परिचय
व्हाइट लिली (White Lily) क्या है?
व्हाइट लिली एक बारहमासी फूल वाला पौधा है। इसका वैज्ञानिक नाम लिलियम कैंडिडम (lilium candidum) है। ये Liliaceae परिवार से ताल्लुख रखता है। पौराणिक समय से इसके फूल, पत्तियों और जड़ों का प्रयोग दवाओं में किया जाता आ रहा है। इसमें कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। सर्दी, खांसी, ब्रोंकाइटिस और फेफड़ों की बीमारियों में ये राहत पहुंचाता है। यह स्किन के जलने, जख्म को भरने और डैमेज स्किन को ठीक करने के लिए कारगर है। ट्यूमर, अल्सर और किसी तरह की सूजन को दूर करने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। इसके ऑयल का इस्तेमाल परफ्यूम इंडस्ट्री में किया जाता है। इसके फूलों को तब तोड़ा जाता है जब वो पूरी तरह से खुल गए हो और उनका इस्तेमाल रस निकालने या मलहम और टिंचर बनाने के लिए किया जा सकता है। इसके फूलों के पराग का इस्तेमाल मिर्गी के उपचार में फायदेमंद माना जाता है।
व्हाइट लिली (White Lily) का उपयोग किस लिए किया जाता है?
एंटी-बैक्टीरियल (Anti bacterial):
व्हाइट लिली में एंटी-बैक्टीरियल प्रॉपर्टीज होती हैं जो स्किन पर जलन और घावों के उपचार में मददगार है। इसके लिए लिली के फूलों और पत्तियों का पाउडर इस्तेमाल किया जाता है। अल्सर के लिए भी ये बेहद फायदेमंद है।
कोल्ड और कफ (Cold and Cough):
सर्दी-खांसी में लिली की रूट लाभदायक होती है। इसमें एक्सपेक्टोरेंट प्रॉपर्टीज होती हैं जो श्वसन रोगों को ठीक करने में मदद करता है। को साफ करता है और कफ को बाहर निकालता है।
सूजन को करे दूर (Inflammation):
इसमें सैपोनिन होता है जो शरीर के किसी भी हिस्से में होने वाली सूजन को कम करता है। इसके साथ ही ये मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में भी मदद गार है।
फ्लेवोनॉयड (Flavonoid):
इसमें मौजूद फ्लेवोनॉयड रक्त वाहिकाओं को मजबूत बनाते हैं और कैंसर जैसी घातक बीमारी के ऊतकों को बढ़ने से रोकते हैं। इसके अलावा, ये शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
विटामिन सी (Vitamin C):
व्हाइट लिली में विटामिन-सी होता है जो हड्डियों की वृद्धि को बढ़ावा देने के साथ हार्मोन के विकास में मदद करता है। शरीर से विषैले तत्व बाहर निकालने में मदद करता है। विटामिन सी हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। शरीर में पर्याप्त विटामिन-सी की मात्रा होने से सर्दी, खांसी व अन्य तरह के इंफेक्शन होने का खतरा कम हो जाता है। इतना ही नहीं यह कई तरह के कैंसर से भी रक्षा कवच प्रदान करता है।
इन परेशानियों में भी है मददगार:
- कफ (Cough)
- ब्लीडिंग (Bleeding)
- स्किन अल्सर (Skin Ulcer)
- जले पर लगाने के लिए (Burn)
- स्किन पर लाली और सूजन होना (Swelling)
- पाचन तंत्र को बनाए मजबूत (Strengthens the digestive system)
- भूख में सुधार (Improve appetite)
- अवसाद को करे दूर (Overcome depression)
- कैंसर से बचाव (Cancer prevention)
कैसे काम करती है व्हाइट लिली (White Lily)?
व्हाइट लिली कैसे काम करती है इस पर पर्याप्त अध्ययन होना अभी बाकी है। अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें। हालांकि, इस पर हुए ताजा शोध में यह बात सामने आई है कि इसमें कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो कैंसर जैसी घातक बीमारी के होने की संभावना को कम करती है। इसमें एस्ट्रिंजेंट प्रॉपर्टिज होती हैं जो डैमेज स्किन और टिशू को बनाने का काम करती है। इसके साथ ही व्हाइट लिली के बल्ब और फूलों में डेमुलसेंट (demulcent), एमेनागॉग (emmenagogue), एमोलिएंट (emollient) and एक्सपेक्टोरेंट (expectorant) प्रॉपर्टीज होती हैं।
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उपयोग
कितना सुरक्षित है व्हाइट लिली (White Lily) का उपयोग ?
