परिचय
जी6पीडी या ग्लूकोस-6-फॉस्फेट डीहाड्रोजिनेस डिफिशिएंसी क्या है?
जी6पीडी डिफिशिएंसी (G6PD Deficiency) लाल रक्त कोशिकाओं से संबंधित एक समस्या है। जी6पीडी खून में पाया जाने वाला एक एंजाइम है जो रेड ब्लड सेल्स पर बनने वाले ऑक्सीकारक दबाव को कम करता है। लेकिन इसकी कमी होने पर रेड ब्लड सेल्स तनाव के संपर्क में आते ही टूट जाते हैं। बड़ों के साथ-साथ यह डिफिसिएंसी बच्चों में जेनेटिकल कारणों से भी होता है।
कितना सामान्य है जी6पीडी डिफिशिएंसी होना? (G6PD Deficiency)
जी6पीडी डिफिशिएंसी होना बहुत सामान्य है। पूरी दुनिया में इससे लगभग 400 करोड़ लोग प्रभावित हैं। जी6पीडी डिफिशिएंसी (G6PD Deficiency) की समस्या अफ्रिका, एशिया के मध्य और पूर्वी हिस्सों में सबसे ज्यादा पाया गया है। ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से बात कर लें।
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लक्षण
जी6पीडी डिफिशिएंसी के क्या लक्षण है? (Symptoms of G6PD Deficiency)
जी6पीडी डिफिशिएंसी के लक्षण निम्न हैं :
- हार्ट रेट का तेज हो जाना (सामान्य से ज्यादा तेज दिल का धड़कना)
- सांस लेने में परेशानी महसूस करना
- पीले या नारंगी रंग का यूरीन होना
- बार-बार बुखार आना
- थकान महसूस होना
- चक्कर आना
- शरीर का पीलापन पड़ना
- जॉन्डिस या त्वचा और आंखों का पीलापन होना
- भ्रम में रहना
इसके अलावा अन्य लक्षण भी हो सकते हैं। इसलिए ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से बात करें।
बड़ो के साथ-साथ बच्चों में जी6पीडी डिफिशिएंसी (G6PD Deficiency) हो सकती है। बच्चों में इसके लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे-
- बच्चों के त्वचा का रंग पीला पड़ना
- बच्चे का सुस्त रहना
- हृदय गति तेज होना
- तेजी से सांस लेना या धीरे-धीरे सांस लेना
- स्प्लीन का बड़ा होना
- जॉन्डिस होना
- यूरिन का रंग गहरा होना
ये लक्षण बच्चों में नजर आ सकते हैं।
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मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
अगर आप में ऊपर बताए गए लक्षण सामने आ रहे हैं तो डॉक्टर को दिखाएं। साथ ही जी6पीडी डिफिशिएंसी से संबंधित किसी भी तरह के सवाल या दुविधा को डॉक्टर से जरूर पूछ लें। क्योंकि हर किसी का शरीर जी6पीडी डिफिशिएंसी (G6PD Deficiency) के लिए अलग-अलग रिएक्ट करता है। यह भी ध्यान रखें की बीमारी कोई भी हो अगर वक्त पर इसका इलाज शुरू किया गया तो आसानी इलाज किया हो सकता है और आप किसी भी बीमारी या डिफिसिएंसी से बच सकते हैं।
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कारण
जी6पीडी डिफिशिएंसी होने के कारण क्या है? (Causes of G6PD Deficiency)
जी6पीडी डिफिशिएंसी आनुवंशिक स्थिति है, जो पैरेंट्स से बच्चों में ट्रांसफर होती है। लिंग गुणसूत्र के X क्रोमोसोम पर जी6पीडी डिफिशिएंसी (G6PD Deficiency) के लिए जिम्मेदार जीन लगा होता है। जी6पीडी डिफिशिएंसी से प्रभावित पुरुष के एक X क्रोमोसोम और महिला के दोनों X क्रोमोसोम पर डिफेक्टिव जीन लगे होते हैं। कुछ महिलाओं के सिर्फ एक X क्रोमोसोम पर जी6पीडी डिफिशिएंसी के जीन लगे होते हैं तो ऐसी महिला इस समस्या की वाहक (Carrier) होती है। जो अपने पुत्र को डिफेक्टिव जीन ट्रांसफर कर देती हैं। जी6पीडी डिफिशिएंसी से महिलाओं की तुलना में पुरुष ज्यादा प्रभावित रहते हैं।
G6PD की कमी वाले लोगों में, फेवा बीन्स या कुछ फलियां खाने के बाद हेमोलिटिक एनीमिया हो सकता है। यह संक्रमण या कुछ दवाओं द्वारा भी ट्रिगर किया जा सकता है, जैसे:
