अगर ऐसे लक्षण नजर आ रहें हों या महसूस करती हैं, तो घबराएं नहीं और अपने पार्टनर से बात करें और डॉक्टर से कंसल्टेशन करना सबसे महत्वपूर्ण कदम होगा।
स्टेज-0 सर्वाइकल कार्सिनोमा का निदान कैसे किया जाता है? (How Is Cervical CIS Diagnosed)
सीआईएस (CIS) के निदान के लिए डॉक्टर पेशेंट को निम्नलिखित टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं। इन टेस्ट में शामिल है:
पैप स्मीयर या पैप टेस्ट (Pap smear test) –

सर्विक्स (Cervix) के शुरुआती कैंसर की जांच के लिए पैप टेस्ट करने की सलाह दी जाती है। सर्विक्स, महिलाओं का रिप्रोडक्टिव ऑर्गेन हैं। इस टेस्ट की मदद से गर्भाशय (Uterus) में उन कोशिकाओं की जानकारी ली जाती है, जो कैंसरस सेल्स बन चुके हैं या भविष्य में बन सकते हैं।
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ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (Human Papilloma virus test (HPV)) टेस्ट –

ह्यूमन पेपिलोमा वायरस टेस्ट, पैप टेस्ट के दौरान ही किया जाता है। इस टेस्ट से कैंसरस सेल्स की जानकारी ली जाती है।
इन दो टेस्ट के अलावा डॉक्टर पेशेंट के कॉल्पोस्कोपी प्रोसेस की मदद से सर्विक्स की जांच करते हैं। इस टेस्ट के दौरान डॉक्टर सर्विक्स (Cervix) पर एक सौल्यूशन अप्लाय करते हैं, जिससे एब्नॉर्मल सेल्स की जानकारी मिलती है। इस दौरान टिशू ली जाती है, जिसे बायोप्सी (Biopsy) के लिए भेजा जाता है। अगर बायोप्सी रिपोर्ट में स्टेज-0 सर्वाइकल कार्सिनोमा की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है, तो इन्फेक्टेड एरिया को रिमूव करने का निर्णय पेशेंट की हेल्थ और कंडिशन को देखते हुए डॉक्टर लेते हैं।
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स्टेज-0 सर्वाइकल कार्सिनोमा का इलाज कैसे किया जाता है? (Treatment for Cervical Carcinoma In Situ)
स्टेज-0 सर्वाइकल कार्सिनोमा (CIS) के इलाज के लिए डॉक्टर निम्नलिखित विकल्प अपनाते हैं। इन विकल्पों में शामिल है:
- जो महिलाएं बेबी प्लानिंग (Baby planning) नहीं करना चाहती या वो मां बन चुकी हैं, तो उनमें हिस्टरेक्टॉमी (Hysterectomy) की मदद ली जाती है। इस दौरान सर्जरी की मदद से यूट्रस को बॉडी से अलग किया जाता है।
- एब्नॉर्मल सेल्स को फ्रीज कर। यह प्रक्रिया डॉक्टर के क्लिनिक में ही किया जाता है।
- लेजर सर्जरी की मदद से इन्फेक्टेड एरिया को ठीक किया जाता है।
- कोनिजेशन (Conization) की मदद से सर्विक्स के एरिया को रिमूव किया जाता है। दरअसल इस प्रोसेस के दौरान एब्नॉर्मल टिशू के कोन शेप टिशू को हटाया जाता है।
स्टेज-0 सर्वाइकल कार्सिनोमा (CIS) का इलाज इन ऊपर बताये का तरीका है। इसके साथ ही डॉक्टर पेशेंट के बॉडी स्ट्रक्चर, उम्र और बीमारी की गंभीरता को ध्यान में रखकर भी इलाज करते हैं।
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डॉक्टर से कंसल्टेशन की जरूरत कब पड़ती है?
निम्नलिखित स्थितियों में डॉक्टर से जल्द से जल्द कंसल्ट करें। अगर आपको-