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Endometrial Cancer: एंडोमेट्रियल कैंसर क्या है? जानिए एंडोमेट्रियल कैंसर के लक्षण, कारण और इलाज

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 20/01/2022

    Endometrial Cancer: एंडोमेट्रियल कैंसर क्या है? जानिए एंडोमेट्रियल कैंसर के लक्षण, कारण और इलाज

    कैंसर …एक गंभीर बीमारी है, लेकिन अगर शुरुआती स्टेज से इलाज शुरू कर दिया जाए तो इस जानलेवा बीमारी को भी हराया जा सकता है। कैंसर किसी को भी किसी भी उम्र में हो सकता है, ऐसा ही एक कैंसर है एंडोमेट्रियल कैंसर (Endometrial Cancer)। एंडोमेट्रियल कैंसर महिलाओं में होनी वाला कैंसर है। नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार यूटरस में कैंसर विशेष रूप से एंडोमेट्रियल कैंसर पश्चिमी देशों की महिलाओं की तुलना में भारतीय महिलाओं में कम देखा जाता है। ऐसे में एंडोमेट्रियल कैंसर (Endometrial Cancer), एंडोमेट्रियल कैंसर के लक्षण और इससे संबंधित कई सवालों के जवाब आज यहां जानेंगे। 

    • एंडोमेट्रियल क्या है? 
    • एंडोमेट्रियल कैंसर क्या है?
    • एंडोमेट्रियल कैंसर के लक्षण क्या हैं?
    • एंडोमेट्रियल कैंसर के कारण क्या हैं?
    • एंडोमेट्रियल कैंसर का निदान कैसे किया जाता है?
    • एंडोमेट्रियल कैंसर का इलाज कैसे किया जाता है? 

    यूटरस की लाइन पर शुरुआत होने वाले एंडोमेट्रियल कैंसर के बारे में रिसर्च रिपोर्ट्स के आधार पर जानेंगे इन ऊपर दिए सवालों का जवाब।    

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    एंडोमेट्रियल (Endometrial) क्या है?

    एंडोमेट्रियल कैंसर (Endometrial Cancer)

    यूटरस की लाइन को एंडोमेट्रियम कहते हैं। जब ओवरी, बाउल और पेल्विस की लाइनिंग के टिशू पर एंडोमेट्रियल टिश्‍यू का निर्माण होने लगता है तब एंडोमेट्रियोसिस की समस्‍या शुरू हो सकती है। ऐसा माना जाता है कि तकरीबन 40 प्रतिशत महिलाओं को एंडोमेट्रियोसिस के कारण गर्भधारण में परेशानी हो सकती है। गर्भधारण में परेशानी के  अलावा महिलाओं में एंडोमेट्रियल कैंसर की समस्याओं को सामना करना पड़ सकता है। 

    एंडोमेट्रियल कैंसर (Endometrial Cancer) क्या है?

    एंडोमेट्रियल कैंसर (Endometrial Cancer)

    एंडोमेट्रियल कैंसर यूटरस (Uterus) में होने वाला कैंसर है। यूटरस हॉलो, पीयर शेप पेल्विक ऑर्गन (Pelvic organ) है जहां भ्रूण (Fetal)  का विकास होता है। एंडोमेट्रियल कैंसर को मेडिकल टर्म में यूटेराइन कैंसर (Uterine cancer) भी कहा जाता है। यूएसए के नैशनल कैंसर इंस्टिट्यूट (National Cancer Institute, USA) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार यूटेराइन कैंसर यानी एंडोमेट्रियल कैंसर अन्य कैंसर से अलग होता है, जिसकी शुरुआत यूटरस के मसल से होती है। इसे यूटरस का सार्कोमा (Sarcoma) कहते हैं। अब ऐसे में एंडोमेट्रियल कैंसर के लक्षण को समझना जरूरी है।  

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    एंडोमेट्रियल कैंसर के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Endometrial Cancer)

    एंडोमेट्रियल कैंसर (Endometrial Cancer)

    सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Centers for Disease Control and Prevention) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार एंडोमेट्रियल कैंसर के लक्षण इस प्रकार हैं- 

    1. वजायना से एब्नॉर्मल ब्लीडिंग (Abnormal vaginal bleeding) होना। 
    2. वजायना से एब्नॉर्मल डिस्चार्ज (Abnormal vaginal discharge) होना। 
    3. पेशाब (Urinating) करने के दौरान परेशानी महसूस होना। 
    4. पेल्विक एरिया में दर्द (Pelvic pain) होना। 
    5. इंटरकोर्स (Intercourse) के दौरान दर्द महसूस होना। 

