परिचय
टेस्टिकुलर अल्ट्रासाउंड (Testicular Ultrasound) क्या है?
टेस्टिकुलर अल्ट्रासाउंड अंडकोष से संबंधित परिक्षण है। जिसका मुख्य उद्देश्य अंडकोष यानि कि टेस्टिकल (Testicles) संबंधित समस्याओं की जांच करना है। इसमें उच्च-आवृत्ति ध्वनि तरंगों (high-frequency sound waves) के जरिए अंडकोष और आसपास के ऊतकों की तस्वीरें निकाली जाती है। जिससे अंडकोष, अंडकोष की थैली (scrotum) और उसमें उपस्थित नसों की विस्तृत तस्वीर ली जाती है। इस टेस्ट को डॉक्टर्स स्क्रॉटल अल्ट्रासाउंड भी कहते हैं।
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टेस्टिकुलर अल्ट्रासाउंड (Testicular Ultrasound) क्यों किया जाता है?
टेस्टिकुलर अल्ट्रासाउंड को विभिन्न तरह की समस्याओं की जांच के करने को कहा जाता है, जैसे- वृषण में मरोड़ (testicular torsion), अंडकोष में कैंसर और एपिडिडिमिटीस । डॉक्टर तब भी टेस्टिकुलर अल्ट्रासाउंड कराने के लिए कहते हैं जब आपके अंडकोष के थैले में सूजन और दर्द होता है। ऐसे में टेस्टिकुलर अल्ट्रासाउंड कैंसर की समस्या को बताने में मदद करता है। इससे सिस्ट या ट्यूमर के बारे में पता लगाया जा सकता है। इस टेस्ट से ये पता लगाया जा सकता है कि स्क्रॉटम में खून का प्रवाह सही से हो रहा है या नहीं।
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महत्वपूर्ण जानकारी
टेस्टिकुलर अल्ट्रासाउंड (Testicular Ultrasound) करवाने से पहले मुझे क्या पता होना चाहिए?
टेस्टिकुलर अल्ट्रासाउंड सभी के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है। टेस्टिकुलर अल्ट्रासाउंड से आपको किसी तरह की कोई समस्या नहीं होगी। इस प्रक्रिया में विकिरण नहीं निकलती है, बल्कि ध्वनि के सहारे से ये टेस्ट किया जाता है। अगर आपके वृषण में मरोड़ या संक्रमण हुआ है तो टेस्ट करते वक्त आपको थोड़ा असहज महसूस हो सकता है।
प्रक्रिया
टेस्टिकुलर अल्ट्रासाउंड के लिए मुझे खुद को कैसे तैयार करना चाहिए?
टेस्टिकुलर अल्ट्रासाउंड के पहले आपको कोई तैयारी करने की जरूरत नहीं है। ये टेस्ट कराने से पहले आपको ब्लैडर को फुल करने की भी जरूरत नहीं है। इसके अलावा आप पहले से अगर कोई दवा ले रहे हैं तो डॉक्टर को जरूर बताएं। क्योंकि कुछ दवाएं जांच को प्रभावित कर सकती हैं। लेकिन यह बहुत ही रेयर है।
टेस्टिकुलर अल्ट्रासाउंड में होने वाली प्रक्रिया क्या है?
टेस्टिकुलर अल्ट्रासाउंड को करने में लगभग 30 से 45 मिनट का समय लगता है। अल्ट्रासाउंड की प्रक्रिया के दौरान ऑपरेटर आपको एक करवट लेटा देंगे। इसके बाद अल्ट्रासाउंड की प्रक्रिया शुरू करते हैं। अल्ट्रासाउंड हाथों से संचालित करने वाली एक छोटी सी मशीन, जिसे ट्रांसड्यूसर कहते हैं और ये ही तस्वीरें निकालता है। डॉक्टर वॉटर-बेस्ड जेल को स्क्रॉटम यानी की अंडकोष पर लगाते हैं। ऐसा करने से त्वचा और ट्रांसड्यूसर के बीच अच्छा संपर्क बन सके और तस्वीरें साफ-साफ आ सके। इसके बाद ऑपरेटर स्क्रॉटम पर ट्रांसड्यूसर को घुमाते हैं। जिससे पास में रखे मॉनिटर पर तस्वीरें आने लगती हैं। परीक्षण पूरी तरह होने के बाद ऑपरेटर स्क्रॉटम पर लगाए हुए जेल को पोछ कर साफ कर देते हैं।
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टेस्टिकुलर अल्ट्रासाउंड (Testicular Ultrasound) के बाद क्या होता है?
टेस्टिकुलर अल्ट्रासाउंड करने के बाद आप तुरंत सामान्य हो जाएंगे। आप चाहे तो तुरंत घर जा सकते हैं। किसी भी तरह की समस्या होने पर आप हेल्थ प्रोफेशनल से तुरंत बात करें। टेस्टिकुलर अल्ट्रासाउंड का रिजल्ट आपको टेस्ट कराने के तुरंत बाद ही मिल जाएगा।
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रिजल्ट
टेस्टिकुलर अल्ट्रासाउंड के रिजल्ट का क्या मतलब है?
वहीं, बता दें कि टेस्टिकुलर अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट हॉस्पिटल और लैबोरेट्री के तरीकों पर निर्भर करती है। इसलिए आप अपने डॉक्टर से टेस्ट रिपोर्ट के बारे में अच्छे से समझ लें।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
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