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जानिए क्या हैं महिला और पुरुषों में इनफर्टिलिटी के लक्षण?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 22/12/2021

    जानिए क्या हैं महिला और पुरुषों में इनफर्टिलिटी के लक्षण?

    वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) के अनुसार इनफर्टिलिटी (बांझपन) विश्वभर की समस्या है। डब्लूएचओ के रिपोर्ट के अनुसार 5 साल से रिलेशनशिप में रहने के बावजूद भी तकरीबन 10 प्रतिशत कपल्स इनफर्टिलिटी (Infertility) की समस्या से पीड़ित हैं। पुरुषों में इनफर्टिलिटी के लक्षण के साथ-साथ महिलाओं में भी इनफर्टिलिटी के लक्षण जानेंगे। इनफर्टिलिटी को अगर सामान्य भाषा में समझा जाए तो इसका अर्थ है किसी कारण गर्भधारण नहीं कर पाना।

    भारत में इनफर्टिलिटी (बांझपन) बेहद ही गंभीर समस्या बनती जा रही है। इंडियन सोसाइटी ऑफ अस्सेस्टेड रिप्रोडक्शन के अनुसार भारत में 14 प्रतिशत तक लोग इनफर्टिलिटी की समस्या से परेशान हैं। वहीं 27.5 मिलियन कपल ऐसे हैं जो कंसीव नहीं कर पा रहे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण बदलती लाइफस्टाइल में संतुलित आहार नहीं लेना और स्ट्रेस में रहना हो सकता है।

    इनफर्टिलिटी के लक्षण: महिला और पुरुष दोनों ही हैं इनफर्टिलिटी के शिकार

    इनफर्टिलिटी के लक्षण को समझने से पहले जानते हैं इनफर्टिलिटी के कारण क्या हैं?

    बांझपन की समस्या सिर्फ महिलाओं में ही नहीं होती बल्कि पुरुषों में भी होती हैं। इसके कई कारण हो सकते हैं।

    1. समय का अभाव

    बदलती जीवन शैली में खुद को इसमें फिट करने की कोशिश में कई बार कपल बेबी प्लान नहीं कर पाते हैं और उम्र ज्यादा हो जाती है। फिर कंसीव करने में दिक्कतें आती हैं।

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    2. बढ़ता वजन

    महिलाओं में बढ़ता वजन भी इनफर्टिलिटी का कारण बन सकता है। वजन बढ़ने की पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे असंतुलित आहार या जंक फूड, कम सोना और फिजिकल एक्टिविटी नहीं करना।

    3. स्मोकिंग और एल्कोहॉल

    आजकल पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं भी शराब और सिगरेट पीने लगी हैं। स्मोकिंग और एल्कोहॉल महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए हानिकारक है। इससे भी इनफर्टिलिटी की संभावना बढ़ सकती है।

    4. सही समय पर शादी न होना

    कई महिलाओं की शादी ज्यादा उम्र में होती है और इस वजह से भी गर्भ धारण करने में समस्या आती है।

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    5. बढ़ती बीमारियां

    लाइफस्टाइल में हो रहे बदलाव की वजह से लोगों की इम्युनिटी (रोग प्रतिरोधक क्षमता) कम होती जा रही है, स्ट्रेस बढ़ता जा रहा है। जो कई बीमारियों का कारण बनता है। यह भी  इनफर्टिलिटी के लिए जिम्मेदार हो सकता है।

    इनफर्टिलिटी की समस्या कैसे दूर करें:

    1. अगर आप बेबी प्लानिंग कर रहें और कंसीव नहीं कर पा रहीं हैं तो सबसे पहले डॉक्टर से मिलें।
    2. प्रतिदिन संतुलित आहार लें।
    3. वक्त निकाल कर योग या व्यायाम करें।

    महिलाओं में इनफर्टिलिटी के कारण

    PCOS

    ऑव्युलेशन की समस्या- इनफर्टिलिटी के लक्षण में सबसे पहला महिलाओं में ऑव्युलेशन से जुड़ी परेशानी है। ऐसा होने पर तकरीबन 40 प्रतिशत महिलाओं में इनफर्टिलिटी की समस्या होती है। ऑव्युलेशन न होने कारण प्राइमरी ओवेरियन इंसफिशिएंसी (POI), पॉलिसिस्ट ओवरी सिंड्रोम (PCOS), ज्यादा उम्र या बदलती  लाइफस्टाइल मानी जाता है।

    पीरियड्स की समस्या- पीरियड्स (मासिक धर्म) ठीक से नहीं आने पर गर्भधारण में परेशानी हो सकती है। पीरियड्स साईकिल 24 दिनों से 32 दिनों का होना ठीक समझा जाता है, लेकिन इस दौरान ज्यादा परेशानी होने या पीरियड्स समय पर नहीं आते तो ज्यादा देर न करें। पीरियड्स समय पर न आना या PCOD की समस्या होना इनफर्टिलिटी के लक्षण हो सकते हैं।