    ये हैं एंडोमेट्रियल कैंसर के लक्षण और अब एंडोमेट्रियल कैंसर के कारण को समझते हैं। 

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    एंडोमेट्रियल कैंसर के कारण क्या हैं? (Cause of Endometrial Cancer)

    फाउंडेशन फॉर मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (Foundation for Medical Education and Research) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार ऐसा माना जाता है कि DNA म्युटेशन की वजह से यूटेराइन कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। अगर इसे आसान शब्दों में समझें तो म्यूटेशन नॉर्मल सेल्स को अत्यधिक बढ़ाने में मदद करते हैं, जो एक वक्त के बाद खत्म होते हैं। ऐसी स्थिति में एब्नॉर्मल सेल्स धीरे-धीरे ट्यूमर बनने लगते हैं, जो धीरे-धीरे कैंसर का रूप लेने लगते हैं।  वहीं यू.एस. डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ एंड ह्यूमन सर्विसेस (U.S. Department of Health and Human Services) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार एंडोमेट्रियल कैंसर प्रायः महिलाओं में मेनोपॉज (Menopause) के बाद होता है। इसके अलावा ओबेसिटी की शिकार महिलाओं में भी यूटेराइन कैंसर का खतरा ज्यादा होता है। वहीं जिन महिलाओं ने  एस्ट्रोजेन (Estrogen) शॉट खासकर हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरिपी (Hormone Replacement Therapy [Menopausal Hormone Therapy]) लम्बे वक्त से ले रहीं हैं, तो उन्हें भी यूटेराइन कैंसर (एंडोमेट्रियल कैंसर) का खतरा ज्यादा बना रहता है। हालांकि ऐसा नहीं है कि यूटेराइन कैंसर का इलाज नहीं है। इलाज से पहले यूटेराइन कैंसर का डायग्नोसिस किया जाता है। 

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    एंडोमेट्रियल कैंसर का निदान कैसे किया जाता है? (Diagnosis of Endometrial Cancer)

    इस कैंसर के निदान के लिए सबसे पहले ऑन्कोलॉजिस्ट पेशेंट में एंडोमेट्रियल कैंसर के लक्षणों की जानकारी लेते हैं। इसके साथ ही पेशेंट की मेडिकल हिस्ट्री समझते हैं। इसके बाद टेस्ट करवाने की सलाह दी जाती है और एंडोमेट्रियल कैंसर का निदान निम्नलिखित तरह से किया जा सकता है। जैसे:

    • ब्लड टेस्ट (Blood Test) एवं यूरिन टेस्ट (Urine Test), जिससे एब्नॉर्मल हॉर्मोन को समझने में मदद मिलती है। 
    • एब्नॉर्मल टिशू की जानकारी के लिए सीटी स्कैन (CT scan), एमआरआई (MRI) या अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) की जा सकती है। 
    • एब्नॉर्मल टिशू की जानकारी के लिए बायोप्सी (Biopsy) भी की जाती है, जिससे कैंसरस सेल को बारीकी से समझा जाता है। 

    इन अलग-अलग टेस्ट विकल्पों की मदद ली जाती है, जिससे ट्यूमर या कैंसर सेल को समझना आसान हो जाता है। वहीं अगर पेशेंट किसी और बीमारियों से पीड़ित है, तो ऐसे में ऊपर बताई गई टेस्ट के अलावा अन्य टेस्ट रिकमेंड किये जाते हैं। सभी टेस्ट रिपोर्ट्स को समझकर और पेशेंट के हेल्थ कंडिशन को जानकार एंडोमेट्रियल कैंसर का इलाज शुरू किया जाता है।  

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    एंडोमेट्रियल कैंसर का इलाज कैसे किया जाता है? (Treatment for Endometrial Cancer)

    एंडोमेट्रियल कैंसर (Endometrial Cancer)

    एंडोमेट्रियल कैंसर का इलाज निम्नलिखित तरह से किया जा सकता है। जैसे:

