कोरोना वायरस से जुड़े नए लक्षणों की बात सामने आ रही है। आमतौर पर इसके लक्षण सर्दी जुकाम की तरह होते हैं जैसे सूखी खांसी, गले में खराश, सांस लेने में दिक्कत, बुखार, मांसपेशियों में दर्द आदि लेकिन वैज्ञानिकों ने अब कोरोना के नए लक्षण के बारे में मालूम किया है। इससे आपको कोरोना वायरस को पहचानने में आसानी हो सकती है।
कोरोना के नए लक्षण
जर्मनी के एक्सपर्ट्स के अनुसार कोरोना से संक्रमित लोगों में सूंघने और स्वाद लेने की क्षमता कमजोर हो जाती है। ये लक्षण 66 प्रतिशत मरीजों में नजर आए हैं। इसका एक अन्य लक्षण डायरिया भी हो सकता है। 20 प्रतिशत मरीजों में डायरिया की शिकायत देखने को मिली है। कोरोना संक्रमित कई मरीजों ने शिकायत की है कि उन्हें न तो किसी खाने की महक महसूस हो रही है और न ही खाते समय स्वाद आ रहा है।
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कोरोना के नए लक्षण ने खड़ी की ये चुनौती
कोरोना के नए लक्षण ने ईएनटी स्पेशलिस्ट (Ear Nose Throat Specialist) के लिए चुनौती खड़ी कर दी है। दरअसल, कोरोना से संक्रमित कई लोगों में सूंघने और स्वाद लेने की क्षमता कमजोर होती देखी जा रही है। ये लोग ईएनटी स्पेशलिस्ट के पास इलाज के लिए जा रहे हैं। हो सकता है इन लोगों को खुद भी मालूम न हो कि इन्हें कोरोना हो। डॉक्टरों को भी इसकी जानकारी न होने के कारण वे बिना प्रॉटेक्टिव सूट के उनका इलाज कर रहे हैं।
कोरोना पॉजिटिव ओलिविया हाइन्स की कहानी
कोरोना पॉजिटिव ओलिविया हाइन्स नाम की एक महिला ने चार दिन के बाद यह महसूस किया कि उन्हें किसी भी चीज की महक महसूस नहीं हो रही है। इसके साथ ही न ही उन्हें खाने में किसी चीज का स्वाद आ रहा है। आइसोलेशन में रह रहीं ओलिविया को जब खांसी और बुखार में थोड़ा आराम मिला तो उन्हें खाना खाने की तलब हुई। उन्होंने अपने लिए खाना बनाया। खाना खाते वक्त उन्हें स्वाद नहीं आया तो उन्हें लगा हो सकता है खाना आज अच्छा न बना हो। ओलिविया ने कहा, तीन बार खान खाने के बाद मुझे अहसास हुआ कि मुझे न स्वाद पता चलता है और न महक। उन्होंने बताया कि किसी ने इस लक्षण पर बात नहीं की थी तो मेरा भी ध्यान इस पर नहीं गया था।
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इन देशों में भी नजर आए कोरोना के नए लक्षण
साउथ कोरिया, चीन, इटली के भी कई मरीजों ने ये शिकायत की थी कि वह न कुछ सूंघ पा रहे हैं और न उन्हें स्वाद पता चलता है। ब्रिटेन में ईयर, नोज व थ्रोट विशेषज्ञों के ग्रुप के प्रेजिडेंट निर्मल कुमार कहते हैं, ‘हमारे पास पिछले 48 घंटे या 72 घंटे में करीब 500 मरीजों से पता चला कि उनका स्मेल और टेस्ट का सेंस खत्म हो गया है। इससे पहले कभी इतनी संख्या में ऐसे पेशेंट्स नहीं आते थे। पहले महीने में एक या दो मरीज यह समस्या लेकर आते थे। अचानक से इन पेशेंट्स की संख्या तेजी में देखकर शुरुआत में हमें भी हैरानी हुई। निर्मल ने ब्रिटेन में स्वास्थ्य अधिकारियों को इस बारे में चिट्ठी लिखकर चिंता जताई है। उन्होंने चिट्ठी में लिखा है कि ऐसे मरीजों का इलाज करते वक्त डॉक्टरों को प्रोटेक्टिव सूट पहनने को बोला जाए क्योंकि ये कोरोना पॉजिटिव भी हो सकते हैं।
क्या वायरस नर्व में प्रवेश कर सकता है?
