backup og meta

Deep Vein Thrombosis (DVT): डीप वेन थ्रोम्बोसिस क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और उपाय

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Mona narang द्वारा लिखित · अपडेटेड 17/05/2021

Deep Vein Thrombosis (DVT): डीप वेन थ्रोम्बोसिस क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और उपाय

परिचय

डीप वेन थ्रोम्बोसिस (Deep Vein Thrombosis) क्या है?

एक गंभीर स्थिति है। यह तब होती है जब शरीर के अंदर स्थित नस में ब्लड क्लॉट (Blood clot) बन जाता है। ब्लड क्लॉट ब्लड का एक थक्का होता है, जो ठोस अवस्था में बदल जाता है। ब्लड क्लॉट आंशिक या पूरी तरह से नस के माध्यम से ब्लड फ्लो (Blood flow) को ब्लॉक कर सकता है। आमतौर पर यह टांगों के निचले हिस्सों, जांघ या श्रोणि में होता है। हालांकि यह शरीर के अन्य हिस्सों में भी हो सकता है, जिसमें हाथ, मस्तिष्क, आंत, लिवर और किडनी (Kidney) शामिल हैं। यह स्थिति जानलेवा भी हो सकती है।  इसलिए वक्त रहते इसका इलाज करना जरूरी होता है।

और पढ़ेंः Arthritis : संधिशोथ (गठिया) क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और उपाय

लक्षण

डीप वेन थ्रोम्बोसिस (Deep Vein Thrombosis) के लक्षण क्या हैं?

डीप वेन थ्रोम्बोसिस (Deep Vein Thrombosis) के लक्षण निम्नलिखित हैं। जैसे:

[mc4wp_form id=’183492″]

डॉक्टर को दिखाने की जरूरत कब होती है?

यदि आपको उपरोक्त बताए डीप वेन थ्रोम्बोसिस (Deep vein thrombosis) के लक्षण में से किसी का भी अनुभव होता है तो बिना देरी करें डॉक्टर को दिखाएं।

और पढ़ेंः Slip Disk : स्लिप डिस्क क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और उपाय

कारण

डीप वेन थ्रोम्बोसिस के क्या कारण हो सकते हैं? (Cause of Deep Vein Thrombosis)

ब्लड क्लॉट के कारण डीप वेन थ्रोम्बोसिस (Deep Vein Thrombosis) की परेशानी होती है। नसों में ब्लड क्लॉट (Blood clot) शरीर में सही तरीके से बल्ड सर्कुलेशन को होने से रोकता है। ब्लड क्लोट निम्न कारणों से होता है:

इंजरी: बल्ड वैसल्स की वॉल के डैमेज होने पर बल्ड फ्लो (Blood flow) को कम और ब्लॉक कर सकता है। इसके परिणामस्वरूप ब्लड क्लॉट बन सकता है।

सर्जरी: सर्जरी के दौरान बल्ड वैसल्स डैमेज हो सकती हैं, जिससे ब्लड क्लॉट (Blood clot) का विकास हो सकता है। सर्जरी के बाद यदि आप कोई गतिविधि नहीं करते या बेड रेस्ट पर रहते हैं, तो इससे भी ब्लड क्लॉट होने का खतरा बढ़ता है।

स्मोकिंग: धूम्रपान (Smoking) ब्लड क्लॉट और सर्कुलेशन को प्रभावित करता है, जिससे DVT का खतरा अधिक होता है।

दवाएं: कुछ दवाएं ऐसी होती हैं जिनका सेवन करने से ब्लड क्लॉट होने की संभावना बढ़ जाती है। बर्थ कंट्रोल पिल्स (Birth control pills) और हॉर्मन रिपलेसमेंट थेरेपी से ब्लड क्लॉट के बनने का खतरा अधिक होता है।

ओवरवेट: जो लोग ओवरवेट होते हैं, उनकी श्रोणि और पैरों की नसों में दबाव बढ़ जाता है।

और पढ़ेंः Swelling (Edema) : सूजन (एडिमा) क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और उपाय

रोकथाम और नियंत्रण

डीप वेन थ्रोम्बोसिस (Deep Vein Thrombosis) को कैसे रोका जा सकता है?

नीचे बताई बातों का ध्यान रखकर आप डीप वेन थ्रोम्बोसिस के जोखिम को कम कर सकते हैं:

  • लंबे समय तक बैठे न रहें: यदि आपकी कोई सर्जरी हुई है या आप किसी कारणवश बेड रेस्ट पर हैं, तो जल्दी से जल्दी खड़े होने और चलने की कोशिश करें। यदि आप कार से लंबी दूरी की यात्रा कर रहे हैं, तो हर घंटे गाड़ी को कहीं साइड लगाकर पैरों को सीधा करें। थोड़ा वॉक करें।
  • लाइफस्टाइल में करें बदलाव: आपको अपने वजन (Weight) को कंट्रोल में रखना होगा। इसके साथ ही स्मोकिंग करना छोड़ दें।
  • एक्सरसाइज: रोजाना एक्सरसाइज करने से भी ब्लड क्लॉट के होने का खतरा कम होता है। जो लोग सीटिंग जॉब करते हैं और लंबे समय तक बैठते हैं उन्हें एक्सरसाइज जरूर करनी चाहिए।
  • और पढ़ेंः Eosinophilia: इओसिनोफिलिया क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और उपाय

    निदान

    डीप वेन थ्रोम्बोसिस (Deep Vein Thrombosis) के बारे में पता कैसे लगाएं?

