पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज से पीड़ित ज्यादातर महिलाओं को सिर्फ आउट पेशेंट ट्रीटमेंट की जरूरत होती है। हालांकि, अगर कोई गंभीर रूप से बीमार है, गर्भवती है या ओरल दवाईयां नहीं ले सकती है, तो आपको अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता पड़ सकती है। इस रोग के होने की स्थिति में सर्जरी की जरूरत बहुत कम होती है। अगर कोई फोड़ा बन जाता है तो डॉक्टर इसे निकाल सकते हैं। लेकिन, अगर एंटीबायोटिक उपचार से कोई असर नहीं होता है या अगर इस रोग के एक से अधिक लक्षण दिखाई देते हैं, तो इस स्थिति में सर्जरी की जरूरत हो सकती है।
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घरेलू उपाय
- कंडोम का प्रयोग करें: सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज से बचने के लिए कंडोम सबसे अच्छा तरीका है। जन्म नियंत्रण के अन्य उपाय जैसे बर्थ कंट्रोल पिल्स, शॉट्स, इम्प्लांट आदि सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज नहीं बचा सकते।
- टेस्ट कराएं : समय-समय पर सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज से बचने के लिए अपना और अपने पार्टनर का टेस्ट कराएं। शारीरिक संबंध बनाने से पहले अपने पार्टनर से टेस्ट के परिणाम के बारे में पूछें। सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज से बचाव ही पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज से बचाव है।
- एक ही पार्टनर : एक ही पार्टनर के साथ संबंध बनाने से सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज की संभावना कम होती है। सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज के टेस्ट के बाद अपने पार्टनर के साथ ईमानदार रहें।
- डाउचिंग से बचे : डाउचिंग योनि में उन सामान्य बैक्टीरिया को दूर करते हैं जो इन्फेक्शन से सुरक्षित रखते हैं। डाउचिंग आपके गर्भाशय, अंडाशय, और फैलोपियन ट्यूब जैसे अन्य क्षेत्रों में बैक्टीरिया को ले जाने में मदद करके पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज के जोखिम को बढ़ा सकती है।
- अल्कोहल या ड्रग से बचे: पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज से बचने के लिए अधिक एल्कोहल या ड्रग्स का प्रयोग करने से बचे।
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