के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
प्रोस्टेट एंटीजन टेस्ट (PSA) आपके रक्त में PSA का स्तर मापता है। प्रोस्टेट एक छोटी ग्रंथि है, जो पुरुष प्रजनन प्रणाली का हिस्सा है। यह ब्लैडर के नीचे स्थित होता है और एक तरल पदार्थ बनाता है जो वीर्य का हिस्सा है।
पीएसए प्रोस्टेट द्वारा बनाया गया पदार्थ है। आमतौर पर पुरुषों के रक्त में पीएसए का स्तर कम होता है। उच्च पीएसए स्तर प्रोस्टेट कैंसर का संकेत हो सकता है। यह अमेरिकी पुरुषों को प्रभावित करने वाला सबसे आम नॉन-स्किन कैंसर है। लेकिन उच्च पीएसए स्तर हमेशा कैंसरस नहीं होता यह अन्य स्थितियों जैसे, संक्रमण या बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया, प्रोस्टेट के नॉन कैंसरस विकास के कारण भी बढ़ सकता है।
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PSA टेस्ट प्रोस्टेट कैंसर की जांच के लिए किया जाता है। आपको PSA टेस्ट करवाना होता है यदि आपको प्रोस्टेट कैंसर का संभावित खतरा है, जिसमें शामिल है-
आपको PSA टेस्ट करवाने की ज़रूरत पड़ सकती है यदि-
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PSA टेस्ट से पहले अपने डॉक्टर से इसके फायदे, सीमाएं और उससे जुड़े जोखिमों पर चर्चा कर लें।
टेस्ट के फायदे
PSA टेस्ट से प्रोस्टेट कैंसर का शुरुआती स्तर पर ही पता लगाया जा सकता है। जल्दी पता लगाने से इलाज में आसानी होती है और यह पूरी तरह से ठीक हो सकता है।
मगर इसके फायदे को जज करने से पहले यह जानना महत्वपूर्ण है कि क्या पहले पता लगाने और इलाज से उपचार के परिणामों में सुधार आता है और इससे प्रोस्टेट कैंसर से होने वाली मौत की संख्या में कमी आएगी।
प्रोस्टेट कैंसर के साथ मुख्य समस्या यह है कि यह धीरे-धीरे विकसित होता है। जिससे परेशानी बढ़ती जाती है और काफी वक्त के बाद बीमारी समझ आती है।
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टेस्ट की सीमाएं
संभावित जोखिम
पीएसए परीक्षण के संभावित जोखिम आपके द्वारा परीक्षण के परिणामों के आधार पर चुने हुए विकल्पों से संबंधित हैं, जैसे कि प्रोस्टेट कैंसर के लिए आगे के परीक्षण और उपचार से गुजरना। जोखिमों में शामिल हैं:
प्रोस्टेट एंटीजन टेस्ट के लिए कैसे तैयारी करें?
PSA टेस्ट से 24 घंटे पहले सेक्स या मास्टरबेशन से परहेज करें, क्योंकि वीर्य के स्राव से PSA लेवल बढ़ सकता है।
आपकी बांह की नस से ब्लड सैंपल लिया जाता है। नस में सुई लगाकर रक्त की थोड़ी मात्रा ट्यूब में इकट्ठी की जाती है। सुई लगाने पर आपको चींटी काटने जैसा महसूस होगा। इसमें 5 मिनट से भी कम समय लगता है।
इस टेस्ट के बाद किसी खास तरह की देखभाल की जरूरत नहीं होती है। यदि डॉक्टर ने कोई दिशानिर्देश नहीं दिया है तो आप अपनी दिनचर्या शुरू कर सकते हैं।
प्रोस्टेट एंटीजन टेस्ट से जुड़े किसी सवाल और इसे बेहतर तरीके से समझने के लिए, कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
ब्लड में कोई सामान्य या असामान्य PSA स्तर नहीं होता है। हर समय के अनुसार व्यक्ति में इसका स्तर बदलता रहता है। पहले, अधिकांश डॉक्टर 4.0 ng/mL से कम PSA स्तर को सामान्य मानते थे। इसलिए यदि किसी वयक्ति का PSA स्तर 4.0 ng/mL से अधिक होता था तो डॉक्टर प्रोस्टेट बायोप्सी की सलाह देते थें ताकि कैंसर की मौजूदगी का पता लगाया जा सके।
हालांकि, हाल ही में हुए अध्ययनों के मुताबिक, कुछ पुरुष जिन्हें प्रोस्टेट कैंसर है उनका PSA स्तर 4.0 ng/mL से कम है और कुछ पुरुषो में इसका स्तर इससे अधिक है, लेकिन उन्हें कैसर नहीं है। इसके अतिरिक्त अन्य कई कारक पुरुषों के PSA स्तर को घटाने-बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होते हैं। उदाहरण के लिए प्रोस्टेटाइटिस या यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन होने पर PSA स्तर बढ़ जाता है। प्रोस्टेट बायोप्सी और प्रोस्टेट सर्जरी भी PSA स्तर को बढ़ा देती है।
सामान्य PSA स्तर के लिए पहले किए गए अध्ययनों के साथ एक समस्या यह है कि यह अधिकांशतः गोरे लोगों पर किया गया। विशेषज्ञों की राय इस मुद्दे पर अलग हो सकती है, लेकिन प्रोस्टेट बायोप्सी की सलह देने के लिए सामान्य PSA स्तर क्या होना चाहिए इस बारे में कोई एक मत नहीं है।
आमतौर पर PSA स्तर जितना अधिक होता है, कैंसर की संभावना उतनी ज़्यादा होती है। इसके अलावा समय के साथ यदि किसी का PSA स्तर बढ़ रहा है तो यह कैंसर का संकेत हो सकता है।
यदि किसी वयक्ति में प्रोस्टेट कैंसर का कोई लक्षण नहीं है, लेकिन वह प्रोस्टेट कैंसर की जांच से गुजरता है और और उसका PSA स्तर अधिक रहता है तो, डॉक्टर पुष्टि के लिए दोबारा टेस्ट की सलाह देगा। यदि फिर भी PSA स्तर अधिक है तो, डॉक्टर समय के साथ किसी भी बदलाव को देखने के लिए नियमित अंतराल पर प्रोस्टेट एंटीजन टेस्ट और डीआरई किया जाता रहेगा।
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन की जांच के लिए यूरिन टेस्ट की सलाह दी जाएगी। इमेजिंग टेस्ट के लिए ट्रांस्रेक्टल अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे और सिस्टोस्कोपी की सलाह दे सकता है।
यदि प्रोस्टेट कैंसर का संदेह है, तो डॉक्टर प्रोस्टेट बायोप्सी की सलाह देगा। इस प्रक्रिया के दौरान प्रोस्टेट में सुई डालकर प्रोस्टेट टिशू के कई सैंपल निकाले जाते हैं। सुई रेक्टम की दीवार के जरिए डाली जाती है। इसके बात पैथोलॉजिस्ट निकाले गए टिशू की माइक्रोस्कोप के नीचे जांच करता है।
बायोप्सी के दौरान प्रोस्टेट को देखने के लिए डॉक्टर अल्ट्रासाउंड का इस्तेमाल कर सकता है, लेकिन कैंसर का पता सिर्फ अल्ट्रासाउंड से नहीं लगाया जा सकता।
सभी लैब और अस्पताल के आधार पर प्रोस्टेट एंटीजन टेस्ट (PSA) की सामान्य सीमा अलग-अलग हो सकती है। परीक्षण परिणाम से जुड़े किसी भी सवाल के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
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