चीन के वुहान शहर से शुरू हुए नोवेल कोरोनावायरस (Novel Coronavirus) ने न सिर्फ चीन में बल्कि पूरे एशिया में डर का माहौल बना दिया है। इसके अलावा, चीन का पड़ोसी होने की वजह से भारत में भी इस खतरनाक वायरस के फैलने का खौफ है। यह डर इस बात से और बढ़ गया है कि महाराष्ट्र में पांच लोगों को लक्षणों के आधार पर डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है। जिसके बाद भारतीयों के मन में कोरोना वायरस से बचाव या अन्य जानकारी से जुड़े काफी सवाल और शंका हैं, जो उन्हें परेशान कर रही हैं।
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कोरोना वायरस से बचाव के बारे में डॉक्टरों का क्या कहना है?
हमने कोरोना वायरस से बचाव या उसके बारे में Hello स्वास्थ्य वेबसाइट की दो इनहाउस डॉक्टर से बात की है, जिन्होंने इस बीमारी के बारे में कुछ हद तक स्थिति साफ की है। इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर शरयु माकणीकर (BAMS, PGDEMS), जो काउंसलिंग भी करती हैं और प्रणाली पाटील, Pharm.D (डॉक्टर ऑफ फार्मासी), दोनों का कहना है कि, चूंकि अभी तक डॉक्टरों और विशेषज्ञों की टीम कोरोना वायरस के इलाज, रोकथाम और जानकारी के बारे में शोध कर रही है, इसलिए कुछ भी आधिकारिक तौर पर कहना जल्दबाजी होगी। लेकिन, कोरोना वायरस और अन्य वायरल इंफेक्शन के बारे में उपलब्ध जानकारी पर कुछ बातें समझी जा सकती हैं। इस आर्टिकल में जानें Hello स्वास्थ्य की दोनों इन-हाउस डॉक्टरों से बातचीत जिसमें कोरोना वायरस से बचाव संबंधी बातें सामने आईं।
कोरोना वायरस से बचाव से पहले इन सवालों के जवाब जानें
सवाल- कोरोना वायरस क्या है?
डॉ. शरयु – कोरोना वायरस एक ऐसा वायरस है, जो कोरोनाविरिडी फैमिली से संबंध रखता है। यह वायरस रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट को प्रभावित करता है और उसे नुकसान पहुंचाता है। कोरोना वायरस की वजह से खांसी, बुखार या रेस्पिरेक्टरी ट्रैक्ट इंफेक्शन के अन्य लक्षण दिखने लगते हैं। इसके लक्षण आम फ्लू या ठंड की वजह से होने वाले लक्षणों जैसे हो सकते हैं, जिस वजह से इसे पहचान पाना और मुश्किल है। इसी वजह से कोरोना वायरस से बचाव करना बेहद जरूरी हो जाता है। कोरोना वायरस से बचाव के लिए एक्सपर्ट से जरूर परामर्श करें।
डॉ. प्रणाली – कोरोना वायरस कोरोनाविरिडी फैमिली से है। उसका शेप क्राउन जैसा होता है, जिस वजह से उसका नाम कोरोना रखा गया है। यह खतरनाक वायरस फिलहाल चीन से थाईलैंड, जापान आदि देशों में फैल रहा है, जिसकी वजह से सबसे ज्यादा खतरा एशियाई देशों को है। इसी वजह से भारत में इसके फैलाव के बाद कुछ मामलें सामने आ सकते हैं या जो भारतीय लोग अभी चीन या जापान, थाईलैंड की यात्रा पर हैं, उनमें कोरोनावायरस मिलने की आशंका हो सकती है।
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सवाल- कोरोना वायरस से बचाव और इलाज क्या हो सकता है?
डॉ. शरयु – दिसंबर 2019 में नोवेल कोरोनावायरस का पहला मामला देखा गया था, जो कोरोना वायरस का एक नया वर्जन है। जिसके लक्षण पहले वाले कोरोना वायरस के जैसे हैं, लेकिन इसकी अलग फॉर्मेशन होने की वजह से इसके प्रभावी इलाज खोज करना बाकी है। लेकिन नोवेल कोरोनावायरस का सिंप्टोमेटिक ट्रीटमेंट किया जा रहा है।
डॉ. प्रणाली – कोरोनावायरस का अभी कोई प्रामाणिक इलाज नहीं है। जिस वजह से प्रिकॉशनरी मेजर्स और सिंप्टोमेटिक ट्रीटमेंट का इस्तेमाल किया जा सकता है।
सवाल- नोवेल कोरोना वायरस और अन्य रेस्पिरेटरी डिजीज में समानता और अंतर क्या हैं?
