
मलेरिया (Malaria) दिवस का परिचय
मलेरिया दिवस हर साल 25 अप्रैल को विश्व भर में मनाया जाता है। मलेरिया दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को मलेरिया के बारे में जागरुक करना है। मलेरिया के नियंत्रण के लिए और उसकी जानकारी को लोगों तक पहुंचाने के लिए एक खास दिन बनाया गया है। मलेरिया गंभीर बीमारी है। मलेरिया दिवस को मनाने के लिए हर साल एक थीम निर्धारित की जाती है। मलेरिया को खत्म करने के लिए सभी को अपने स्तर पर प्रयास करना चाहिए। मलेरिया के लक्षण (Malaria symptoms) अक्सर लोगों को पता नहीं चल पाते हैं, जिसके कारण सही समय पर इलाज नहीं हो पाता है। आपको बताते चले कि पहली बार विश्व मलेरिया दिवस साल 2008 को मनाया गया था। इस बीमारी से साल में लाखों लोगों की मौत हो जाती है। मलेरिया के यूं तो पांच प्रकार हैं, लेकिन इनमें निम्नलिखित दो की वजह से ये बीमारी गंभीर रूप धारण कर लेती है।
मलेरिया के लक्षण (Malaria symptoms) से पहले जानें इसके दो प्रमुख प्रकार
पी फाल्सीपेरम (P. falciparum)
इस प्रकार का मलेरिया अफ्रीका में पाए जाने वाला सबसे आम मलेरिया परजीवी है। मलेरिया से सबसे अधिक मौतें पी फाल्सीपेरम के कारण ही होती हैं। पी फाल्सीपेरम के कारण शरीर में तेजी से खून की कमी होने लगती है और ब्लड वैसल फट जाती हैं।
पी विवैक्स (P. vivax )
पी विवैक्स मलेरिया परिजीवी सब-सहारा अफ्रीका के बाहर पाया जाता है। ये मुख्य रूप से एशिया और लैटिन अमेरिका में पाया जाता है। इस मलेरिया का असर अक्सर लोगों में देरी से होता है। यानी बीमारी का संक्रमण महीनों या सालों बाद होता है।
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मलेरिया (Malaria) के लक्षण
मलेरिया के लक्षण (Malaria symptoms) क्या हैं?
मलेरिया की बीमारी प्रोटोजोआ पैरासाइट से उत्पन्न होती है। मच्छर के काटने पर ब्लड सेल्स में इंफेक्शन हो जाता है। मलेरिया पैरासाइट्स के वाहक का काम मादा एनाफिलीज मच्छर करते है । मलेरिया को फैलने से रोकने के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं। किसी भी व्यक्ति को मलेरिया होने पर निम्न लक्षण नजर आ सकते हैं। मलेरिया फैलाने वाले मच्छरों के पैरासाइट्स प्लास्मोडियम जीन्स से संबंधित हैं।
- प्लास्मोडियम पैरासाइट्स के 100 से अधिक प्रकार अलग-अलग तरह की प्रजातियों को संक्रमित कर सकते हैं।
- हर एक प्रकार अलग-अलग स्पीड से खुद को रेप्लीकेट करते हैं जिसके कारण लक्षण भी जल्दी बढ़ जाते हैं और इस तरह से रोग की गंभीरता का कारण बनते हैं। प्लास्मोडियम पैरासाइट्स के पांच प्रकार मानव को संक्रमित कर सकते हैं। ये दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में होते हैं।
डॉक्टर इस मलेरिया को डायग्नोसिस तब करता है, जब मलेरिया के लक्षण (Malaria symptoms) मौजूद हों। आमतौर पर अनकॉम्प्लिकेटेड मलेरिया के लक्षण 6 से 10 घंटे तक रहते हैं और हर दूसरे दिन दोबारा आते हैं। मलेरिया के लक्षण (Malaria symptoms) फ्लू जैसे होते हैं और कई बार लोगों को पता भी नहीं चलता की उन्हें मलेरिया है, खासकर ऐसी जगहों पर जहां मलेरिया कम होता हो। अनकॉम्प्लिकेटेड मलेरिया में लक्षण इस तरह से होते हैं जिसमें ठंडी, गर्मी और पसीना सबसे आम है,
- कंपकंपी के साथ ठंड लगना
- बुखार, सिरदर्द और उल्टी
- बीमारी के साथ युवा लोगों में दौरे कभी-कभी होते हैं
- थकावट के साथ, कभी-कभी एकदम पसीना आना
- पूरी तरह से होश में ना होना
- किसी एक पोजिशन में रहना
- शरीर में ऐंठन
- सांस लेने में परेशानी
