नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार पेट का कैंसर भारत के दक्षिणी क्षेत्र में कैंसर के प्रमुख कारणों में से एक है। कैंसर के इलाज में कीमोथेरिपी की अहम भूमिका होती है। इसलिए आज इस आर्टिकल में स्टमक कैंसर एवं स्टमक कैंसर कीमोथेरिपी (Stomach cancer chemotherapy) के बारे में समझेंगे।
पेट का कैंसर (गैस्ट्रिक कैंसर) क्या है?
स्टमक कैंसर कीमोथेरिपी की भूमिका क्या है?
पेट के कैंसर के लिए कीमोथेरिपी की जरूरत कब पड़ सकती है?
स्टमक कैंसर कीमोथेरिपी ड्रग्स कौन-कौन से हैं?
स्टमक कैंसर में कीमोथेरिपी के साइड इफेक्ट्स क्या हो सकते हैं?
चलिए अब पेट के कैंसर और पेट के कैंसर के लिए कीमोथेरिपी (Stomach cancer chemotherapy) से जुड़े इन सवालों का जवाब जानते हैं।
कैंसर की समस्या तब शुरू होती है जब बॉडी के सेल्स तेजी से बढ़ने लगे। ऐसा शरीर के किसी भी अंग में हो सकता है। पेट के कैंसर को मेडिकल टर्म में गैस्ट्रिक कैंसर (Gastric cancer) भी कहा जाता है। ऐसा पेट की लाइनिंग में सेल्स के तेजी से बढ़ने की वजह से शुरू हो जाती है। पेट के कैंसर को रेयर कैंसर माना जाता है। स्टमक कैंसर का इलाज मुश्किल है, लेकिन अगर शुरुआती स्टेज से ठीक तरह से इलाज करवाया जाए तो इस गंभीर बीमारी से बचा जा सकता है या इस बीमारी को हारने में मदद मिल सकती है।
स्टमक कैंसर कीमोथेरिपी (Stomach cancer chemotherapy) की भूमिका क्या है?
स्टमक कैंसर में कीमोथेरिपी (Stomach cancer chemotherapy) से अनियंत्रित हो रहीं कैंसरस सेल्स को रोकने में मदद है। कीमोथेरिपी एक तरह की दवा है जिसमें अलग-अलग दवाओं का कॉम्बिनेशन होता है। स्टमक कैंसर कीमोथेरिपी की अलग-अलग डोज होती है, जो कैंसर पेशेंट की हेल्थ कंडिशन (Health condition) को ध्यान में रखकर दी जाती है।
पेट के कैंसर के लिए कीमोथेरिपी की जरूरत कब पड़ सकती है? (When chemotherapy is required during Stomach cancer)
अमेरिकन कैंसर सोसाइटी (American Cancer Society) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार गैस्ट्रिक कैंसर कीमोथेरिपी (Stomach cancer chemotherapy) अलग-अलग समय पर दी जाती है। जैसे:
स्टमक कैंसर कीमोथेरिपी सर्जरी के पहले भी दी जाती है, जिसे नीओएडजुवेंट ट्रीटमेंट (Neoadjuvant treatment) कहा जाता है। कई बार कीमोथेरिपी के दौरान रेडिएशन थेरिपी दी जाती है,जिसे कीमोरेडिएशन (Chemoradiation) कहते हैं। स्टमक कैंसर कीमोथेरिपी अगर सर्जरी से पहली दी जाती है, तो इससे ट्यूमर छोटा करने में मदद मिलती है। ऐसा करने से सर्जरी में मदद मिलती है। कुछ पेट के कैंसर में कीमोथेरिपी स्टेंडर्ड ट्रीटमेंट मानी जाती है।
स्टमक कैंसर कीमोथेरिपी (Stomach cancer chemotherapy) सर्जरी के बाद भी दी जा सकती है, जिसे एडजुवन्ट ट्रीटमेंट (Adjuvant treatment) कहते हैं। सर्जरी के बाद दी जाने वाली कीमोथेरिपी से किसी भी एरिया में कैंसरस सेल्स (Cancerous cells) को नष्ट करने के लिए दी जाती है और फिर से कैंसरस सेल्स (Cancerous cells) का निर्माण ना हो सके इसलिए दी जाती है। अगर सर्जरी के दौरान डॉक्टर्स की टीम ट्यूमर (Tumor) को पूरी तरह से नहीं निकाल पाती है, तो कीमोथेरिप के साथ-साथ रेडिएशन थेरिपी (Radiation therapy) की भी मदद ली जा सकती है।