डॉ. शरयु – अन्य रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन और कोरोना वायरस में सबसे बड़ा अंतर उसके इलाज को लेकर है। निमोनिया या अन्य रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट डिजीज के लक्षणों और इंटेंसिटी के हिसाब से इलाज कर के कंट्रोल किया जा सकता है। लेकिन, नोवल कोरोना वायरस का इलाज अभी तक उपलब्ध नहीं है, अभी बस हम इसे कंट्रोल करने की कोशिश कर सकते हैं। अगर हम समानता कि बात करें तो इसके और अन्य रेस्पिरेटरी डिजीज के लक्षण समान हैं। बाहर से यह बिल्कुल अन्य फ्लू या रेस्पिरेटरी डिजीज की तरह ही लगता है। जिसे सिर्फ डायग्नोज के द्वारा ही पहचाना जा सकता है।
डॉ. प्रणाली – नोवेल कोरोना वायरस और अन्य रेस्पिरेटरी डिजीज के लक्षण समान हैं, जिसमें खांसी, बुखार, सिरदर्द, थकान या सांस संबंधित समस्याएं शामिल हैं। इसके अलावा, इनमें अंतर के बारे में अभी कुछ आधिकारिक रूप से नहीं कहा जा सकता है, क्योंकि नोवेल कोरोना वायरस के बारे में पूरी जानकारी आना बाकी है। यह सिर्फ टेस्ट के द्वारा ही पता लगाया जा सकता है, जो सिर्फ डॉक्टर ही बता सकता है।
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सवाल- कोरोना वायरस से बचाव के लिए क्या करें?
डॉ. शरयु – यह बहुत संक्रामक बीमारी है। जो कि रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट को प्रभावित करती है। यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने के दौरान निकलने वाली ड्रॉपलेट्स से फैल सकता है। अगर, आपके आम फ्लू के लक्षण ठीक नहीं हो रहें तो डॉक्टर को दिखाएं। इसके अलावा, बाहर जाने पर मास्क से मुंह और नाक ढक कर रखें और हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें। इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास जाने से बचें या कोई जानकार व्यक्ति जो चीन या कोरोना वायरस के मामले मिलने वाली अन्य जगह से आया हो तो उससे दूरी बनाकर रखें। बेवजह भीड़भाड़ वाली जगह न जाएं और मुख्य बात अफवाहों से दूर रहें। क्योंकि अफवाहें समाज में डर पैदा कर सकती है और खुद जानकारी इकट्ठा करें और दूसरे लोगों को भी दें। अपने घर में बच्चे और बुजुर्गों को भी बताएं, ताकि वह भी इस बीमारी से दूर रह सकें, क्योंकि इन लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है और वायरल इंफेक्शन होने का खतरा होता है।
डॉ. प्रणाली – अभी नोवेल कोरोना वायरस का इलाज नहीं है, तो इससे बचाव ही एकमात्र रास्ता है। जिसमें, बाहर जाने के बाद, कुछ खाने या मुंह व नाक पर हाथ लगाने से पहले हैंड वॉश करें, खांसते व छींकते हुए रुमाल का इस्तेमाल करें, बीमार व्यक्ति से दूरी बनाएं, अगर आपमें फ्लू के लक्षण दिख रहे हैं, तो भीड़भाड़ वाली जगह पर न जाएं। अगर आप संक्रमित जगह से ट्रेवलिंग करके आए हैं और आप में फ्लू के लक्षण दिख रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। संक्रमण झेल रहे शहर या देश की यात्रा न करें। चेहरे पर मास्क का इस्तेमाल करें। किसी भी व्यक्ति से हाथ मिलाने के बाद हाथ अच्छी तरह से धोएं। घर में सब्जियां लाएं तो उसे अच्छी तरह से धुलें।
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सवाल- कोरोना वायरस की पहचान कैसे कर सकते हैं?
