शारीरिक परेशानियां एक नहीं, बल्कि कई तरहों की होती है। कुछ बीमारी के इलाज में दवाओं की जरूरत पड़ती है, तो कुछ बीमारियों को दूर करने के लिए दवाओं के साथ-साथ सर्जरी की भी जरूरत पड़ सकती है। ऐसी ही एक समस्या है डायजेस्टिव सिस्टम से जुड़ी हुई, जिसमें कोलोनोस्कोपी (Colonoscopy) की जरूरत पड़ सकती है। इसलिए आज इस आर्टिकल में कोलोनोस्कोपी (Colonoscopy) के बारे में समझेंगे।
- कोलोनोस्कोपी क्या है ?
- कोलोनोस्कोपी की जरूरत कब होती है ?
- कोलोनोस्कोपी करवाने से पहले किन-किन बातों की जानकारी होनी चाहिए?
- कोलोनोस्कोपी के साइड इफेक्ट्स क्या हो सकती हैं?
- कोलोनोस्कोपी के बाद किन-किन बातों का ख्याल रखना चाहिए?
चलिए कोलॉनोस्कोपी (Colonoscopy) से जुड़े सवालों का जवाब जानते हैं।
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कोलोनोस्कोपी (Colonoscopy) क्या है ?
कोलोनोस्कोपी एक ऐसी प्रक्रिया है कि जिसमें बड़ी आंत की जांच की जाती है। ये जांच पेट व आंत रोग विशेषज्ञ यानी कि गेस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट (Gastroenterologist) द्वारा किया जाता है। कोलोनोस्कोपी करने का उद्देश्य बड़ी आंत, कोलन (बड़ी आंत और रेक्टम के बीच का हिस्सा) और मलाशय (Rectum) में होने वाली समस्याओं को जानना और उसकी जांच करना है।
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कोलोनोस्कोपी टेस्ट की जरूरत कब होती है? (When Colonoscopy is required)
आपका डॉक्टर आपको कोलोनोस्कोपी टेस्ट (Colonoscopy test) कराने के लिए तब कहता है जब :
- जब आपको पेट दर्द (Abdominal pain), रेक्टल ब्लीडिंग (Rectal blooding), क्रॉनिक कॉन्स्टिपेशन (Chronic constipation), क्रॉनिक डायरिया (Chronic Diarrhea) और आंत से जुड़ी अन्य समस्याएं होती हैं तो डॉक्टर रोगों के बारे में जानने के लिए कोलोनोस्कोपी टेस्ट (Colonoscopy test) कराने को कहते हैं।
- अगर आपकी उम्र 50 साल के ऊपर है तो आपके डॉक्टर कोलोनोस्कोपी कराने के लिए कह सकते हैं। क्योंकि, कोलन कैंसर के खतरे को जानने के लिए कोलॉनोस्कोपी मददगार साबित होता है। यूं तो डॉक्टर दस साल के अंतर पर कोलोनोस्कोपी टेस्ट (Colonoscopy test) कराने के लिए कहते हैं। लेकिन, किसी तरह की समस्या होने पर इसे तय समय से पहले भी करा सकते हैं।
- बड़ी आंत, कोलन या रेक्टम में पॉलिप (मस्से जैसा उभार) हो जाता है। जिसे हटाने के लिए डॉक्टर कोलोनोस्कोपी टेस्ट (Colonoscopy test) कराने के लिए कहते हैं।
इन ऊपर बताई गई स्थितियों में कोलोनोस्कोपी टेस्ट (Colonoscopy test) की जरूरत पड़ सकती है। इसलिए अगर आप कोलोनोस्कोपी टेस्ट (Colonoscopy test) करवाने जा रहें हैं, तो उससे जुड़ी कुछ बातों को भी समझना जरूरी है।
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कोलोनोस्कोपी करवाने से पहले किन-किन बातों की जानकारी होनी चाहिए? (Things to know before Colonoscopy)
कोलोनोस्कोपी टेस्ट (Colonoscopy test) हर किसी को करवाने की जरूरत नहीं पड़ती है। कुछ मामलों में टेस्ट की इस प्रक्रिया को नहीं किया जाता है :
- रेक्टम या कोलन में ज्यादा संक्रमण होने पर
- कोलन में छाले होने के कारण सूजन आना
- पेरिटोनाइटस (Peritonitis)
- पल्मोनरी का सही तरीके से काम न करना (Pulmonary insufficiency)
- कार्डियक फेल्योर
- खून जमने में समस्या होना
कोलोनोस्कोपी टेस्ट (Colonoscopy test) के पहले इन बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
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कोलोनोस्कोपी के साइड इफेक्ट्स क्या हो सकती हैं? (Side effects of Colonoscopy)
कोलोनोस्कोपी साइड इफेक्ट की बात करें तो टेस्ट को कराने के कुछ घंटे के बाद गैस (Gas) पास होती है, आपको अपने कोलन से हवा निकलते हुए महसूस होगा। इस दौरान हो सकता है कि थोड़े मात्रा में ब्लड (Blood) निकल सकता है। ये एक आम बात है, आपको घबराने की जरूरत नहीं है। लेकिन, अगर रक्त स्राव या खून के थक्के ज्यादा मात्रा में निकलने लगे तो अपने डॉक्टर से बात जरूर करें। इसके अलावा अगर आपको बुखार या पेट में दर्द (Stomach pain) महसूस हो तो आप डॉक्टर से बात करें। आपको बता दें कि अगर ये समस्याएं होनी होती है तो आपको टेस्ट कराने के पहले हफ्ते में ही होती है। लेकिन कुछ मामलों में कुछ समय बाद समस्याएं सामने आती हैं। कोलोनोस्कोपी साइड इफेक्ट के बारे में अधिक जानकारी आप डॉक्टर से भी ले सकते हैं।
कोलोनोस्कोपी टेस्ट (Colonoscopy test) में कुछ रिस्क भी है, जो शायद ही कभी हो। लेकिन, फिर भी आपका जानना जरूरी भी है:
- टेस्ट के दौरान नींद की दवाओं का इस्तेमाल किया जाए तो हानिकारक रिएक्शन होते हैं।
- उस स्थान से ब्लीडिंग होने लगती है जहां से पॉलिप (मस्से जैसा उभार) को हटाया जाता है।
- टेस्ट के समय कोलन या मलाशय की दीवार फट सकती है।
इन सभी रिस्क के बारे में टेस्ट कराने से पहले अपने डॉक्टर से बात जरूर कर लें। टेस्ट करने से पहले डॉक्टर आपसे सहमति फॉर्म (consent form) भरवाता है। जिसके बाद प्रक्रिया शुरू की जाती है। इसलिए आपको अपने डॉक्टर से सभी तरह के साइड इफेक्ट्स और समस्याओं के बारे में जान लेना चाहिए। ताकि बाद में आपको कोई दिक्कत न हो।
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कोलोनोस्कोपी के बाद किन-किन बातों का ख्याल रखना चाहिए? (Things to know after Colonoscopy)
कोलोनोस्कोपी टेस्ट (Colonoscopy test) के बाद निम्नलिखित बातों की जानकारी होनी चाहिए। जैसे:
- अपने साथ आए परिजन के साथ ही आप घर जाएं। क्योंकि टेस्ट के बाद आपको डॉक्टर डिसचार्ज कर देंगे। लेकिन, आप पर बेहोशी की दवा का असर रहेगा। इसलिए आप अकेले घर नहीं जा पाएंगे।
- टेस्ट के बाद ऑफिस या काम पर न जाएं और ड्राइव तो बिल्कुल न करें।
- अगर डॉक्टर ने आपके कोलन से टेस्ट के दौरान पॉलिप निकाला है तो आपको कुछ समय के लिए एक स्पेशल लिक्विड डायट (Liquid Diet) पर रखेंगे।
- वॉकिंग (Walking) करने से आपको राहत मिलेगी।
कोलोनोस्कोपी के बाद इन ऊपर बताये गए बातों को ध्यान रखें। ऐसा करने से लाभ मिलता है।
अगर आप कोलोनोस्कोपी टेस्ट (Colonoscopy test) से जुड़े किसी तरह के सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो आप हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज पर कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। हैलो स्वास्थ्य के हेल्थ एक्सपर्ट आपके सवालों का जवाब जल्द से जल्द देने की पूरी कोशिश करेंगे।
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