परिचय
टिंडा क्या है?
भारत में टिंडा पसंद करने वालों की तादाद काफी कम है, जिसके पीछे इसके स्वाद को वजह माना जा सकता है। लेकिन, इस वजह से इससे दूरी बनाना अच्छा विचार नहीं है, क्योंकि पोषण के मामले में यह काफी प्रभावशाली साबित होता है। त्वचा, पाचन तंत्र और बालों के लिए टिंडा के फायदे हो सकते हैं, इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, पोटेशियम, विटामिन ए, विटामिन सी, आयरन, मैंगनीज आदि उच्च मात्रा में होते हैं। इसका वैज्ञानिक नाम PRAECITRULLUS FISTULOSUS है, जो कि Cucurbitaceae फैमिली से संबंध रखता है। इसका सेवन भारत में सब्जी, अचार और कैंडी के रूप में किया जाता है और इसके एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीएजिंग और अल्कालाइन गुण की वजह से इसे आयुर्वेद में औषधीय माना जाता है। इसलिए टिंडा के फायदे होते हैं।
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उपयोग
टिंडा का उपयोग किसलिए किया जाता है?
टिंडा का उपयोग इन समस्याओं या स्थितियों के दौरान किया जा सकता है, जैसे-
टिंडा के फायदे: मजबूत पाचन तंत्र
टिंडे में फाइबर उच्च मात्रा में होता है, जो हमारे पेट और पाचन तंत्र के लिए काफी लाभदायक होता है। टिंडे का सेवन करने से शरीर को फाइबर मिलता है, जो कि कब्ज, पेट फूलना, मरोड़ आदि समस्याओं से राहत दिलाता है। इसके अलावा, यह गट की समस्याओं को दूर करके मल त्यागने की प्रक्रिया को आसान बनाता है और टिंडा के फायदे मिलता है।
टिंडा के फायदे: हार्ट फंक्शन को बेहतर रखने के लिए
टिंडे में कोलेस्ट्रॉल न के बराबर होता है, जिस कारण यह दिल के स्वास्थ्य के लिए काफी स्वास्थ्यवर्धक आहार है। यह शरीर में रक्त प्रवाह को सुधारने में मदद करता है और दिल के रोगियों के लिए काफी सुरक्षित रहता है।
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टिंडा के फायदे: किडनी को डिटॉक्स करने के लिए
यह किडनी की कार्यक्षमता को बढ़ाने में मदद करता है और एक्सक्रेटरी सिस्टम के द्वारा वेस्ट मेटेरियल के निकलने की सामान्य प्रक्रिया को बढ़ाता है। जिस कारण किडनी के साथ-साथ पूरे शरीर से विषाक्त पदार्थ आसानी से बाहर निकल जाते हैं। इसके अलावा, शरीर डिटॉक्स होने के कारण शरीर के आंतरिक अंग हाइड्रेट रहते हैं और उनका स्वास्थ्य सही रहता है। टिंडा खाने से किडनी के साथ-साथ ब्लैडर भी स्वस्थ रहता है।
टिंडा के फायदे: रेस्पिरेटरी प्रोसेस को बेहतर करता है
टिंडे में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-एजिंग गुण होते हैं, जो फेफड़ों में उम्र बढ़ने या अन्य कारणों से होने वाली सूजन की वजह से आने वाली सांस लेने में तकलीफ को दूर करने में मदद करते हैं। इस कारण फेफड़ों की कार्यक्षमता सही रहती है और रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट स्वस्थ रहता है।
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टिंडा के फायदे : वजन घटाने में मददगार
टिंडा खाने से वजन घटाने में भी मदद मिलती है। इसमें प्रचुर मात्रा में पोषक तत्व होते हैं, जो कि स्वस्थ डायट के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। खासतौर से, यह मधुमेह के रोगियों की डायट में शामिल करना चाहिए। इसमें मौजूद फाइबर पेट को देर तक भरा रखता है, जिससे अपौष्टिक खानपान की आशंका कम हो जाती है और फैट जल्द ही बर्न होता है।
टिंडा के फायदे : कीटो डायट में कर सकते हैं सेवन
कीटो डायट में बिना किसी परेशानी के टिंडा खाया जा सकता है, क्योंकि कीटो डायट में नॉन-स्टार्ची वेजिटेबल को नियमित रूप से शामिल किया जाता है। टिंडे में शुगर और कार्बोहाइडेट्र की मात्रा प्राकृतिक रूप से ही कम होती है। इसका कीटो डायट के रूप में सेवन करने के लिए सिर्फ आपको इसको उबालकर इसमें स्वादानुसार नमक और मिर्च डालकर सेवन करना होता है।
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टिंडा के फायदे :त्वचा और बालों के लिए
- टिंडे में मौजूद विटामिन-ई और एंटीऑक्सीडेंट गुण त्वचा को मॉश्चराइज करने का कार्य करते हैं। इसका जेल एक्सट्रैक्ट सनबर्न और रैशेज को ठीक करने में मदद करता है और त्वचा को मुलायम बनाता है।
- टिंडे में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो त्वचा के संक्रमण को सही करने में मदद करते हैं। इसके अलावा, इसमें मौजूद विटामिन-सी त्वचा को शुद्ध और साफ रखता है और उसे एलर्जी से दूर रखता है।
- टिंडे का उपयोग बालों के लिए भी फायदेमंद होता है। इसमें मौजूद विभिन्न विटामिन और मिनरल बालों को जड़ से मॉश्चराइज करते हैं और उनकी ग्रोथ को बढ़ाते हैं। इसके जेल एक्सट्रैक्ट को बालों की जड़ों में लगाने से उन्हें स्वस्थ बनाया जा सकता है और बालों की मोटाई को बरकरार रखा जा सकता है।
- टिंडा खाने के अलावा बालों या सिर की त्वचा में लगाने से डैंड्रफ की समस्या को भी कम किया जा सकता है। इसके गूदे से निकला जेल डैंड्रफ बनाने वाले धूल और फंगस पार्टिकल्स को दूर करने में मदद करता है और आपको डैंड्रफ से होने वाली खुजली आदि से राहत देता है।
इसमें मौजूद पोषक तत्व
- डायटरी फाइबर
- प्रोटीन
- सोडियम
- पोटेशियम
- विटामिन ए
- विटामिन सी
- विटामिन बी6
- विटामिन ई
- कैल्शियम
- मैग्नेशियम
- जिंक
- फॉस्फोरस
- आयोडीन
- मैंगनीज
इन ऊपर बताई गई पौष्टिक तत्वों की मौजूदगी टिंडा के फायदे का कारण माना जाता है।
टिंडे का उपयोग कितना सुरक्षित है?
टिंडे का सेवन काफी हद तक सुरक्षित है, लेकिन अगर आप किसी क्रॉनिक डिजीज, धूल या खाद्य पदार्थ से होने वाली एलर्जी का सामना कर रहे हैं या फिर आप गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिला हैं, तो सुरक्षा के लिहाज से इसका सेवन करने से पहले हर्ब लिस्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
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साइड इफेक्ट्स
टिंडा खाने से मुझे क्या-क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं?
- लंबे समय तक सेवन करने पर लो ब्लड प्रेशर की समस्या
टिंडा खाने से होने वाले साइड इफेक्ट्स के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं है। लेकिन, हर्बल सप्लीमेंट या जड़ी-बूटी हमेशा सुरक्षित नहीं होते हैं। इसलिए किसी भी चीज का सेवन करने से पहले डॉक्टर या हर्बलिस्ट से परामर्श जरूर कर लें। वह आपकी मेडिकल हिस्ट्री व स्वास्थ्य का अध्ययन करके आपको बेहतर जानकारी दे सकता है।
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डोसेज
टिंडे को लेने की सही खुराक क्या है?
टिंडा भारत में एक सब्जी के रूप में खाया जाता है, लेकिन दवा के रूप में इसकी खुराक हर किसी के लिए अलग-अलग हो सकती है। जो कि, आपके लिंग, उम्र, स्वास्थ्य व अन्य कारणों पर निर्भर करता है। अत्यधिक मात्रा में सेवन करने पर आपको इससे कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए, सुरक्षा की दृष्टि से डॉक्टर या हर्बलिस्ट से संपर्क जरूर करें।
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उपलब्धता
किन रूपों में उपलब्ध है?
टिंडा निम्नलिखित रूपों में उपलब्ध है। जैसे-
रॉ टिंडा
सब्जी
टिंडा एक्सट्रैक्ट, आदि
अगर आपके मन में टिंडे के सेवन या इस्तेमाल आदि से जुड़ा कोई प्रश्न या शंका है, तो बेहतर होगा कि किसी डॉक्टर या हर्बलिस्ट की मदद लें। हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
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