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फाइब्रॉएड के लिए उपचार जानना चाहते हैं, तो पढ़ें ये आर्टिकल

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Kanchan Singh द्वारा लिखित · अपडेटेड 23/09/2021

    फाइब्रॉएड के लिए उपचार जानना चाहते हैं, तो पढ़ें ये आर्टिकल

    गर्भाशय में बनने वाले नॉन कैंसर ट्यूमर कई बार प्रेग्नेंसी में रूकावट पैदा कर सकते हैं या गर्भावस्था के दौरान जटिलताएं बढ़ा सकते हैं। इसलिए प्रेग्नेंसी से पहले इसका इलाज करना आवश्यक है। फाइब्रॉएड क्या है और फाइब्रॉएड के लिए उपचार (Fibroid treatments) कौन-कौन से हैं? साथ ही यह गर्भावस्था को कितना प्रभावित करता है चलिए जानते हैं।

    फाइब्रॉएड का प्रेग्नेंसी पर क्या असर होता है? (Fibroid effects on pregnancy)

    फाइब्रॉएड वाली अधिकांश महिलाओं को इसकी वजह से प्रेग्नेंसी (Pregnancy) के दौरान कुछ खास समस्या नहीं होती। हालांकि 2010 में हुए एक रिव्यू के मुताबिक, 10 से 30 प्रतिशत महिलाओं को फाइब्रॉएड की वजह से गर्भावस्था में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, मुख्य समस्या होती है फाइब्रॉएड की वजह से प्रेग्नेंसी में दर्द होना। 5 सेंटीमीटर से बड़ा फाइब्रॉएड होने पर महिलाओं को प्रेग्नेंसी के आखिरी दो चरणों में दर्द की समस्या होती है। इसकी वजह से गर्भावस्था में अन्य जटिलताएं भी हो सकती हैं जिसमें शामिल हैः

    भ्रूण का विकास (Fetus development)- यदि फाइब्रॉएड बड़ा है तो इसकी वजह से भ्रूण का पूरी तरह विकास नहीं हो पाता क्योंकि उसे गर्भाशय में पूरी जगह नहीं मिल पाती।

    प्लासेंटल एबरप्शन (Placental abruption)- यह तब होता है जब प्लासेंटा गर्भाशय की दीवार से टूट जाता है, क्योंकि यह फाइब्रॉएड की वजह से अवरुद्ध हो जाता है। प्लासेंटा के द्वारा ही भ्रूण को ऑक्सिजन और पोषक तत्वों की आपूर्ति होती है। इसके टूटने पर बहुत अधिक ब्लीडिंग होती है। यह बहुत गंभीर स्थिति है।

    समय से पहले प्रसव (Early delivery)- फाइब्रॉएड की वजह से होने वाले दर्द के कारण गर्भाशय में संकुचन होता है। जिसकी वजह से समय से पहले प्रसव हो सकता है। एक अध्ययन के मुताबिक फाइब्रॉएड से पीड़ित महिलाओं में प्रेग्नेंसी के 37 हफ्ते से पहले ही डिलिवरी की संभावना अधिक रहती है

    सिजेरियन डिलिवरी (C-Section)- फाइब्रॉएड से पीड़ित महिलाओं के सी- सेक्शन की संभावना सामान्य प्रेग्नेंट महिला की तुलना में कई गुना बढ़ जाती है।

    भ्रूण (Fetus) की स्थिति – कैविटी के असामान्य आकार की वजह से भ्रूण उल्टा हो सकता है जिससे वजायनल डिलीवरी संभव नहीं होती।

    मिसकैरिज (Miscarriage)- रिसर्च के मताबिक, फाइब्रॉएड वाली महिलाओं का गर्भपात का खतरा भी बढ़ जाता है।

    इन्हीं वजहों से गर्भधारण से पहले ही फाइब्रॉएड के लिए उपचार कराना बेहतर होता है।

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    गर्भावस्था पर फाइब्रॉएड का क्या असर होता है? (Effects of Fibroids on pregnancy)

    अधिकांश फाइब्रॉएड प्रेग्नेंसी के दौरान बदलते नहीं है, लेकिन कुछ में बदलाव आता है। अधिकांश फाइब्रॉएड प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में बढ़ते हैं। दरअसल, ऐसा एस्ट्रोजन हार्मोन की वजह से होता है जो गर्भावस्था में बढ़ जाता है। जबकि कई महिलाओं का फाइब्रॉएड गर्भावस्था के दौरान आकार में छोटा हो जाता है।

    फाइब्रॉएड का फर्टिलिटी पर असर

    फाइब्रॉएड वाली कई महिलाएं कुदरती तरीके से गर्भधारण कर सकती हैं। गर्भधारण के लिए किसी तरह के उपचार की जरूरत नहीं होती है।

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    हालांकि कुछ मामलों में फाइब्रॉएड का फर्टिलिटी (Fertility) पर असर पड़ता है। जैसे सबम्यूकोसल फाइब्रॉएड, जो एक तरह का फाइब्रॉएड है जो गर्भाशय गुहा (यूरटाइन कैविटी) में विकसित होता है और यह बांझपन व मिसकैरिज के खतरे को बढ़ा देता है। वैसे कई बांझपन के लिए अन्य कारण भी जिम्मेदार हो सकते हैं, लेकिन आपको यदि फाइब्रॉएड है तो रिस्क लेने से बेहतर है कि आप फाइब्रॉएड के लिए उपचार करवा लें।

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    फाइब्रॉएड को डायग्नोस कैसे किया जाता है? (Diagnosis of Fibroids)

    यूटराइन फाइब्रॉएड का पता कई बार नियमित पेल्विक टेस्ट (Pelvic test) के दौरान संयोग से चल जाता है। आपके डॉक्टर को गर्भाशय के शेप में कुछ असमान्यताएं दिखेंगी जो फाइब्रॉएड का संकेत हो सकता है।

    फाइब्रॉएड के लिए उपचार का कौन सा तरीका अपनाया जाएगा इसके लिए पहले इसकी पहचान करना और डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है। इसके निदान के लिए डॉक्टर निम्न टेस्ट (Test) की सलाह दे सकता हैः

    अल्ट्रासाउंड (Ultrasound)– फाइब्रॉएड है या नहीं इसकी पुष्टि के लिए डॉक्टर अल्ट्रासाउंड के लिए कहेगा। यह ध्वनी तरंगों की मदद से गर्भाशय की तस्वीर लेकर फाइब्रॉएड को डायग्नोस करता है। फाइब्रॉएड के लिए उपचार कैसे किया जाना है यह उसके आकार पर भी निर्भर करता है और अल्ट्रासाउंड से तस्वीर पूरी तरह साफ हो जाती है।

    डॉक्टर या तकनीशियन अल्ट्रासाउंड उपकरण को आपके पेट के ऊपर घुमाते हैं या इसे वजायना (ट्रांसवजायनल) के जरिए अंदर डालकर गर्भाशय की तस्वीर ली जाती है

    लैब टेस्ट (Lab test)- यदि आपके पीरियड्स असामान्य हैं तो डॉक्टर आपको अन्य टेस्ट की सलाह दे सकता है। इसमें कंप्लीट ब्लड काउंड (Complete Blood Count) भी शामिल है जो यह पता लगाने के लिए किया जाता है कि लगातार ब्लीडिंग की वजह से कहीं आपको एनीमिया (Anemia) तो नहीं हो गया। दूसरे ब्लड टेस्ट ब्लीडिंग के कारणों और थायरॉइड (Thyroid) का पता लगाने के लिए किए जाते हैं।

    गर्भावस्था के दौरान फाइब्रॉएड के लिए उपचार (Fibroids treatment for pregnancy)

    गर्भावस्था के दौरान भ्रूण को जोखिम होने की वजह से फाइब्रॉएड के लिए उपचार सीमित है। बेड रेस्ट (Bed rest), हाइड्रेशन (Hydration), डॉक्टर द्वारा दी जाने वाली दर्द निवारक दवा से फाइब्रॉएड के लक्षणों से थोड़ा आराम मिल सकता है।

    बहुत ही दुर्लभ मामलों में, गर्भावस्था की दूसरी तिमाही में प्रेग्नेंट महिला की मायोमेक्टॉमी की जा सकती है। इस प्रक्रिया में गर्भाशय के बाहर या गर्भाशय की दीवार के अंदर से फाइब्रॉएड को हटा दिया जाता है, लेकिन यूटराइन कैविटी में बढ़ने वाले फाइब्रॉएड (Fibroids) को छोड़ दिया जाता है, क्योंकि इससे हटाने से भ्रूण को खतरा हो सकता है।

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    फर्टिलिटी (Fertility) बढ़ाने के लिए गर्भावस्था से पहले फाइब्रॉएड के लिए उपचार

    फर्टिलिटी बढ़ाने के लिए प्रेग्नेंसी से पहले फाइब्रॉएड के लिए उपचार कई तरीकों से किया जा सकता हैः

    मायोमेक्टमी- फाइब्रॉएड के लिए उपचार के इस तरीके में सर्जरी की जाती है, जिसमें गर्भाशय को प्रभावित किए बिना फाइब्रॉएड को हटा दिया जाता है। इस प्रक्रिया के बाद आपको कंसीव करने के लिए तीन महीने का इंतजार करना पड़ेगा।

    हार्मोनल बर्थ कंट्रोल पिल्स- ये पिल्स खाने के कारण गर्भधारण नहीं कर पाएंगी, लेकिन यह फाइब्रॉएड के लक्षणों जैसे हैवी ब्लीडिंग और पीरियड्स (Periods) के दौरान होने वाले दर्द को कम करने में मदद करता है। फाइब्रॉएड के लिए उपचार का यह तरीका भी कारगर है।

    इंट्रायूटराइन डिवाइस (IUD)- बर्थ कंट्रोल पिल्स की तरह ही (IUD) गर्भवती होने से रोकता है जब तक आप इसका इस्तेमाल करती हैं, लेकिन यह प्रजनन क्षमता की सुरक्षा करते हुए फाइब्रॉएड के कुछ लक्षणों को कम करता है।

    मायोलेसिस- यह प्रक्रिया फाइब्रॉएड को ब्लड सप्लाई करने वाली रक्त वाहिकाओं को सिकोड़ने के लिए इलेक्ट्रिक करेंट, लेजर या रेडियो-फ्रीक्वेंसी एनर्जी बीम का उपयोग किया जाता है।

    फाइब्रॉएड के लिए उपचार का कौन सा तरीका आपको अपनाना है इसके लिए डॉक्टर से सलाह लें।

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    फाइब्रॉएड वाली महिलाएं यदि भविष्य में प्रेग्नेंट होना चाहती हैं, तो फाइब्रॉएड के लिए उपचार कई तरह के हैं, लेकिन हर उपचार के अपने जोखिम और जटिलताएं हैं इसलिए इस बारे में डॉक्टर से सलाह लेकर ही आगे बढ़ें। हर बार फाइब्रॉएड के लिए उपचार जरूरी नहीं होता, लेकिन यदि यह समस्या पैदा कर रहा है तो फाइब्रॉएड के लिए उपचार कराना आवश्यक हो जाता है।

    डिस्क्लेमर

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