स्टमक कैंसर के सेल्स अगर शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैल जाए तो ऐसी स्थिति में भी कीमोथेरिपी (Chemotherapy) ही दी जाती है।
स्टमक कैंसर में कीमोथेरिपी (Stomach cancer chemotherapy) या किसी अन्य कैंसर के इलाज में भी कीमोथेरिपी की मदद ली जा सकती है।
डॉक्टर कीमो की अलग-अलग डोज देते हैं। ट्रीटमेंट के प्रत्येक विजिट के बाद शरीर को ठीक होने के लिए आराम के लिए वक्त भी दिया जाता है। कीमो का डोज आमतौर पर कुछ हफ्तों के अंतराल पर दी जाती है।
स्टमक कैंसर कीमोथेरिपी ड्रग्स कौन-कौन से हैं? (Name of Stomach cancer chemotherapy drugs)
स्टमक कैंसर कीमोथेरिपी ड्रग्स की लिस्ट में निम्नलिखित ड्रग्स शामिल हैं। जैसे:
5-एफयू (5-FU [fluorouracil])
कैपेसिटाबाइन (Capecitabine)
कार्बोप्लैटिन (Carboplatin)
सिस्प्लैटिन (Cisplatin)
डोसटैक्सेल (Docetaxel)
एपिरुबिसिन (Epirubicin)
इरीनोटेकन (Irinotecan)
ऑक्सिप्लिप्टिन (Oxaliplatin)
पैक्लिटैक्सेल (Paclitaxel)
ट्राइफ्लूरिडिन (Trifluridine) एवं टिपिरासिल (Tipiracil)
स्टमक कैंसर कीमोथेरिपी ड्रग्स (Stomach cancer chemotherapy) में शामिल इन दवाओं की अलग-अलग डोज प्रिस्क्राइब की जाती है, जो कैंसर (Cancer) की गंभीरता और पेशेंट की हेल्थ कंडिशन (Health condition) को ध्यान में रखकर दी जाती है।
कीमोथेरिपी के साइड इफेक्ट्स ट्रीटमेंट कम्प्लीट होने के बाद ठीक हो जाते हैं। जैसे अगर हेयर लॉस (Hair loss) हुआ है, तो कीमोथेरिपी (Chemotherapy) के बाद बाल फिर से आ जाते हैं। हालांकि गैस्ट्रिक कैंसर में कीमोथेरिपी (Stomach cancer chemotherapy) के दौरान या बाद में किसी भी तरह की परेशानी महसूस होने पर डॉक्टर से इस बारे में डिस्कस करें। डॉक्टर इन ऊपर बताई तकलीफों को दूर करने के लिए दवा प्रिस्क्राइब कर सकते हैं।
नियमित योगासन (Yogasan) या एक्सरसाइज (Workout) करें। अगर योग या एक्सरसाइज करने में सक्षम ना हों, तो वॉक (Walk) करें।
न्यूट्रिशन वाले खाद्य पदार्थों (Nutritious food) का सेवन करें।
अगर कैंसर का ट्रीटमेंट चल रहा हो, तो दवाओं (Medication) का सेवन समय पर करें।
इन टिप्स को फॉलो करें और अगर आप कैंसर पेशेंट (Cancer patients) हैं या आपके परिवार में किसी व्यक्ति को कैंसर है, तो डॉक्टर से समय-समय पर कंसल्टेशन जरूर करें।
कैंसर (Cancer) का नाम सुनते ही ज्यादातर मरीज या उनके केयर टेकर परेशान हो जाते हैं। जबकि डॉक्टर्स एवं अलग-अलग रिसर्च रिपोर्ट की मानें तो किसी भी गंभीर बीमारी की जानकारी अगर शुरुआती स्टेज में मिल जाए तो उस बीमारी को हराना आसान होता है। इसलिए शरीर में होने वाले अच्छे बुरे सभी तरह के बदलाव पर ध्यान दें और परेशानी महसूस होने पर डॉक्टर से कंसल्ट करें।
अगर आप स्टमक कैंसर (Stomach cancer) या स्टमक कैंसर में कीमोथेरिपी (Stomach cancer chemotherapy) से जुड़े किसी तरह के सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो आप हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज पर कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। हैलो स्वास्थ्य के हेल्थ एक्सपर्ट आपके सवालों का जवाब जल्द से जल्द देने की पूरी कोशिश करेंगे।
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