यूटरस में या यूटरस की दिवार पर फाइब्रॉएड्स डेवलप हो सकते हैं, जो एक तरह का ट्यूमर होता है। हालांकि अच्छी बात ये है कि नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (NCBI) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार ये ट्यूमर (Tumor) कैंसरस (Noncancerous) नहीं होते हैं। गर्भाशय में होने वाले ट्यूमर यानी फाइब्रॉएड्स को मेडिकल टर्म में लेयोमायोमास (Leiomyomas) और मायोमास (Myomas) भी कहा जाता है। कुछ महिलाओं में फाइब्रॉएड्स (Fibroids) की समस्या होने पर कोई शारीरिक परेशानी या लक्षण नजर नहीं आते हैं और ये खुद ठीक भी हो जाने वाली बीमारी है, लेकिन मेनोपॉज के बाद फाइब्रॉएड्स की तकलीफ क्या है, इसे समझने की कोशिश करते हैं।
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मेनोपॉज के बाद फाइब्रॉएड्स (Fibroids after menopause) की समस्या क्या है?
यूसीएसएफ मेडिकल सेंटर (UCSF Medical Center) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार 50 प्रतिशत महिलाओं में मेनोपॉज के बाद फाइब्रॉएड्स की समस्या देखी जाती है। यूटरस में फाइब्रॉएड्स की संख्या एक या इससे ज्यादा भी हो सकती है। फाइब्रॉएड्स का साइज भी अलग-अलग हो सकता है। कुछ महिलाओं में फाइब्रॉएड्स होने की स्थिति में फाइब्रॉएड्स अपने आप सिकुड़ने लगते हैं और मेनोपॉज जैसे लक्षण देखे जाते हैं। वहीं जो महिलाएं हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरिपी (Hormone Replacement Therapy [HRT]) लेती हैं, उनमें फाइब्रॉएड्स कम नहीं होते हैं। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरिपी (HRT) में इस्ट्रोजन (Estrogen) और प्रोजेस्ट्रोन (Progesterone) की वजह से फाइब्रॉएड्स को बढ़ने में मदद मिलती है।
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मेनोपॉज के बाद फाइब्रॉएड्स के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Fibroids after menopause)
मेनोपॉज के बाद फाइब्रॉएड्स के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे: