सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Centers for disease control and prevention) ने नींद न आने की बीमारी को पब्लिक हेल्थ प्रॉब्लम कहा है। जो कि एक गंभीर समस्या है। ऐसे बहुत से लोग हैं जो इंसोम्निया (Insomnia) जैसे स्लीप डिसऑर्डर (Sleep disorder) से ग्रस्त हैं। क्रोनिक इंसोम्निया के उपचार के लिए कुछ लोग कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी (CBT-I) का सहारा लेते हैं, तो कुछ स्लीपिंग पिल्स का। ये दवाएं भी कुछ लोगों के लिए अनिद्रा से राहत दिलाने में मददगार होती हैं। ऐसे में नींद के विकारों के इलाज के लिए ली जाने वाली स्लीपिंग पिल्स को सुरक्षित रूप से लेने के लिए कुछ टिप्स फॉलो करने चाहिए।