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ओवेरियन कैंसर भारत का तीसरा अधिक जानलेवा कैंसर है, बचाव के लिए जानें एक्सपर्ट की राय

Written by डॉ राहुलकुमार चौहान · ऑन्कोलॉजी · Fortis Hospital, Kalyan


अपडेटेड 28/02/2022

    ओवेरियन कैंसर भारत का तीसरा अधिक जानलेवा कैंसर है, बचाव के लिए जानें एक्सपर्ट की राय

    विश्वभर में ओवेरियन कैंसर महिलाओं के मृत्यु का कारण बनने वाले  7 वें कैंसर में से एक है। भारत में, यह तीसरा सबसे आम कैंसर है – हर साल यह लगभग 60,000 महिलाओं को प्रभावित करता है। इसके आकड़े बढ़ते जा रहे हैं! यह एक अत्यधिक तेजी से बढ़ने वाला कैंसर है, जिसका मृत्यु अनुपात बहुत अधिक है। कैंसर का इलाज ज्यादातर मामलों में  समय पर इसलिए नहीं हो पाता है, क्योंकि कैंसर के लक्षण (Symptoms of cancer) जल्दी नजर नहीं आते हैं या लंबे समय तक इन लक्षणों पर किसी का ध्यान नहीं जा पाता है। यह अंडाशय के विभिन्न भागों में, बिना किसी प्रमुख लक्षण के हो सकता है, जैसे रोगी को पेट में सूजन (Abdominal swelling), अपच (Indigestion), और कभी-कभी मूत्र संबंधी विकारों के कारण भी। ये लक्षण, कई अन्य समस्याओं के सामान्य लक्षण भी हो सकते हैं; इसलिए, प्रारंभिक अवस्था में ओवेरियन कैंसर (Ovarian cancer) की पहचान करना मुश्किल हो जाता है। हालांकि, ओवेरियन कैंसर (Ovarian cancer) को हराने का एकमात्र प्रभावी तरीका यही है कि इसका समय रहते जल्द से जल्द निदान किया जाए। जानें महिलाओं में होने वाले कैंसर के बारे में :

    ओवेरियन कैंसर (ovarian cancer) क्या है?

    महिलाओं में होने वाले कैंसर में ओवेरियन कैंसर के केस अधिक देखे जाते हैं। ओवरी, महिलाओं के प्रजनन प्रणाली (Women’s reproductive system) का हिस्सा है और यह हाॅर्मोन के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जो महिलाओं के शरीर के आकार और मासिक धर्म चक्र को नियंत्रित करने का काम करती है। ओवेरियन कैंसर (Ovarian cancer) एक ऐसी बीमारी है, जिसमें अंडाशय को कवर करने वाले ऊतकों में कैंसर की कोशिकाएं उत्पन्न होने लगती हैं। यह रोग आमतौर पर महिलाओं को उनकी रजोनिवृत्ति के बाद और बढ़ती उम्र के साथ ज्यादा प्रभावित करता है। इसके लक्षण महिलाओं में जल्दी नजर नहीं आते हैं और कई बार नजर आने पर भी महिलाएं, उसे अनदेखा कर देती हैं। इसके नजर आने वाले कुछ लक्षणों में शामिल हैं, पेट में सूजन (Abdominal swelling) ,दर्द, थकान, पेट में भारीपन महसूस होना, अपच (Indigestion) और बार-बार पेशाब करने की इच्छा महसूस होना आदि। यह लक्षण सामान्य बीमारी के भी हो सकते हैं। जिसकी महसूस होने पर आपको डॉक्टर से तुरंत मिलना चाहिए। ओवेरियन कैंसर के लक्षण (Ovarian cancer symptoms) और लक्षण:

  • पेल्विस में दर्द  (Pain in the pelvis)
  • पेट के निचले हिस्से में दर्द (Pain in the lower stomach)
  • पीठ में दर्द (Back pain)
  • अपच (Indigestion)
  • हार्टबर्न (heartburn)
  • खाना खाते समय पेट भरा महसूस होना (Feeling full rapidly when eating)
  • पेशाब अधिक होना (More frequent and urgent urination)
  • संभोग के दौरान दर्द (Pain during sexual intercourse)
  • कब्ज की समस्या होना (constipation)
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    जैसे-जैसे ओवेरियन कैंसर बढ़ता है, इस तरह के लक्षण भी नजर आ सकते हैं:

    • जी मिचलाना (Nausea)
    • वजन घटना (Weight loss)
    • सांस फूलना (Breathlessness)
    • थकान (Fatigue)
    • भूख में कमी (Loss of appetite)

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    भारत में बढ़ रहे ओवेरियन कैंसर के मरीज (Ovarian cancer patients)