- एंटी मलेरियल्स, मलेरिया की रोकथाम और उपचार के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एक प्रकार की दवा है
- सल्फोनामाइड्स, विभिन्न संक्रमणों के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवा
- एस्पिरिन, बुखार, दर्द और सूजन से राहत के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवा
इन कारणों को समझें और इनसे बचने की कोशिश करें।
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जोखिम
जी6पीडी डिफिशिएंसी के साथ मुझे क्या समस्याएं हो सकती हैं? (Risk of G6PD Deficiency)
जी6पीडी डिफिशिएंसी होने का जोखिम निम्न लोगों में अधिक है :
- पुरुषों में इसका खतरा ज्यादा होता है
- अफ्रिकन-अमेरिकन लोगों में ये डिफिसिएंसी हो सकती है
- एशिया के मध्य-पूर्वी वंश में ये परेशानी देखी जा सकती है
- अगर परिवार में किसी को जी6पीडी डिफिशिएंसी (G6PD Deficiency) हो तो उनके बच्चों में भी हो सकती है।
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उपचार
यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
जी6पीडी डिफिशिएंसी का निदान कैसे किया जाता है? (Diagnosis of G6PD Deficiency)
जी6पीडी डिफिशिएंसी का पता लगाने के लिए डॉक्टर ब्लड टेस्ट का सहारा लेते हैं। इसके जरिए खून में जी6पीडी एंजाइम की मात्रा का पता लगाया जाता है। डॉक्टर कंप्लीट ब्लड काउंट (CBC), सीरम हीमोग्लोबिन टेस्ट और रेटिक्यूलोसाइट कॉउंट आदि टेस्ट कराते हैं। इन सभी टेस्ट के साथ जी6पीडी डिफिशिएंसी के साथ हिमोलिटिक एनीमिया के बारे में भी पता चल जाता है। वहीं, टेस्ट कराने जाने से पहले आप डॉक्टर से खाना-पीना और दवाओं आदि के बारे में निर्देश जरूर ले लें।
जी6पीडी डिफिशिएंसी का इलाज कैसे होता है? (Treatment of G6PD Deficiency)
जी6पीडी डिफिशिएंसी का इलाज लक्षणों के आधार पर किया जाता है। अगर जी6पीडी डिफिशिएंसी के कारण अगर संक्रमण होता है तो संक्रमण का इलाज किया जाता है। अगर आप ऐसी कोई दवा ले रहे हैं जिसके कारण रेड ब्लड सेल्स नष्ट हो रहे हैं तो उन दवाओं को बंद कर देना चाहिए।
अगर जी6पीडी डिफिशिएंसी के साथ ही आपको हिमोलिटिक एनीमिया हो जाती है तो उसके लिए बहुत आक्रामक इलाज की जरूरत पड़ती है। अगर आपने खून चढ़वाया है तो आपको हॉस्पिटल में रुकना चाहिए। क्योंकि हिमोलिटिक एनीमिया में पूरी तरह रिकवरी की जरूरत पड़ती है और आपको हॉस्पिटल में बेहतर इलाज मिलेगा।
- हेल्थ एक्सपर्ट पेशेंट के मेडिकल हिस्ट्री की जानकारी लेते हैं
- पेशेंट की स्थिति कैसी है
- इलाज के दौरान कुछ दवाइयों और खाने-पीने की चीजों के सेवन पर पावंदी हो सकती है
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घरेलू उपाय
जीवनशैली में होने वाले बदलाव क्या हैं, जो मुझे जी6पीडी डिफिशिएंसी को ठीक करने में मदद कर सकते हैं?
आप अपने लाइफस्टाइल में निम्न परिवर्तन कर के जी6पीडी डिफिशिएंसी के साथ डील कर सकते हैं :
- जी6पीडी डिफिशिएंसी के लक्षण और परिस्थितियों के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी रखें।
- उन दवाओं और फूड्स को न खाएं जिससे जी6पीडी डिफिशिएंसी को बढ़ावा मिलता है।
- तनाव को कम करके भी जी6पीडी डिफिशिएंसी के लक्षणों को कम किया जा सकता है।
- पौष्टिक और संतुलित आहार का सेवन करें।
- सिगरेट का सेवन न करें।
- एल्कोहॉल का सेवन भी बंद कर दें।
इसके अलावा इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपको उपचार बता सकते हैं।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।