वैसे तो व्हाइट लिली ज्यादातर सभी लोगों के लिए सीमित है, लेकिन ये लोग इसे लेने से पहले अपने डॉक्टर, फार्मासिस्ट या हर्बलिस्ट से परामर्श करें, यदि:
- प्रेग्नेंट और ब्रेस्ट फीडिंग कराने वाली महिलाएं इसका सेवन न करें। ऐसा इसलिए क्योंकि इस दौरान गर्भवती मां की इम्यूनिटी काफी कमजोर होती है, ऐसे में किसी भी तरह की दवाई लेने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लेनी चाहिए।
- यदि आप पहले से ही दूसरी दवाइयां ले रहे हैं तो भी इसका सेवन डॉक्टर की परामर्श के बिना न करें।
- आपको किसी दवा या फिर हर्ब से एलर्जी है।
- आपको कोई दूसरी तरह की बीमारी, डिसऑर्डर, या मेडिकल कंडीशन है।
- आपको किसी तरह की एलर्जी है, जैसे किसी खास तरह के खाने से, डाय से, प्रिजर्वेटिव या फिर जानवर से।
दवाइयों की तुलना में हर्ब्स लेने के लिए नियम ज्यादा सख्त नहीं हैं। बहरहाल यह कितना सुरक्षित है इस बात की जानकारी के लिए अभी और भी रिसर्च की जरूरत है। इस हर्ब को इस्तेमाल करने से पहले इसके रिस्क और फायदे को अच्छी तरह से समझ लें। हो सके तो अपने हर्बल स्पेशलिस्ट या डॉक्टर से सलाह लेकर ही इसे यूज करें।
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साइड इफेक्ट्स
व्हाइट लिली (White Lily) से मुझे क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं?
सीमित मात्रा में इसका सेवन सुरक्षित है। अधिक मात्रा में इसका सेवन करना नुकसानदायक साबित हो सकता है। अगर आपको इसका सेवन करने के बाद कोई भी साइड इफेक्ट महसूस हो या आप इनके बारे में और जानना चाहते हैं तो नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें।
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डोजेज
व्हाइट लिली (White Lily) को लेने की सही खुराक क्या है?
व्हाइट लिली की खुराक हर मरीज के लिए अलग हो सकती है। आपके द्वारा ली जाने वाली खुराक आपकी उम्र, स्वास्थ्य और कई अन्य स्थितियों पर निर्भर करती है। अपनी उचित खुराक के लिए अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें।
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उपलब्ध
किन रूपों में उपलब्ध है व्हाइट लिली (White Lily)?
व्हाइट लिली निम्नलिखित रूपों में उपलब्ध है:
- रॉ व्हाइट लिली (Raw white lily)
- व्हाइट लिली रूट एक्सट्रेक्ट (White lily root extract)
- व्हाइट लिली एक्सट्रेक्ट कैप्सूल (White lily extract capsule)
हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की मेडिकल सलाह, निदान या सारवार नहीं देता है न ही इसके लिए जिम्मेदार है।
हम आशा करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में इस हर्बल से जुड़ी ज्यादातर जानकारियां देने की कोशिश की है, जो आपके काफी काम आ सकती हैं। अगर आपको ऊपर बताई गई कोई सी भी शारीरिक समस्या है तो इस हर्ब का इस्तेमाल आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। बस इस बात का ध्यान रखें कि हर हर्ब सुरक्षित नहीं होती। इसका इस्तेमाल करने से पहले अपने डॉक्टर या हर्बलिस्ट से कंसल्ट करें तभी इसका इस्तेमाल करें। व्हाइट लिली से जुड़ी यदि आप अन्य जानकारी चाहते हैं तो आप हमसे कमेंट कर पूछ सकते हैं।
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