- असामान्य ब्लीडिंग और एनीमिया के लक्षण
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मलेरिया (Malaria) का डायग्नोसिस
डॉक्टर मलेरिया को डायग्नोस करने के लिए पहले मलेरिया के लक्षण (Malaria symptoms) के बारे में आप से पूछेगा। साथ ही डॉक्टर आपसे हेल्थ हिस्ट्री के बारे में भी जानकारी ले सकता है। ट्रॉपिकल क्लाइमेट भी मलेरिया के लिए जिम्मेदार हो सकता है। साथ ही डॉक्टर मलेरिया का डायग्नोज (Malaria diagnosis) करते समय फिजिकल एक्जाम भी कर सकता है। डॉक्टर इंलार्ज लीवर भी चेक कर सकता है। मलेरिया डायग्नोज करते समय डॉक्टर ब्लड टेस्ट (Blood test) भी करते हैं। ब्लड टेस्ट के दौरान कुछ बातों का पता चलता है, जैसे कि
- आपको मलेरिया है या फिर नहीं
- आपको किस टाइप का मलेरिया है
- अगर संक्रमण पैरासाइट के लिए है, तो कुछ दवाओं के लिए रेसिस्टेंट का काम करेगा।
- बीमारी के वजह से एनीमिया की जानकारी
- बीमारी की वजह से किसी ऑर्गन को क्षति
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मलेरिया (Malaria) का ट्रीटमेंट
मलेरिया के लक्षण (Malaria symptoms) पता चल जाने और मलेरिया का डायग्नोज हो जाने के बाद डॉक्टर मलेरिया का ट्रीटमेंट (Malaria treatment) भी करता है। अगर व्यक्ति के शरीर को पैरासाइट पी फाल्सीपेरम ने संक्रमित किया है ये बहुत खतरनाक साबित हो सकता है। डॉक्टर मरीज को हॉस्पिटल में भर्ती कर सकता है। मरीज को किस प्रकार का मलेरिया हुआ है, उसी के आधार पर दवा दी जाती है।
अगर दवा के लिए पैरासाइट प्रतिरोधी है, तो डॉक्टर मेडिसिन को चेंज कर सकता है। कुछ प्रकार के मलेरिया परजीवी जैसे पी. विवैक्स और पी. ओवले शरीर में परिजीवी बनकर लंबे समय तक रहते हैं। कुछ समय तक इनका असर शरीर में नहीं दिखता है, लेकिन लंबे समय के बाद शरीर में संक्रमण के लक्षण दिखने लगते हैं। अगर आपके शरीर में इस प्रकार का मलेरिया पाया जाता है तो डॉक्टर आपकी दवा में परिवर्तन कर सकता है।
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मलेरिया (Malaria) से बचाव
आपने मलेरिया के लक्षण (Malaria symptoms) के बारे में तो जान ही लिया है। मलेरिया के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। मलेरिया के लक्षण अक्सर लोगों को नहीं पता चल पाते हैं। सामान्य सर्दी-जुकाम और बुखार को कभी भी हल्के में न लें। अगर आपको तीन से चार दिन तक बुखार आ रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। मलेरिया से बचाव (Precautions from Malaria) की शुरुआत घर से ही करनी चाहिए। घर में साफ-सफाई का ध्यान रखने से भी काफी हद तक मलेरिया से बचा जा सकता है। घर के अंदर की सफाई तो जरूरी है ही, लेकिन घर के बाहर भी सफाई का होना बहुत जरूरी है।
- मच्छर रिपेलेंट को त्वचा और कपड़ों पर लगाएं। इसके अलावा जिन लोशन या स्प्रे में पर्मेथ्रिन होता है उन स्प्रे को कपड़ों पर लगाना आपके लिए सुरक्षित होगा।
- मच्छरदानी लगा कर सोना बेहतर विकल्प हो सकता है। मच्छरदानी से जहां एक ओर किसी प्रकार के केमिकल का सामना नहीं करना पड़ता है, वहीं आप रोजाना के खर्चे से भी बच जाते हैं।
- मलेरिया से बचने के लिए बाहर जाते समय फुल स्लीव्स क्लोथ पहनें। ऐसा करने से मच्छर और मलेरिया आपसे दूर बने रहेंगे। बेहतर होगा कि बच्चों को भी फुल स्लीव्स वाले कपड़े ही पहनाएं।
- घर में किसी भी पानी को इकट्ठा न होने दें
अगर आप मलेरिया या मलेरिया के लक्षण (Malaria symptoms) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
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