वायरस और बैक्टीरिया नाक के माध्यम से शरीर में प्रवेश करते हैं। वैसे तो हमारा रक्षा तंत्र ज्यादातर रोगजनकों को ऊतक की गहरी परतों में घुसने से रोकते हैं। लेकिन फिर भी कुछ रोगजनक नाक की नेसजल लाइनिंग (Nasal lining) में प्रवेश करते हैं, जो सेंस ऑफ स्मेल के लिए जाने जाते हैं। यहीं ये रोगजनक (pathogens) ट्राइजेमिनल नर्व (trigeminal nerve) में भी एंटर कर सकते हैं जो काटने, चबाने और चेहरे में सनसनी को नियंत्रित करता है।
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कोरोना वायरस (कोविड-19) कैसे सूंघने की शक्ति को करता है कमजोर?
इन्फ्लूएंजा और हर्पीस जैसे वायरस ओल्फैक्टरी नर्व सेल्स को संक्रमित करने के लिए जाने जाते हैं। जानवरों पर किए गए शोध के अनुसार, कोरोनावायरस तेजी से ओल्फैक्टरी नर्व में प्रवेश कर सकता है और फिर मस्तिष्क में जारी रह सकता है। खाने की खुशबू का संदेश दिमाग तक पहुंचाने का काम ओल्फैक्टरी नर्व का होता है। नए कोरोना वायरस ओल्फैक्टरी नर्व पर कैसा असर करता है इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है। लेकिन पुराने कुछ कोरोना वायरस की स्टडी में यह बात सामने आई थी कि वो ओल्फैक्टरी नर्व सेल्स को डैमेज कर सकते हैं।
लोगों की सूंघने की शक्ति कमजोर होने का मुख्य कारण ओल्फैक्टरी नर्व सेल्स का डैमेज होना है। यदि किसी इंसान की 20 से 30 प्रतिशत ओल्फैक्टरी नर्व सेल्स भी डैमेज हो जाती है तो उसकी सूंघने की शक्ति कमजोर हो जाती है।
कोरोना वायरस से स्वाद की क्षमता पर कैसे असर पड़ता है?
जब भी हम किसी स्वादिष्ट खाने का लुत्फ लेते हैं तो वो दरअसल खुशबू और टेस्ट दोनों का कॉम्बिनेशन होता है। जो लोग अपनी सूंघने की क्षमता खो देते हैं वो खाने का लुत्फ नहीं ले पाते हैं। आप सोच रहे होंगे खुशबू का स्वाद से क्या लेना देना। दरअसल, हमारा दिमाग एक मशीन समान है। जिस तरह खाने का स्वाद जीभ के रास्ते जाता है उसी तरह खाने की खुशबू का भी खाने के स्वाद को जानने में अहम रोल निभाती है। कोरोना वायरस से खुशबू वाले सेंस प्रभावित होते हैं तो इसका असर स्वाद पर भी पड़ता है।
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क्या वायरस के कारण सभी में सूंघने और स्वाद की क्षमता कमजोर होती है?
हम सभी का शरीर और इम्यून सिस्टम अलग अलग होता है। सभी लोग रोगजनकों के लिए अतिसंवेदनशील नहीं होते व सभी को ये एक ही तरह से प्रभावित नहीं करते हैं। चूहों पर किए गए एक शोध में मालूम हुआ कि यह विभिन्न लोगों में अलग-अलग तंत्रिका मार्ग को प्रभावित करता है।
क्या वायरस के कारण सूंघने और स्वाद की क्षमता हमेशा के लिए चली जाती है?
यदि आपकी सूंघने और स्वाद की क्षमता प्रभावित होती है तो यह कुछ समय के लिए ही होगा। यदि ओल्फैक्टरी नर्व सेल्स डैमेज हो जाती है तो कुछ समय के बाद नर्व सेल्स वापस से ग्रोथ करके दिमाग के साथ कनेक्शन बनाने में कामयाब होती है। कुछ हफ्तों या दिनों में सूंघने और स्वाद की क्षमता नॉर्मल हो जाती है।
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