीक महसूस कर रहे हों। डॉक्टर आपको शरीर का प्रभावित हिस्सा ऊपर उठाकर रखने का सुझाव भी दे सकते हैं जिससे आप और जल्दी ठीक होने लगेंगे।
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जीवनशैली में बदलाव और घरेलू उपचार
- अपने घाव को रोजाना साबुन और पानी से धोएं ।
- अपने घाव को पट्टी (बैंडेज) के साथ ढंक कर रखें ।
- इंफेक्शन के संकेतों की जांच करते रहें ।
- डॉक्टर द्वारा बताई गई क्रीम या मरहम लगाएं ।
- रोजाना पट्टी बदलें ।
- किसी भी तरह का दर्द, त्वचा पर लालिमा या संक्रमण होने पर डॉक्टर को तुरंत दिखाएं।
अगर आपको अपनी समस्या को लेकर कोई सवाल है, तो कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श लेना ना भूलें।
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