    रिप्रोडक्टिव सिस्टम- गर्भाशय के टिशू से जुड़ी परेशानी इनफर्टिलिटी का कारण बन सकती है।

    इंफेक्शन- किसी भी कारण गर्भाशय में इंफेक्शन होने और इंफेक्शन बढ़ने के कारण पेल्विस में सूजन जैसी परेशानी हो सकती है, जिसे पेल्विस इंफ्लेमेटरी डिजीज कहते हैं। अगर वक्त पर इसका इलाज नहीं किया गया तो बांझपन की समस्या हो सकती है।

    ऑटो इम्यून डिसऑर्डर- ऑटो इम्यून डिसऑर्डर के कारण लूपस या थाइरॉइडिटीज जैसी अन्य बीमारी होने पर इसका बुरा असर फर्टिलिटी पर पड़ता है।

    अर्ली मेनोपॉज – कुछ महिलाओं में 40 साल की उम्र से पहले ही पीरियड्स आने बंद हो जाते हैं। रिसर्च के अनुसार ऐसे में ओवरी काम करना बंद कर देती है जिसकी वजह से अर्ली मेनोपॉज हो जाता है। यह भी इनफ​र्टिलिटी का कारण हो सकता है।

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    पुरुषों में इनफर्टिलिटी के कारण

    स्मोकिंग करना- स्मोकिंग के कारण पुरुषों में बांझपन की समस्या शुरू हो सकती है।

    वजन- जरूरत से ज्यादा वजन बढ़ना कई बीमारियों के साथ-साथ इनफर्टिलिटी की भी समस्या शुरू कर सकता है।

    तनाव- बदलते वक्त में हर कोई तनाव में रहने लगा है, लेकिन इसका असर फर्टिलिटी पर तो पड़ता है साथ ही इसके कारण अन्य बीमारियां भी दस्तक देने में परहेज नहीं करती।

    एल्कोहॉल- एल्कोहॉल का ज्यादा सेवन करने से इनफर्टिलिटी की समस्या शुरू हो सकती है।

    रेडिएशन/एक्सरे- अत्यधिक रेडिएशन और एक्सरे के प्रभाव की वजह से भी इनफर्टिलिटी की समस्या हो सकती है।

    महिलाओं में इनफर्टिलिटी के लक्षण क्या हैं?

    preriods

    1. पीरियड्स (मासिकधर्म) ठीक से नहीं आना, ब्लीडिंग कम होना, पीरियड्स देर से आना या ज्यादा ब्लीडिंग होना।

    2. स्किन से जुड़ी समस्या, चेहरे पर बाल आ जाना और अत्यधिक बालों का झड़ना।

    3. हॉर्मोन में हो रहे बदलाव की वजह से सेक्स की इच्छा भी कम हो सकती है।

    4. कुछ महिलाओं में 40 साल की उम्र से पहले ही पीरियड्स आने बंद हो जाते हैं। रिसर्च के अनुसार ऐसे में ओवरी काम करना बंद कर देती है जिसकी वजह से अर्ली मेनोपॉज हो जाता है। यह भी इनफ​र्टिलिटी का कारण हो सकता है।

    5. 7 से 8 घंटे की पूरी नींद जरूर लें। ठीक से नहीं सोने की वजह से हॉर्मोन में बदलाव शुरू हो जाता है जो आपके शरीर को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ फर्टिलिटी को भी प्रभावित करते हैं। कई बार पूरी नींद नहीं लेने और तनाव में रहने से भी कई तरह की समस्याएं शुरू हो जाती हैं उन्हीं में से एक इनफर्टिलिटी भी है।

    पुरुषों में इनफर्टिलिटी के लक्षण क्या हैं?

    पुरुषों में इनफर्टिलिटी के लक्षण निम्नलिखित हैं। जैसे-

    1. इनफर्टिलिटी के लक्षण- बॉडी स्ट्रक्चर में बदलाव जैसे चेहरे से बालों का कम होना या स्तन पर ज्यादा उभार आना।

    2. इनफर्टिलिटी के लक्षण- सेक्स के दौरान परेशानी होना या हमेशा सेक्स करने की इच्छा न होना।

    3. इनफर्टिलिटी के लक्षण- टेस्टिकल (वृषण) में या आसपास दर्द, सूजन या गांठ होना इनफर्टिलिटी के लक्षण हो सकते हैं।

    4. इनफर्टिलिटी के लक्षण- फेफड़ों में इंफेक्शन होना जिससे सांस लेने में समस्या होना।

    5. इनफर्टिलिटी के लक्षण- असुरक्षित सेक्स के बावजूद महिला का गर्भवती न होना।

    6. इनफर्टिलिटी के लक्षण- अत्यधिक डिप्रेशन का नकारात्मक असर फर्टिलिटी पड़ेगा।

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    इनफर्टिलिटी के लक्षणों का कपल्स के रिश्तों पर पड़ता है असर?

