जानिए मूल बातें
क्या है एल्बुमिन (Albumin)?
एल्बुमिन टेस्ट, खून की जांच के लिए एक टेस्ट होता है। जिसके जरिए लीवर की बीमारी का इलाज करने के लिए खून में प्रोटीन एल्बुमिन की मात्रा की जांच की जाती है।
एल्बुमिन एक प्रोटीन होता है (जिसे प्रोटीन भी कहा जाता है) जो लीवर में बनता है। एल्बुमिन शरीर में कुल प्रोटीन का 60% हिस्सा होता है। खून में एल्बुमिन का मुख्य उपयोग कोलाइडल आसमाटिक दबाव को बनाए रखना होता है, जो ब्लड वेज़ल पड़े पानी को रोकने में मदद करता है। इसके अलावा, एल्बुमिन शरीर के चारों ओर खून में महत्वपूर्ण घटक, जैसे दवाएं, हार्मोन और एंजाइम के प्रवाह को बेहतर तरीके से काम करने में मदद करता है।
एल्बुमिन को लीवर में इक्ठ्ठा होता है, इसलिए यह लीवर के कार्य करने का आकलन बताता है। जब कोई बीमारी लीवर की कोशिकाओं को प्रभावित करती है, तो लीवर की कोशिकाएं एल्बुमिन को इक्ठ्ठा करने की क्षमता खो देती हैं। जिसके कारण खून में एल्बुमिन का स्तर बहुत कम हो जाता है। फिर भी लीवर से एल्बुमिन की मात्रा कम घटने में 12 से 18 दिनों का समय लगता है। इसके शुरूआती चरण में लीवर पर नुकसानदेह प्रभाव देखा जा सकता है।
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एल्बुमिन टेस्ट क्यों किया जाता है?
जब आप अस्पताल में भर्ती होते हैं तो खून में एल्बुमिन प्रोटीन की मात्रा की नियमित जांच कराना जरूरी होता है।
लीवर में किसी बीमारी होने के अलावा, अगर आप कुपोषित हैं, खासकर किसी सर्जरी के बाद तो प्लाज्मा एल्बुमिन का स्तर खून में काफी कम हो जाता है। स्वास्थ्य की स्थिति जैसे जलन, आंतों के रोग और मूत्र प्रोटीन के कारण होने वाले रोग भी खून में एल्बुमिन का स्तर कम कर सकते हैं, भले ही आप पर्याप्त प्रोटीन का सेवन करते हों।
यह टेस्ट आमतौर पर निम्नलिखित मामलों में किया जाता है:
- क्या लीवर और किडनी अपना काम अच्छे से कर रहें हैं,
- क्या आपके आहार में पर्याप्त नाइट्रोजन होता है,
- टखनों में सूजन, पेट में तरल पदार्थ का निर्माण, फेफड़ों में द्रव का निर्माण।
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टेस्ट कराने से पहले जानने योग्य बातें
एल्बुमिन टेस्ट करने से पहले मुझे क्या पता होना चाहिए?
निम्नलिखित कारक प्रोटीन एल्बुमिन टेस्ट के परिणामों को प्रभावित कर सकते हैं:
- टेस्ट करते समय एल्बुमिन की मात्रा बढ़ाने के लिए लंबे समय तक एक टूर्निकेट (रक्त-रोधी, एक यंत्र जिसमें पेच कसने से धमनियों से खून बहना बंद हो जाता है) लागू करना।
- संक्रामण हिस्से के पास से खून का नमूना लेना, जिसके कारण एल्बुमिन का सबसे निम्न स्तर मिल सकता है।
- ऐसी दवाएं जो एल्बुमिन के असर को प्रभावित कर सकती हैं, जैसे एनाबॉलिक स्टेरॉयड, एण्ड्रोजन, डेक्सट्रान, ग्रोथ हार्मोन की दवाएं, इंसुलिन, फेनाज़ोपाइरीडीन और प्रोजेस्टेरोन युक्त दवाएं।
- ऐसी दवाएं जिनके कारण एल्बुमिन की खुराक के स्तर को कम कर सकती हैं, जैसे अमोनियम आयन, एस्ट्रोजेन, हेपेटोटॉक्सिक ड्रग्स और गर्भनिरोधक गोलियां।
- यह ध्यान रखना चाहिए कि डिहाइड्रेशन के रोगियों में एल्बुमिन की सांद्रता वास्तविकता से अधिक बढ़ सकती है।
यह महत्वपूर्ण है कि यह सर्जरी कराने से पहले इससे जुड़ी सभी चेतावनियों और सावधानियों को समझ लें। अगर आपके कोई प्रश्न हैं, तो कृपया अधिक जानकारी और निर्देशों के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
जानिए क्या होता है
एल्बुमिन की तैयारी कैसे करें?