    लगभग 10% महिलाओं में, ओवरी के कैंसर का पारिवारिक इतिहास जेनेटिक होता है, यानी कि आनुवांशिक रूप से होता है। जेनेटिक मामलों में बिगड़ा हुआ BRCA1 / 2 जीन है। फैमिली हिस्ट्री होने पर भी ओवेरियन कैंसर होने का खतरा अधिक होता है। बीआरसीए 1/2 दो सुरक्षात्मक जीन हैं, इन जीनो की संरचना में परिवर्तन से हमारे शरीर में कई कैंसर हो सकते हैं, मुख्य रूप से स्तन और अंडाशय को ज्यादा प्रभावित करते हैं। महिलाओं में होने वाली इन दिक्कतों के होने पर तुरंत ऑन्कोलॉजिस्ट (oncologist) से परामर्श करना चाहिए। ताकि यह पता लगाया जा सके कि उन्हें डिम्बग्रंथि के कैंसर होने की कितनी संभावना है। डिम्बग्रंथि के कैंसर के लिए बढ़े हुए जोखिम वाली महिलाओं को कैंसर के विकास से पहले अपने अंडाशय को हटाने के लिए सर्जरी की सलाह दी जा सकती है। हाॅर्मोन रिप्लेसमेंट थेरिपी (hormone replacement therapy) का उपयोग, अधिक वजन होना (Over weight), धूम्रपान (Smoking) और इनफर्टिलिटी (Infertility) की शुरुआत एंडोमेट्रियोसिस ओवेरियन के कैंसर के अन्य जोखिम के कारक हैं। हमारे लाइफस्टाइल में होने वाली ऐसी बहुत सी गतविधियां है, जो हमें इसका शिकार बनाती हैं। तो वहीं दूसरी तरफ कई इससे बचाव के भी कई तरीके हैं, जैसे कि प्रसव, स्तनपान, शारीरिक व्यायाम (Physical exercise), ओरल गर्भ निरोधकों का सेवन, फैलोपियन ट्यूब को हटानाऔर ट्यूबल लिगेशन किसी को भी ओवेरियन के कैंसर से बचा सकते हैं।

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    जरूरी जांचें

    आवेरियन कैंसर से बचाव के लिए सबसे पहला उपाय यह है कि समय रहते जांच और फिर इलाज हो जाए। प्रस्तुति पर रोग के कारण होने वाले ओवेरियन कैंसर पिछले पांच सालों में 45% देखे गए हैं। इसलिए, महिलाओं को इन लक्षणों के बारे में अधिक जागरूक होने और इसके शुरू होने के एक साल के भीतर ऑन्कोलॉजिस्ट की देखरेख में इलाज बहुत जरूरी है। स्क्रीनिंग के लिए, आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले परीक्षण में समय-समय पर डॉक्टर से मिलना और अल्ट्रासाउंड है। इससे समय पर उपचार मरीज को मिल सकता है। डिम्बग्रंथि के कैंसर का उपचार कैंसर के चरण, कोशिकाओं के प्रकार और रोगी की उम्र पर निर्भर करता है। ओवेरियन के कैंसर के इलाज (cancer treatment) के लिए मुख्य रूप से इस्तेमाल की जाने वाले उपायों में सर्जरी, कीमोथेरिपी (chemotherapy) और मेडिकेशन शामिल है।

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    ओवेरियन कैंसर (ovarian cancer) का इलाज: रोकथाम के लिए समय पर इलाज है बेहतर

    ओवेरियन कैंसर के इलाज और रोकथाम के लिए, सभी महिलाओं को अपने शरीर में कैल्शियम (calcium) के स्तर की नियमित रूप से जांच करवानी चाहिए। यदि इसका स्तर अधिक हैं, तो ओवेरियन के कैंसर का खतरा आप में अधिक है। यह जांच आपको समय-समय पर कराते रहना चाहिए, यदि पहले कभी आपमें इसका स्तर बढ़ा हुआ आ चुका है। इसके अलावा, गर्भनिरोधक गोलियां आमतौर पर विवादों और मिथकों से घिरी होती हैं, लेकिन ये गोलियां महिलाओं को ओवेरियन संबंधी रोगों से बचाने में प्रभावी देखी गई हैं। लेकिन इसे इसका इलाज नहीं कह सकते हैं। इसे अपने डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही लिया जाना चाहिए। इसके अलावा, जिन महिलाओं को कोलन कैंसर (colon cancer), प्रोस्टेट कैंसर (Prostate cancer) या गर्भाशय कैंसर की फैमिली हिस्ट्री होती है, उन्हें कभी भी लक्षणों की अनदेखी नहीं करना चाहिए।

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