    इनफर्टिलिटी की समस्या होने पर कपल्स के आपसी रिलेशन पर असर पड़ता है। इससे शारीरिक और मानसिक दोनों ही स्थिति पर नकारात्मक असर पड़ता है। रिसर्च के अनुसार निम्नलिखित परेशानियों का सामना कपल्स करते हैं। इनमें शामिल हैं-

    • सेक्स से जुड़ा लगाव कम होने लगता है।
    • प्रेग्नेंट न होने की वहज से अत्यधिक चिड़चिड़ा होना।
    •  खुद को नुकसान पहुंचाना।
    • इनफर्टिलिटी के इलाज के दौरान गुस्सा होना।
    • कपल्स का या दोनों में से किसी एक का अत्यधिक सेंसेटिव हो जाना।
    • इनफर्टिलिटी के लक्षण या इसकी जानकारी मिलने पर अपने आपको ब्लेम करना।

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    महिला और पुरुषों में इनफर्टिलिटी के कारण अन्य बदलाव भी होते हैं?

    पुरुषों या महिलाओं दोनों में इनफर्टिलिटी होने या इनफर्टिलिटी के लक्षण दिखाई देने पर इसका साइकोलॉजिकल प्रभाव पड़ता है। फिजिकल, इमोशनल और सेक्शुअल लाइफ पर भी इनफर्टिलिटी के कारण नकारात्मक प्रभाव होता है। मेंटल हेल्थ के डिस्टर्बेंस के पीछे चिंता और डिप्रेशन को कारण माना जाता है। दरअसल गर्भवती न हो पाना महिला और पुरुष दोनों की परेशानी बढ़ा देता है और कई बार तो फैमली प्रेशर की वजह से भी कपल काफी तनाव में आ जाते हैं। ऐसे कपल के सामने जब भी कोई अपनी प्रेग्नेंसी की बात करता है, तो कपल की चिंता और तनाव और बढ़ सकता है। ऐसी स्थिति को इनफर्टिलिटी का साइकोलॉजिकल प्रभाव कहते हैं। इनफर्टिलिटी (इनफर्टिलिटी के लक्षण) के कारण बढ़ रही चिंता और तानव कपल को और ज्यादा कमजोर बनाने लगती है और महिलाएं इससे ज्यादा परेशान रहती हैं कि उन्हें गर्भधारण में परेशानी हो रही है।

    इनफर्टिलिटी के लक्षण को समझने के बाद इसके इलाज के साथ-साथ और क्या-क्या करना चाहिए?

    नेशल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) के अनुसार तनाव के कारण भी फर्टिलिटी पर नकारत्मक प्रभाव पड़ता है। ऐसी परिस्थिति में इनफर्टिलिटी के लक्षण नजर आ सकते हैं। इसलिए टेंशन से दूर रहना चाहिए। ऐसे वक्त में एक दूसरे का साथ दें। जैसे-

    • इनफर्टिलिटी के लक्षण नजर आने पर कपल को एक दूसरे का ख्याल रखना चाहिए। अगर महिला किसी कारण गर्भवती नहीं हो पा रही है तो उनकी कमियां निकालने की बजाए उनका साथ दें।
    • इनफर्टिलिटी के लक्षण नजर आने पर या टेस्ट रिपोर्ट आने पर परिवार को इस सिचुएशन के बारे में समझाएं  क्योंकि अनजाने में महिला पर गर्भधारण न कर पाने के कारण अपशब्दों का सामना करना पड़ सकता है।
    • इनफर्टिलिटी के लक्षण दिखने पर अगर महिला कंसीव नहीं कर पा रही है, तो कपल को हेल्थ चेकअप करवाना चाहिए। इससे परेशानी की जानकारी मिलेगी और इलाज बेहतर तरीके से किया जा सकेगा क्योंकि इनफर्टिलिटी के लक्षण और कारणों को समझना जरूरी है।

      इन बातों पर भी दें ध्यान

      1. अगर आप बेबी प्लानिंग कर रहें और कंसीव नहीं कर पा रहीं हैं तो सबसे पहले डॉक्टर से मिलें।
      2. प्रतिदिन संतुलित आहार लें।
      3. वक्त निकाल कर योग या व्यायाम करें।

    इन परेशानियों के साथ-साथ अन्य परेशानी हो सकती हैं, लेकिन कई बार यह भी देखा जाता है कि ऐसे मामलों में महिलाएं आपने आपको ज्यादा दोष देती हैं या उन पर ही इनफर्टाइल होने का आरोप लगाया जाता है। ऐसी स्थिति में तनाव काम करना चाहिए क्योंकि तनाव भी बांझपन का कारण हो सकता है और इस समस्या को और बढ़ा सकता है। अगर आप इनफर्टिलिटी के लक्षण से जुड़े किसी तरह के सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।

    उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और इनफर्टिलिटी से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

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