के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar
मनुष्य के शरीर में क्रोमोसोम के दो पेयर मौजूद होते हैं। पुरषों में XY और महिलाओं में XX क्रोमोसोम होते हैं। पुरुषों में एक एक्स्ट्रा X क्रोमोसोम होने की स्थिति को क्लाइनेफेल्टर सिंड्रोम कहते हैं। क्लाइनेफेल्टर सिंड्रोम (Klinefelter Syndrome) पुरुषों में होने वाली समस्या है। यह एक अनुवांशिक बीमारी है। इस स्थिति में पुरुषों में प्यूबर्टी के लक्षण ठीक तरह से शुरू नहीं हो पाते।
क्लाइनेफेल्टर सिंड्रोम 1000 में से 1 व्यक्ति को होती है।
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हां, क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम जटिलताओं का कारण बनता है यदि इसका इलाज नहीं किया जाता है नीचे दी गयी सूची उन जटिलताओं और समस्याओं की है जो क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम को अनुपचारित छोड़ने से पैदा हो सकती है:
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इन लक्षणों के अलावा और भी लक्षण हो सकते हैं। कुछ लड़कों में इस सिंड्रोम के लक्षण काफी व्यस्क हो जाने के बाद तक पता नहीं चलते। इन लड़कों को पिता बनने में कठिनाई हो सकती है।
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निम्लिखित परेशानी महसूस होने पर डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है:
इन लक्षणों के अलावा और भी लक्षण हो सकते हैं। इसलिए इन लक्षणों के अलावा कोई अन्य लक्षण होने पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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क्लाइनेफेल्टर सिंड्रोम अनुवांशिक बीमारी है। पुरषों में X,Y और महिलओं में X,X क्रोमोसोम होते हैं। पुरुषों में एक एक्स्ट्रा X क्रोमोसोम होने की स्थिति में क्लाइनेफेल्टर सिंड्रोम (Klinefelter Syndrome) होता है। ऐसे पुरुषों में प्यूबर्टी के लक्षण ठीक तरह से डेवलप नहीं हो पाते हैं।
निम्नलिखित क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम के सबसे सामान्य कारण हैं:
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इसके निम्नलिखित कारण हो सकते हैं:
क्लाइनेफेल्टर सिंड्रोम अनुवांशिक बीमारी है। लेकिन, ज्यादा उम्र महिला जो मां बनती हैं उनके बच्चों में इसका खतरा ज्यादा होता है।
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दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
क्लाइनेफेल्टर सिंड्रोम का इलाज संभव नहीं है। क्योंकि रिप्रोडक्टिव ऑर्गेन को विकसित नहीं किया जा सकता है। डॉक्टर टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन को इलाज के माध्यम से बढ़ा सकते हैं, पेनिस के आकार को भी बड़ा कर सकते हैं।
टेस्टोस्टेरोन (Testosterone) के बढ़ने की वजह से स्वभाव में बदलाव, हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure), एब्नॉर्मल प्रोस्टेट ग्रोथ या अत्यधिक गुस्से की भावना हो सकती है।
चेस्ट पर आये उभार (ब्रेस्ट) को कम करने के लिए सर्जरी की जा सकती है। ब्रेस्ट में हुए लम्प की जांच के लिए ब्रेस्ट कैंसर से जुड़े जांच किये जाते हैं।
ऑस्टियोपरोसिस का इलाज टेस्टोस्टेरोन और पर्याप्त कैल्शियम और विटामिन डी और नियमित रूप से वजन बढ़ाने वाले व्यायाम के साथ किया जा सकता है।
मरीजों को निम्नलिखित विशेषज्ञों का दौरा करना चाहिए, यदि उन्हें क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम के लक्षण हैं:
XXY वाले बच्चे अन्य बच्चों से थोड़ा अलग होते हैं। यद्यपि वे किशोरावस्था के दौरान समस्याओं का सामना कर सकते हैं, अक्सर भावनात्मक और व्यवहारिक, और स्कूल में कठिनाइयों, उनमें से अधिकतर वयस्कों में अपने परिवारों से पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त कर सकते हैं। अधिकांश सामान्य, स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।
सिंड्रोम के साथ 87 ऑस्ट्रेलियाई वयस्कों पर किए गए एक अध्ययन के अनुसार जिन लोगों ने बहुत कम उम्र से निदान और उचित उपचार किया है, उनमें इस बीमारी के निदान बाद इलाज से महत्वपूर्ण लाभ मिले।
कुछ रिसर्च से पता चलता है कि केएस प्रभावित व्यक्तियों के बीच जीवन प्रत्याशा को काफी कम करता है, हालांकि इस पर अभी और कोई पुख्ता शोध नहीं हुआ है।
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डॉक्टर लड़के की शरीरिक जांच करते हैं, जिससे यह समझा जाता है की शरीरिक अंग का कितना विकास हुआ है। कई बार इनफर्टिलिटी की समस्या होने पर पीड़ित पुरुष डॉक्टर से संपर्क करते हैं।
ब्लड टेस्ट से टेस्टोस्टेरोन के लेवल (हाई या लो) की जानकारी मिल पाती है और इसी के साथ अन्य हॉर्मोन जैसे फॉलिकल-स्टिमुलेटिंग हॉर्मोन (FSH) की जानकारी भी मिल जाती है।
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निम्नलिखित स्वयं देखभाल कार्यों या जीवनशैली में परिवर्तन से क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम (Klinefelter Syndrome) के उपचार या प्रबंधन में मदद मिल सकती है:
उम्मीद है कि आपको क्लाइनेफेल्टर सिंड्रोम आर्टिकल पसंद आया होगा। हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताइए। इसके साथ यदि बीमारी से जुड़े कोई सवाल हैं, तो बेहतर इलाज के लिए चिकित्सक से संपर्क करना जरूरी है।
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