प्रोटीन एल्बुमिन का परीक्षण करने से पहले, डॉक्टर आपके स्वास्थ्य की जांच करेंगे। जिसके लिए आप अपने डॉक्टर से पूछ सकते हैं कि इस टेस्ट के लिए आपको कैसी तैयारी करनी चाहिए।
ऊपर बताई गई कुछ दवाएं हैं जो टेस्ट के परिणामों को प्रभावित कर सकती हैं। इसस समस्या से बचने के लिए अपने चिकित्सक को उन सभी दवाओं के बारे में बताएं जिनका आप सेवन करते हैं।
टेस्ट कराते समय आपको छोटी आस्तीन के कपड़े पहनने चाहिए ताकि नर्स आसानी से आपकी बांह से खून का नमूना ले सके।
एल्बुमिन के दौरान क्या होता है?
इस टेस्ट को करने के लिए, डॉक्टर करेंगे:
- कीटाणुरहित खून का नमूना लेने के लिए इंजेक्शन लगाने वाले स्थान पर दवा लगाएंगे।
- खून के बहाव को रोकने के लिए हाथ के चारों ओर पट्टी बाधना।
- नस में इंजेक्शन लगाएं। अगर जरूरत होगी तो 1 से अधिक बार इंजेक्शन लगा सकते हैं।
- खून का नमूना लेने के बाद हाथ के चारो तरफ बांधी पट्टी को खोल देंगे।
- इंजेक्शन लगाए गए प्वाइंट पर कॉटन का टुकड़ा रख देंगे।
- जिसे तुरंत ही उस स्थान पर रगड़ना होगा।
मूत्र परीक्षण के लिए, आपको यह निर्देश दिए जा सकते हैं:
- 24 घंटे के भीतर मूत्र एकत्र करें।
- मल से संक्रमित होने वाले मूत्र से बचें।
- सैंपल में टॉयलेट पेपर न डालें।
- मूत्र के नमूने को 24 घंटे के लिए रेफ्रिजरेटर में रखें।
- 24 घंटे पूरे होने के पहले आखिरी बार अंत में मूत्र का नमूना लें।
एल्बुमिन के बाद क्या होता है?
इंजेक्शन लगाते समय आपको दर्द महसूस नहीं होगा। हालांकि, कुछ लोगों को सुई चुभने का एहसास हो सकता है। लेकिन जब सुई नस में होती है और खून लेती है, तब अधिकांश लोगों को दर्द महसूस नहीं होता है। डॉक्टर या नर्स टेस्ट के लिए खून लेंगे। इस दौरान आपको दर्द का एहसास होगा या नहीं यह आपकी संवेदनशीलता और डॉक्टर या नर्स के काम पर निर्भर करती है।
खून लेने के बाद, सुई लगाए गए स्थान से खून के बहाव को रोकने के लिए उस जगह पर थोड़ा दवाब बनाना होगा जिससे खून बहना बंद हो जाए। जिसके बाद आप घर जा सकते हैं।
अगर एल्बुमिन के बारे में आपका कोई प्रश्न हैं, तो अपने निर्देशों को बेहतर ढंग से समझने के लिए अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
परिणामों को समझें
मेरे परिणामों का क्या मतलब है?
सामान्य परिणाम:
वयस्क/बुजुर्ग:
- कुल प्रोटीन 6,4-8,3 g/dL या 64-83 g/L (SI units)
- एल्बुमिन 3,5-5 g/dL या 35-50 g/L (SI units)
- ग्लोब्युलिन 2,3-3,4g/dL
- अल्फा1 ग्लोब्युलिन: 0,1-0,3 g/dL या 1-3 g/L (SI units)
- अल्फा2 ग्लोब्युलिन: 0,6-1 g/dL या 610 g/L (SI unites)
- बीटा ग्लोब्युलिन: 0,7-1,1 g/dL या 7-11 g/L (đơn vị SI)
बच्चे:
कुल प्रोटीन एल्बुमिन
- प्रीटरम शिशु 4,2-7,6 g/dL 3-4,2 g/dL
- नवजात शिशु 4,6-7,4 g/dL 3,5-5,4 g/dL
- शिशु 6-6,7 g/dL 4,4-5,4 g/dL
- बच्चे 6,2-8 g/dL 4-5,9 g /dL
यह भी पढ़ें :
उच्च एल्बुमिन के परिणाम
खून में उच्च एल्बुमिन के कारण हो सकता है:
- निर्जलीकरण
- प्रोटीन आहार
- लंबे समय तक रक्तदान या हाल ही में कराए गए खून के टेस्ट में टूर्निकेट लागू करना
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कम एल्बुमिन के परिणाम
खून में कम एल्बुमिन के कारण हो सकता है:
- कुपोषण की समस्या
- किडनी की बीमारी
- लीवर की बीमारी
- ल्यूपस या रुमेटीइड गठिया जैसे ऑटोइम्यून विकारों की बीमारी
- आंतों के रोग
- हॉजकिन लिंफोमा
- हाइपोथायरायडिज्म (थायराइड हार्मोन के उत्पादन में कमी)
- ह्रदय का रुक जाना।
जिस भी लैब या अस्पताल से आप यह टेस्ट कराते हैं उसके आधार पर, एल्बुमिन की सामान्य सीमा भिन्न हो सकती है। अगर टेस्ट के परिणामों से जुड़ा आपका कोई सवाल है तो कृपया अपने चिकित्सक से चर्चा करें।
उपरोक्त दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से जरूर जानकारी लें।
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