डॉ. शरयु – चूंकि इसके लक्षण, इलाज और डायग्नोज की रिसर्च चल रही हैं, इसलिए कोई पक्की जानकारी देना उचित नहीं होगा। लेकिन चेस्ट एक्सरे, चेस्ट सीटी स्कैन, स्पूटम टेस्ट, नेजल स्वैब, ब्लड टेस्ट आदि की मदद लेकर डॉक्टर इसकी पहचान कर सकते हैं।
डॉ. प्रणाली – कोरोना वायरस के टेस्ट के बारे में जानकारी अभी प्रामाणिक नहीं है। लेकिन आम फ्लू या वायरल इंफेक्शन के मामलों में निम्नलिखित टेस्ट का उपयोग किया जाता है, जो कि इसके डायग्नोज के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकते हैं। जैसे ब्लड टेस्ट, पीसीआर टेस्ट, इलेक्ट्रोन माइक्रोस्कॉपी आदि।
सवाल- क्या हम इसमें सामान्य जुकाम या फ्लू की तरह ओवर द काउंटर दवाई ले सकते हैं?
डॉ. शरयु – इस दौरान किसी भी बीमारी या स्थिति में डॉक्टर के पास ही जाएं, क्योंकि कोरोना वायरस का प्रकोप अभी जारी है। क्योंकि, ओटीसी दवाई का सेवन करने के बाद आराम मिलने का इंतजार करने से कोरोना वायरस की गंभीरता बढ़ सकती है।
डॉ. प्रणाली – डॉक्टर के पास जाना सबसे बेहतर और सुरक्षित तरीका है। लेकिन, अगर आपको बुखार या सिरदर्द है और आप ओटीसी दवाई ले रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी 2-3 दिन के आसपास आपको आराम नहीं मिलता तो बिना देरी किए डॉक्टर के पास जाएं। इसके अलावा सबसे जरूरी बात यह है कि, अगर आपको फ्लू संबंधित लक्षण हैं, तो इसमें एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल ना करें। इसकी जगह पेरासिटामोल, आइबूप्रोफेन आदि ले सकते हैं।
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सवाल- क्या आप कुछ अन्य जानकारी देना चाहती हैं?
डॉ. शरयु – काफी लोग घर में कुत्ते, बिल्ली, कैटल्स आदि पालते हैं। किसी भी वायरस का खतरा होने पर पालतू जानवरों को वेटेनरी डॉक्टर के पास लेकर जाइए। उनकी भी जांच करवाइए और अगर उन्हें कोई समस्या है तो उसका इलाज करवाइए। क्योंकि, अधिकतर वायरस जानवरों से फैलते हैं और यह उन्हें भी हो सकते हैं। जो लोग जानवरों से संबंधित जगह पर कार्य करते हैं जैसे किसी फार्म आदि पर, उन्हें ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत होती है। नहाने के पानी में भी एंटीसेप्टिक लिक्विड डालकर नहाएं। घर में कपड़े, सोफे, तकिए, तौलिए आदि को भी साफ रखें और किसी दूसरे के कपड़े या तौलिए आदि का इस्तेमाल न करें। बाहर के जानवरों से भी दूर रहें और चिड़ियाघर जैसी जगह पर जाने से बचें। बच्चों को जानकारी दें और जागरुकता बढ़ाएं, क्योंकि स्कूल जाने या घर से बाहर खेलने की वजह से उन्हें यह बीमारी होने का ज्यादा खतरा होता है। मीट खाना अवाइड करें। कैटल्स रखने की जगह भी साफ-सफाई रखें। इन चीजों से कोरोना वायरस से बचाव हो सकता है।
डॉ. प्रणाली – अगर, आप में फ्लू के कुछ लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो एकदम घबराएं नहीं। जरूरी नहीं यह कोरोना वायरस ही हो और अगर आपको कोई शंका है तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं और सलाह लें। लेकिन कोरोना का अभी इलाज नहीं है और इसलिए सिर्फ बचाव ही इसका एकमात्र रास्ता है। इसलिए कोरोना वायरस से बचाव का हर संभव प्रयास करें और इसे फैले से रोकें।
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