प्रेग्नेंसी की शुरुआत शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं, जो हर गर्भवती महिला के लिए परेशानी पैदा करती है। प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाली परेशानी जैसे मूड स्विंग, मोशन सिकनेस या थकावट महसूस होना। इन्हीं कई परेशानी में एक परेशानी है रैश (Rash) की। नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार भारत में प्रेग्नेंसी के दौरान तकरीबन 90 प्रतिशत महिलाएं स्किन से जुड़ी परेशानियों को शिकार हो जाती हैं। स्किन प्रॉब्लेम (Skin problem) भी अलग-अलग तरह के होते हैं और ऐसी ही स्किन डिजीज है प्रेग्नेंसी में रैश (Rash during Pregnancy)। आज इस आर्टिकल प्रेग्नेंसी रैश (Pregnancy Rash) से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां आपके साथ शेयर करने जा रहें हैं।
- रैश की समस्या क्या है?
- प्रेग्नेंसी में रैश के कारण क्या हो सकते हैं?
- प्रेग्नेंसी रैश कितने तरह के होते हैं?
- प्रेग्नेंसी रैश का इलाज कैसे किया जाता है?
- गर्भवती महिला को रैश की समस्या होने पर डॉक्टर से कब कंसल्ट करना चाहिए?
चलिए अब प्रेग्नेंसी रैश (Pregnancy Rash) से जुड़े इन सभी सवालों का जवाब जानते हैं।
रैश की समस्या (Rash problem) क्या है?
गर्भावस्था में रैश की समस्या सामान्य मानी जाती है। स्किन पर रैश छोटे-छोटे दाने की तरह नजर आते हैं। ये दाने किसी कीड़े के काटने या मच्छर के काटने जैसे भी नजर आ सकते हैं। गर्भावस्था में रैश (Pregnancy Rash) के कई कारण भी हो सकते हैं, जिनके बारे में आर्टिकल में आगे समझेंगे।
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प्रेग्नेंसी में रैश के कारण क्या हो सकते हैं? (Cause of Pregnancy Rash)
प्रेग्नेंसी रैश (Rash During Pregnancy) के एक नहीं बल्कि कई कारण हो सकते हैं। दरअसल ज्यादा गर्मी होने पर शरीर से ज्यादा मात्रा में पसीना निकलता है। कई बार पोर्स में पसीने की नलिकाएं बंद हो जाती हैं, जिससे त्वचा के नीचे पसीना बाहर नहीं आ पाता है। प्रेग्नेंसी के दौरान रैश एक ट्रिगर के तौर पर काम कर सकता है। ज्यादा गर्मी पड़ने पर पसीना जब बाहर नहीं निकल पाता है या फिर त्वचा ज्यादा रगड़ पड़ता है, तो स्किन में छोटे-छोटे दाने निकल आते हैं। अक्सर लोगों को इनमें खुजली महसूस होती है। प्रेग्नेंसी रैश (Pregnancy Rash) या फिर प्रेग्नेंसी के दौरान रैश (Rash during pregnancy) की समस्या भी अलग-अलग प्रकार की होती है।
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प्रेग्नेंसी रैश कितने तरह के होते हैं? (Types of Pregnancy Rash)
प्रेग्नेंसी में रैश निम्नलिखित तरह के अलग-अलग हो सकते हैं। जैसे:
- हाइव्स या पित्ती (Hives) की समस्या होना।
- प्रुरिगो (Prurigo) की समस्या होना।
- प्रुरिटिक फॉलिकुलिटिस (Pruritic folliculitis) की समस्या होना।
- प्रुरिटिक अर्टिकेरियल पैपुल्स और प्लाक ऑफ प्रेग्नेंसी (Pruritic urticarial papules and plaques of pregnancy) की समस्या होना।
- हर्पिस जेस्टेशन (Herpes gestationis) की समस्या होना।
- इम्पेटिगो हर्पेंटीफॉर्मिस (Impetigo herpetiformis) की समस्या होना।
- हीट रैश (Heat rash) की समस्या होना।
- कोलेस्टेसिस (Cholestasis) की समस्या होना।
गर्भावस्था में रैश (Pregnancy Rash) के ये सभी प्रकार देखी जा सकती है। अगर प्रेग्नेंसी के दौरान किसी भी प्रकार के रैश या खुजली (Rash or Itching) की समस्या महसूस होती है, तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए। स्किन प्रॉब्लेम (Skin problem) को इग्नोर करना आपक परेशानी को बढ़ा सकती है।
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प्रेग्नेंसी रैश का इलाज कैसे किया जाता है? (Treatment for Pregnancy Rash)
प्रेग्नेंसी रैश का इलाज सबसे पहले घरेलू उपायों (Home remedies for Pregnancy Rash) से किया जाता है, जो इस प्रकार हैं-
- रैश पर हल्के हाथों से ओटमील (Oatmeal) लगाएं और फिर स्नान करें।
- ठंडे पानी (Normal cold water) से स्नान करने की आदत डालें।