    डीप वेन थ्रोम्बोसिस (Deep Vein Thrombosis)

    सबसे पहले डॉक्टर आपके लक्षण को देखेंगे और आपकी मेडिकल हिस्ट्री (Medical history) लेंगे। इसके बाद डॉक्टर डीप वेन थ्रोम्बोसिस (Deep Vein Thrombosis) का पता लगाने के लिए आपको निम्नलिखित टेस्ट कराने के लिए कह सकते हैं।

    डुपलेक्स अल्ट्रासोनोग्राफी (Duplex venous ultrasound): डीप वेन थ्रोम्बोसिस का पता लगाने के लिए किए जाने वाला यह सबसे कॉमन टेस्ट है। यह एक इमेजिंग टेस्ट है। इस टेस्ट में नसों में ब्लड फ्लो को देखा जाता है। यदि किसी तरह का ब्लड क्लॉट (Blood clot) या ब्लॉकेज (Blockage) होता है, तो इस टेस्ट में वो पता चलता है।

    वेनोग्राफी (Venography): इस टेस्ट में नसों को गहराई से देखने के लिए एक्स-रे किया जाता है। इसमें एक विशेष डाई (कंट्रास्ट मटीरियल) को आपकी नसों में इंजेक्ट किया जाता है, जिससे एक्स-रे में नसें और किसी तरह का ब्लड क्लॉट है तो वह नजर आते हैं। ब्लड फ्लो में कोई रुकावट है तो वह भी देखी जा सकती है। डुपलेक्स अल्ट्रासोनोग्राफी के परिणाम स्पष्ट नहीं होते तो डॉक्टर वेनोग्राफी कराने की सलाह दे सकते हैं।

    एमआरआई (MRI): एमआरआई में शरीर के अंदर अंगों और संरचनाओं की तस्वीरें दिखाता है और एमआरवी (MRV) शरीर में ब्लड वैसल्स की तस्वीरें दिखाता है। कई मामलों में, एमआरआई और एमआरवी एक्स-रे (X-Ray) की तुलना में अधिक जानकारी प्रदान कर सकते हैं।

    सीटी स्कैन (CT scan): पेट या श्रोणि में डीवीटी का पता लगाने के लिए डॉक्टर सीटी स्कैन रिकमेंड कर सकते हैं। फेफड़े में ब्लड क्लॉट्स का पता लगाने के लिए भी डॉक्टर सीटी स्कैन कराने के लिए कह सकते हैं।

    और पढ़ेंः Diphtheria : डिप्थीरिया (गलाघोंटू) क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और उपाय

    उपचार

    डीप वेन थ्रोम्बोसिस (Deep Vein Thrombosis) का उपचार कैसे किया जाता है?

    डीप वेन थ्रोम्बोसिस के इलाज के लिए डॉक्टर दवाएं और कॉम्प्रेशन स्टॉकिन्स रिकमेंड कर सकते हैं। यदि ब्लड क्लॉट व्यापक है, तो आपको अधिक परीक्षण और उपचार की आवश्यकता हो सकती है। इसका उपचार के निम्न लक्ष्य होते हैं:

    • ब्लड क्लॉट (Blood clot) को बड़ा होने से रोकने के लिए
    • दूसरे ब्लड क्लॉट के खतरे को कम करने के लिए
    • ब्लड क्लॉट को नस में ब्रेक होने और लंग्स में जाने से रोकने के लिए
    • ब्लड क्लॉट से लॉन्ग टर्म कॉम्प्लीकेशन्स को रोकने के लिए

    डॉक्टर आपको एंटीकोग्युलेंट (Anticoagulants) दवाएं दे सकते हैं। इन्हें ब्लड थिनर भी कहा जाता है। इन दवा का काम खून को पतला करना होता है। ये ब्लड क्लॉट (Blood clot) को नष्ट नहीं करती हैं। इस तरह की दवाएं ब्लड को क्लॉट बनने से और ब्लड क्लॉट को बढ़ने से रोकती हैं। आपका शरीर नेचुरल तरीके से ब्लड क्लॉट (Blood clot) को डिजॉल्व कर सकता है, लेकिन कभी-कभी थक्के पूरी तरह से गायब नहीं होते हैं।

    दवाएं लेते वक्त इन बातों का खास ख्याल रखें:

    • दवा की खुराक को ठीक वैसे लें जैसे डॉक्टर ने इसे आपके लिए निर्धारित किया है
    • दवा को कभी भी खुद से लेना शुरू या बंद न करें।
    • डॉक्टर ने आपकी डायट में जो बदलाव किए हैं। दवाओं के साथ उन्हें भी अच्छी तरह से फॉलो करें।

    डीप वेन थ्रोम्बोसिस (Deep Vein Thrombosis) की समस्या को शुरुआती वक्त में इग्नोर किया गया, तो व्यक्ति की परेशानी बढ़ सकती है। इसलिए अगर डीप वेन थ्रोम्बोसिस के लक्षण समझ आ रहें या आप महसूस करते हैं, तो इलाज में देरी ना करें। वहीं अगर आप डीप वेन थ्रोम्बोसिस (Deep Vein Thrombosis) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

    के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

    डॉ. प्रणाली पाटील

    फार्मेसी · Hello Swasthya


    Mona narang द्वारा लिखित · अपडेटेड 17/05/2021

    advertisement iconadvertisement

    Was this article helpful?

    advertisement iconadvertisement
    advertisement iconadvertisement