सेक्स के बाद ब्लीडिंग के कारणों की जांच यदि डॉक्टर न कर पाए तो ऐसी स्थिति में वो मरीज को गायनोकोलॉजिस्ट से सलाह लेने की राय देते हैं।
सेक्स के बाद ब्लीडिंग होने से कब लें डॉक्टरी सलाह
सेक्स के बाद ब्लीडिंग न रूकने पर, गंभीर, लगातार और कम-कम कर ब्लीडिंग होता रहे तो ऐसी स्थिति में आपको डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए। वहीं सेक्स के बाद ब्लीडिंग होने के कारण यदि आपको इस प्रकार के लक्षण दिखाई दे तो उसे भी डॉक्टर से साझा करनी चाहिए, जैसे
- इंटरकोर्स के दौरान बर्निंग सेनसेशन या पेशाब करने के दौरान जलन
- जी मचलाना, उल्टी और भूख में कमी
- एब्डॉमिनल पेन
- एब्नॉर्मल डिस्चार्ज
- वजाइनल बर्निंग और सेंसेशन
- लोअर बैक पेन
- काफी तेज थकान और कमजोरी
- सिर दर्द
- असामान्य पेल स्किन
- ब्लैडर और बॉवेल सिंड्रोम का होना
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जानें क्या-क्या है ट्रीटमेंट
सेक्स के बाद ब्लीडिंग होने के कारण अलग-अलग हो सकते हैं। ऐसे में बीमारी का पता कर एक्सपर्ट उसके अनुसार ही ट्रीटमेंट करते हैं। इलाज करने के लिए डॉक्टर इन विकल्पों को कर सकते हैं शामिल, जैसे-
- वजाइनल मॉश्चराइजर
- गोनोरिया, सिफलिस और क्लैमिडिया के कारण बैक्टीरिया जनित इंफेक्शन को ठीक करने के लिए एंटीबायटिक दी जाती है
- वायरल इंफेक्शन यदि है तो उसके लिए दवा
- सर्वाइकल इक्ट्रॉपियन (cervical ectropion) के केस में सर्जिकल रिमूवल, क्रायोथेरेपी (cryotherapy), इलेक्ट्रोकॉट्री (electrocautery ) का कर सकते हैं इस्तेमाल
- ब्लीडिंग का कारण और असामान्य रूप से विकसित पॉलीप्स (polyps) को हटाकर
- कैंसर की सर्जरी व थैरेपी के द्वारा उपचार कर
- वजाइनल ड्रायनेस को कम करने के लिए क्रीम, सपोसिटोरीज और रिंग के रूप में वजाइनल इस्ट्रोजन का लो डोज देकर
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प्रेग्नेंसी के दौरान सेक्स के बाद ब्लीडिंग
प्रेग्नेंसी, शिशु का जन्म और ब्रेस्ट फिडिंग के दौरान हमारे शरीर का हार्मोन काफी तेजी से बदलता है। संभावनाएं रहती है कि इसके कारण वजाइनल टिशू कहीं डैमेज न हो जाए। प्रेग्नेंसी के शुरुआती दिनों में यदि ब्लीडिंग हो तो उसको लेकर डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए। वहीं प्रेग्नेंसी के आखिरी दिनों में यदि ब्लीडिंग हो तो जरूरी है कि जल्द से जल्द डॉक्टरी सलाह ली जाए, इस स्थिति में मेडिकल इमरजेंसी तक की जरूरत पड़ सकती है। यह एक प्रकार से प्रीटर्म लेबर का लक्षण होता है।
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ऐसे करें बचाव
सेक्स के बाद ब्लीडिंग यदि कम हो तो उस स्थिति में उपचार की जरूरत नहीं पड़ती, लेकिन ब्लीडिंग लगातार होती रहे तो उस अवस्था में इलाज की जरूरत पड़ती है।
आप इन तरीकों को आजमाकर कर सकते हैं बचाव
- एग्रेसिव सेक्स न कर
- रोजाना वजाइनल मॉश्चराइजर का इस्तेमाल करें
- शरीर में पानी की कमी न होने दें, नियमित रूप से पानी पीते रहें
- सेक्स के दौरान वाटर बेस्ड और सिलिकॉन बेस्ड लूब्रिकेंट्स का इस्तेमाल करें
- किसी दूसरे सेक्सुअल पार्टनर के साथ यौन संबंध बनाने के दौरान हमेशा कंडोम का इस्तेमाल करें
- इंटरकोर्स के पहले हमेशा कामोत्तेजना से भरपूर होना चाहिए
- किसी प्रकार का इंफेक्शन होने पर डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए
सेक्स के बाद ब्लीडिंग से बचाव के लिए लोगों को वैसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए जिसमें एस्ट्रोजन और फायटोएस्ट्रोजन (phytoestrogens) की मात्रा हो।
ऐसे खाद्य पदार्थ जिनमें काफी मात्रा में होते हैं फायटोएस्ट्रोजन
- ऑलिव ऑयल
- सेब
- अंगूर
- गाजर
- सीसेम सीड्स
- फ्लैक्स सीड्स
- लेंटिलिस
- ओट्स
- आल्मंड
- वालनट्स
- सनफ्लावर सीड्स
सेक्स के बाद ब्लीडिंग है सामान्य, लंबे समय तक हो तो लें डॉक्टरी सलाह
सेक्स के बाद ब्लीडिंग एक सामान्य प्रक्रिया है। यदि कोई कपल पहली बार सेक्स कर रहे हैं तो यह स्वभाविक है कि ब्लीडिंग हो। वहीं वैसी महिलाएं जिनका पीरियड आना बंद हो गया हो या फिर ओवरी की अन्य जटिलताओं से जूझ रही हैं तो वैसी महिलाओं को सेक्स के बाद ब्लीडिंग की समस्या हो सकती है।
वहीं वैसी महिलाएं जिनको मासिक धर्म समय पर आता हो उन महिलाओं को सेक्स के बाद ब्लीडिंग होने पर वह अपने आप ही कुछ समय में ठीक हो जाता है। लेकिन गंभीर, लगातार और क्रॉनिक मामलों में ब्लीडिंग की समस्या को लेकर डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए।
वैसे लोग जिनमें हार्मोनल बदलाव के दौरान पोस्टकोलाइटल ब्लीडिंग हो, जैसे मासिक धर्म के दौरान, गर्भावस्था के दौरान, शिशु को दूध पिलाने के दौरान यदि हो तो उन्हें डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए। सेक्स से जुड़े किसी भी मुद्दे पर अगर आपका कोई सवाल है, तो कृपया इस बारे में अपने डॉक्टर से परामर्श करें।