के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar
जब शिशु का जन्म वजायना से न होकर लोअर अब्डॉमेन से सर्जरी की मदद से हो तो इसे सिजेरियन डिलिवरी (C-section) कहते हैं, लेकिन यही सिजेरियन डिलिवरी कुछ कपल्स पहले से तय कर लेते हैं बिना किसी शारीरिक परेशानी या मेडिकल कंडीशन के बावजूद तो इस तरह की सिजेरियन डिलिवरी को इलेक्टिव सी-सेक्शन कहते हैं। इलेक्टिव सी-सेक्शन, प्लांड सी-सेक्शन (पूर्व नियोजित सिजेरियन डिलिवरी) भी कहते हैं।
नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (NCBI) के अनुसार इन दिनों ज्यादा से ज्यादा महिलाएं डिलिवरी के लिए इलेक्टिव सी-सेक्शन प्लान करती हैं। रिसर्च के अनुसार महिलाओं का मानना है कि सिजेरियन डिलिवरी नॉर्मल (वजायनल) डिलिवरी की तुलना में ज्यादा सुरक्षित है। हालांकि, पहले के मुकाबले अब सी-सेक्शन ज्यादा सेफ माना जाता है।
इलेक्टिव सी-सेक्शन विकल्प प्रायः दो कारणों से अक्सर महिलाएं चुनती हैं।
1. मेडिकल कारण
2. नॉन-मेडिकल कारण
गर्भावस्था के दौरान मां और शिशु की सेहत को ध्यान में रखकर डॉक्टर डिलिवरी से जुड़ी अपनी राय देते हैं। इसके साथ ही निम्नलिखित मेडिकल कंडीशन के कारण सिजेरियन डिलिवरी का निर्णय लेते हैं। इन मेडिकल कंडीशन में शामिल है
पहली डिलिवरी के दौरान 20 घंटे या इससे ज्यादा समय तक लेबर पेन रहने के कारण या दूसरी प्रेग्नेंसी के दौरान 14 घंटे तक लेबर पेन रहने की स्थिति में डॉक्टर सी-सेक्शन से डिलिवरी का निर्णय लेते हैं।
बेबी की डिलिवरी के दौरान सिर सबसे पहले बाहर आना चाहिए। अगर शिशु की पुजिशन ब्रीच (उल्टा) है, तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर सिजेरियन डिलिवरी का निर्णय लेते हैं।
गर्भ में पल रहे शिशु को ऑक्सिजन की कमी होने पर डॉक्टर इमर्जेंसी में सी-सेक्शन से बेबी की डिलिवरी करते हैं।
गर्भ में पल रहे शिशु के ब्रेन या हार्ट संबंधी कोई परेशानी होती है, तो भी सिजेरियन डिलिवरी का सहारा लिया जाता है। इससे नवजात का इलाज आसानी से किया जा सकता है।
पहले हुए सी-सेक्शन के कारण दूसरी नॉर्मल डिलिवरी (वजायना डिलिवरी) हो सकती है। हालांकि ऐसा सभी गर्भवती महिलाओं के केस में नहीं होता है। डिलिवरी का निर्णय हेल्थ एक्सपर्ट सिचुएशन देखकर करते हैं।
अगर गर्भवती महिला किसी शरीरिक परेशानी या बीमारी जैसे जेस्टेशनल डायबिटज से ग्रसित है तो वजायनल डिलिवरी से उनकी परेशानी बढ़ सकती ऐसे में सिजेरियन डिलिवरी बेहतर विकल्प माना जाता है। यही नहीं अगर गर्भवती महिला HIV या जेनाइटल हर्पीस या फिर कोई ऐसी समस्या जो वजायनल डिलिवरी के कारण बच्चों में ट्रांसमिट हो सकती है तो भी सिजेरियन डिलिवरी ही एक मात्र डिलिवरी के लिए ऑप्शन है।
शिशु के जन्म के पहले अगर अंबिलिकल कॉर्ड पहले बाहर आने लगती है तो इस स्थिति को कॉर्ड प्रोलैप्स कहते हैं। इस दौरान भी सिजेरियन डिलिवरी की जाती है।
गर्भवती महिला का पेल्विस सामान्य से छोटा होना सेफेलोपेल्विक डिस्प्रोपोरशन (CPD) कहलाता है। ऐसा होने पर वजायनल डिलिवरी संभव नहीं हो पाती है। इसलि CPD के कारण सी-सेक्शन से बेबी की डिलिवरी की जाती है।
मल्टीपल बर्थ (एक गर्भ में एक साथ एक से ज्यादा शिशु) के कारण भी सी-सेक्शन से डिलिवरी की जाती है।
और पढ़ें: प्रेग्नेंसी के दौरान डांस करने से होते हैं ये 11 फायदे
इलेक्टिव सी-सेक्शन निम्नलिखित कारणों से भी किए जा सकते हैं। इनमें शामिल हैं।
इलेक्टिव सी-सेक्शन से शिशु का जन्म अपने इच्छा अनुसार किया जा सकता है, लेकिन इससे मां और शिशु दोनों को कुछ परेशानी हो सकती है।
और पढे़ं : डिलिवरी के वक्त दिया जाता एपिड्यूरल एनेस्थिसिया, जानें क्या हो सकते हैं इसके साइड इफेक्ट्स?
अगर आप सिजेरियन डिलिवरी प्लान करते समय पसंदीदा डेट के बारे में सोच रही हैं तो ऐसा भी हो सकता है। कई बार कोई परेशानी के न होने पर डॉक्टर 39वें सप्ताह के बाद आपकी पसंदीदा दिन पर सिजेरियन कर सकते हैं। यदि प्रेग्नेंसी पीरियड में कोई समस्या होती है तो तय समय पर सिजेरियन करना मुश्किल हो जाता है। भले ही आप सी-सेक्शन बर्थ प्लान करते समय बहुत एक्साइटेड हो, लेकिन एक बात जरूर सुनिश्चित करें कि आपकी प्राथमिकता हेल्दी बच्चा है। सी-सेक्शन बर्थ प्लान आपके अनुसार नहीं हो पाया है तो परेशान न हो।
और पढ़ें: गर्भावस्था में कार्पल टनल सिंड्रोम की समस्या से कैसे बचें?
इलेक्टिव सिजेरियन यानी पहले से तय सिजेरियन कुछ परिस्थितयों के चलते किया जाता है। इलेक्टिव सिजेरियन लेबर पेन के पहले किया जाता है। अगर महिला के,
और पढे़ं : डिलिवरी के बाद क्यों होती है कब्ज की समस्या? जानिए इसका इलाज
और पढे़ं : डिलिवरी के बाद बॉडी को शेप में लाने के लिए महिलाएं करती हैं ये गलतियां
अगर आपका सिजेरियन इलेक्टिव है तो आप सी-सेक्शन बर्थ प्लान कर सकती हैं। इसके लिए आपको डॉक्टर से बात करनी चाहिए जैसे कि-
अगर आप बच्चे को पैदा होते हुए देखना चाहती हैं तो इसके लिए स्क्रीन की जरूरत पड़ेगी। आपको इसके लिए हॉस्पिटल में पहले से बात करनी होगी।
सी-सेक्शन के लिए तारीख चुनना हमेशा संभव नहीं हो पाता है। इसलिए इलेक्टिव सी-सेक्शन से बेबी डिलिवरी प्लान कर रहीं हैं तो इसके बारे में प्लान करने से पहले जरूर समझें। अगर आप इलेक्टिव सी-सेक्शन से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।
डिस्क्लेमर
हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।
के द्वारा मेडिकली रिव्यूड
Dr Sharayu Maknikar