- फ्रेगरेंस वाले मॉइस्चराइजर (Fragrance Free Moisturizers) का इस्तेमाल ना करें।
- हल्के और कॉटन के कपड़े (Cotton cloths) पहनें।
- वैसे कपड़े ना पहनें जो बॉडी हगिंग (Body hugging) हो।
- अपने बम्प्स या रैशेज पर कोल्ड कंप्रेस का इस्तेमाल करें।
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अगर प्रेग्नेंसी रैश इन घरेलू उपाय से दूर ना हों, तो डॉक्टर से कंसल्ट करें। डॉक्टर निम्नलिखित दवाओं को प्रिस्क्राइब कर सकते हैं जिससे लाभ मिल सकता है। जैसे:
- रैश के साथ-साथ खुजली की समस्या होने पर एंटी-इच क्रीम (Anti-itch creams) के इस्तेमाल की सलाह दी जाती है।
- एंटीहिस्टामाइन की गोलियां (Antihistamine pills) प्रिस्क्राइब की जा सकती हैं।
- कॉर्टिकोस्टेरॉइड (Corticosteroids) प्रिस्क्राइब की जा सकती है।
नोट: प्रेग्नेंसी रैश की समस्या को दूर करने के लिए ज्यादातर क्रीम (Cream) ही प्रिस्क्राइब की जाती है। दवाओं का सेवन गर्भवती महिला एवं गर्भ में पल रहे शिशु को ध्यान में रखकर प्रिस्क्राइब किया जाता है। प्रेग्नेंसी में किसी भी तरह के दवा (Medication) का सेवन अपनी मर्जी से नहीं करना चाहिए ये गर्भ में पल रहे शिशु और मां दोनों की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं।
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गर्भवती महिला को रैश की समस्या होने पर डॉक्टर से कब कंसल्ट करना चाहिए? (Consult Doctor if-)
गर्भवती महिला को रैश की समस्या होने पर निम्नलिखित स्थितियों में डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए। जैसे:
- अचानक से स्किन पर ज्यादा खुजली (Skin itching) होने लगे।
- त्वचा पर रैश (Skin rash) तेजी से फैलने लगे।
- स्किन में सूजन (Swelling) आने लगे।
- रैश में पस (Pus) बनने लगे।
- इंफेक्शन (Infection) बढ़ने लगे।
- सांस लेने में तकलीफ (Breathing problem) होने लगे।
इन स्थितियों के साथ-साथ कोई अन्य शारीरिक परेशानी भी महसूस होने पर डॉक्टर से सलाह लें।
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प्रेग्नेंसी में रैश की समस्या होने पर ध्यान रखें कि गर्म वातावरण में ना रहें। बेहत होगा कि ताजी हवा के संपर्क में रहें। ऐसा करने से एवं घरेलू उपायों को अपनाने से प्रेग्नेंसी में रैश की समस्या से बचें रह सकते हैं। ओवर-द-काउंटर (OTC) मिलने वाली रैश क्रीम का इस्तेमाल भी किया जा सकता है, लेकिन आपको डॉक्टर से इस बारे में जानकारी जरूर लेनी चाहिए। डर्मेटोलॉजिस्ट आपको सही दवा का सेवन करने की सलाह देंगे और साथ ही आप उनसे अन्य उपायों के बारे में भी जानकारी ले सकते हैं। प्रेग्नेंसी में रैश (Rash during Pregnancy) या अन्य स्किन कंडिशन (Skin condition) होने पर डॉक्टर बीमारी को डायग्नोज करने के लिए टेस्ट कर सकते हैं। टेस्ट के दौरान डॉक्टर बाइल लेवल (Bile level) या इंफेक्शन (Infection) की जांच कर सकते हैं। एलर्जी टेस्ट के दौरान स्किन या ब्लड टेस्ट (Blood test) किया जाता है। इससे दाने के ट्रिगर के बारे में जानकारी मिल जाती है। डॉक्टर जरूरत पड़ने पर स्किन बायोप्सी (Skin biopsy) भी कर सकते हैं और फिर ट्रीटमेंट शुरू कर सकते हैं।
इस आर्टिकल में हमनें आपके साथ प्रेग्नेंसी रैश (Pregnancy Rash) की जानकारी शेयर की है। इसलिए इसके कारणों को ध्यान रखें वहीं अगर आप प्रेग्नेंसी या प्रेग्नेंसी रैश (Pregnancy Rash) से जुड़े किसी तरह के सवालों का जवाब जानना चाहते हैं, आप हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज पर कमेंट कर अपने सवालों को पूछ सकते हैं। हैलो स्वास्थ्य के हेल्थ एक्सपर्ट का जल्द से जल्द दवाब देंगे।
प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भवती महिला अपना ख्याल तो रखती हैं, लेकिन प्रेग्नेंसी के बाद भी गर्भवती महिला को अपने विशेष ख्याल रखना चाहिए। इसलिए नीचे दिए इस वीडियो लिंक पर क्लिक करें और एक्पर्ट से जानें न्यू मदर के लिए खास टिप्स यहां।
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