    सर्जरी (Surgery)- एंडोमेट्रियल कैंसर के लिए सर्जरी की मदद ली जा सकती है। हिस्टरेक्टॉमी (Hysterectomy) सर्जरी की सहायता से यूटरस, फैलोपियन ट्यूब (Fallopian tubes) या ओवरी (Ovaries) को रिमूव किया जाता है। हालांकि ध्यान रखें कि हिस्टरेक्टॉमी की वजह से भविष्य में महिला प्रेग्नेंट हो सकती हैं। वहीं अगर ओवरी को रिमूव किया जाए तो मेनोपॉज (Menopause) हो जाता है। 

    रेडिएशन थेरिपी (Radiation therapy)- रेडिएशन थेरिपी के दौरान एक्स-रे (X-rays) और प्रोटॉन्स (Protons) की सहायता से कैंसर सेल को खत्म किया जाता है। कभी-कभी सर्जरी के बाद भी कैंसर सेल्स फिर से डेवलप होने लगते हैं, इसलिए कुछ पेशेंट्स को सर्जरी के बाद भी रेडिएशन थेरिपी दी जा सकती है। हालांकि जरूरत पड़ने पर कैंसर सेल्स को कम करने के लिए सर्जरी के पहले भी रेडिएशन थेरिपी दी जा सकती है। 

    कीमोथेरिपी (Chemotherapy)- कैंसर सेल्स को नष्ट करने के लिए कीमोथेरिपी दी जाती है। इलाज के दौरान कीमोथेरिपी ड्रग या अन्य ड्रग को मिलाकर दी जाती है। कीमोथेरिपी की ओरल पिल या नस में भी दी जा सकती है। कीमोथेरिपी ड्रग पूरे शरीर में फैलकर कैंसर सेल्स को नष्ट करते हैं। 

    हॉर्मोन थेरिपी (Hormone therapy)- हॉर्मोन थेरिपी की सहायता से वैसे हॉर्मोन लेवल (Hormone level) को कम किया जाता है जिनपर कैंसर सेल्स निर्भर करते हैं। एंडोमेट्रियल कैंसर अगर यूटरस से बाहर फैल चूका है, तो ऐसी स्थिति को एडवांस्ड एंडोमेट्रियल कैंसर (Advanced Endometrial Cancer) कहते हैं और इसके इलाज के लिए हॉर्मोन थेरिपी की मदद ली जा सकती है। 

    टार्गेटेड ड्रग थेरिपी (Targeted drug therapy)- एंडोमेट्रियल कैंसर पेशेंट को टार्गेटेड ड्रग थेरिपी रिकमेंड की जाती है। इस ट्रीटमेंट के दौरान पेशेंट को ड्रग्स की सहायता से कैंसर सेल्स को नष्ट किया जाता है। आवश्यकता पड़ने पर कीमोथेरिपी और टार्गेटेड ड्रग थेरिपी एकसाथ भी दी जा सकती है। 

    इम्यूनोथेरिपी (Immunotherapy)- इम्यूनोथेरिपी कैंसर ट्रीटमेंट का एक और विकल्प है। इस थेरिपी से इम्यून सिस्टम (Immune system) को स्ट्रॉन्ग किया जाता है, जो कैंसर सेल्स से आसानी से लड़ सकें। 

    इन्हीं अलग-अलग तरीकों से कैंसर का इलाज किया जाता है। 

    और पढ़ें : कीमोथेरिपी (Chemotherapy) के साइड इफेक्ट से बचने के लिए करें ये उपाय, मिलेगी राहत

    अगर आप एंडोमेट्रियल कैंसर या एंडोमेट्रियल कैंसर के लक्षण से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो आप हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर पूछ सकते हैं। हमारे हेल्थ एक्सपर्ट आपके सवालों के जवाब देने की कोशिश करेंगे। हालांकि अगर आप या आपके जानने वाले एंडोमेट्रियल कैंसर के शिकार हैं, तो डॉक्टर से कंसल्टेशन करें, क्योंकि ऐसी स्थिति में डॉक्टर पेशेंट की हेल्थ कंडिशन (Health condition) को ध्यान में रखकर जल्द से जल्द इलाज शुरू करते हैं और कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का इलाज जितनी जल्दी शुरू हो उतना ज्यादा ही फायदा है। 

    हॉर्मोनल इम्बैलेंस की वजह से शारीरिक और मानसिक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए नीचे दिए वीडियो लिंक को क्लिक कर एक्सपर्ट से जानिए महिलाओं में होने वाले हॉर्मोनल इम्बैलेंस की समस्या और उससे बचाव का रास्ता। 

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